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इनकम टैक्स विभाग ने असेंसमेंट ईयर 2025-26 के लिए अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर ITR-6 की एक्सेल यूटिलिटी उपलब्ध करा दिया है. (Image: x.com/IncomeTaxIndia)
Income Tax Department Launches ITR-6 Excel Utility for AY 2025-26: File Returns Now : असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिएइनकम टैक्स विभाग ने आईटीआर 6 एक्सेल यूटिलिटी (ITR-6 Excel Utility) जारी की. अब एलिजिबल कंपनियां वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अपना इनकम टैक्स रिटर्न आसानी से फाइल कर सकती हैं. विभाग ने इसी शुक्रवार को अपने आधिकारिक X हैंडल से किए एक पोस्ट में यह जानकारी दी. पोस्ट में लिखा - टैक्सपेयर्स का ध्यान दें. असेंसमेंट ईयर 2025-26 के लिए ITR-6 की एक्सेल यूटिलिटी अब लाइव है और रिटर्न फाइलिंग के लिए उपलब्ध है.
Kind Attention Taxpayers!
— Income Tax India (@IncomeTaxIndia) August 15, 2025
The facility for filing Updated Returns for AY 2021-22 and AY 2022-23 for ITR-3 & ITR-4 is now available.
Visit: https://t.co/uv6KQUbpQXpic.twitter.com/MoD1VXfFLw
कौन फाइल कर सकता है ITR-6?
ITR-6 उन कंपनियों के लिए है जो कंपनीज एक्ट (Companies Act) के तहत रजिस्टर्ड हैं, लेकिन वे कंपनियां जो इनकन टैक्स एक्ट की धारा 11 के तहत एग्जम्पशन क्लेम करती हैं, उन्हें यह फॉर्म भरने की आवश्यकता नहीं है. धारा 11 धर्मार्थ या धार्मिक उद्देश्यों के लिए रखे गए संपत्ति से होने वाली आय को कवर करता है.
कॉर्पोरेट टैक्सपेयर्स के लिए ITR-6 Excel Utility की रिलीज अहम है, क्योंकि यह रिटर्न फाइलिंग की आधिकारिक शुरुआत है. समय पर फाइलिंग करने से जुर्माना बचता है और रिफंड की प्रक्रिया तेज होती है. अब सभी 7 फॉर्म्स उपलब्ध हैं, इसलिए टैक्सपेयर्स को सलाह है कि वे 15 सितंबर की अंतिम तारीख से पहले अपनी फाइलिंग पूरी कर लें, ताकि तकनीकी समस्याओं या विलंब पर ब्याज से बचा जा सके.
अन्य ITR फार्म्स कब किए गए नोटिफाई?
इससे पहले, विभाग ने सभी 7 ITR फॉर्म्स असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए नोटिफाई कर दिए थे.
ITR-1 (Sahaj) और ITR-4 (Sugam) – छोटे और मझोले टैक्सपेयर्स के लिए, 29 अप्रैल को नोटिफाई.
ITR-7 – ट्रस्ट और धर्मार्थ संस्थाओं के लिए, 11 मई को नोटिफाई.
ITR-2, ITR-3 और ITR-5 – पहले ही जारी, बजट संशोधनों के अनुसार अपडेट किए गए.
सरकार ने उन टैक्सपेयर्स के लिए, जिन्हें ऑडिट कराने की आवश्यकता नहीं है, रिटर्न फाइलिंग की डेडलाइन 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर, 2025 कर दी है.
इस साल के ITR फॉर्म्स में मुख्य बदलाव
कैपिटल गेन रिपोर्टिंग
कैपिट गेन को अब 23 जुलाई 2024 से पहले और बाद के आधार पर अलग-अलग दिखाना अनिवार्य है.
लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG)
रियल एस्टेट पर LTCG टैक्स घटकर 12.5% (बिना इंडेक्सेशन) हो गया है, पहले 20% (इंडेक्सेशन सहित) था.
ITR-1 और ITR-4 में राहत
अब वे लोग जो सैलरी लेते हैं या प्रीजम्प्टिव टैक्स सिस्टम के तहत टैक्स भरते हैं, 1.25 लाख रुपये तक का लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) सीधे ITR-1 या ITR-4 में रिपोर्ट कर सकते हैं
ITR-3 में राहत
अब एसेट्स और लायबिलिटीज की जानकारी तभी देनी होगी जब कुल रकम 1 करोड़ रुपये से ज्यादा हो, पहले यह सीमा 50 लाख रुपये थी.
ये भी जानें
ITR-1 (Sahaj): यह फॉर्म वेतनभोगी टैक्सपेयर्स के लिए है जिनकी आय 50 लाख रुपये तक है. इसमें एक हाउस प्रॉपर्टी, अन्य स्रोत से आय और कृषि आय 5,000 रुपये तक शामिल है. इस फॉर्म में अब LTCG 1.25 लाख रुपये तक बिना ITR-2 में शिफ्ट किए रिपोर्ट किया जा सकता है.
ITR-2: यह फॉर्म Individuals और HUFs के लिए है जिनके पास कैपिटल गेंस है लेकिन व्यवसाय या प्रोफेशन से आय नहीं है. इस फॉर्म में ऑनलाइन फाइलिंग प्री-फिल्ड डेटा के साथ संभव है.
ITR-3: यह फॉर्म Individuals और HUFs के लिए है जिनके पास व्यवसाय या प्रोफेशन से आय है. इस वर्ष एसेट और लाइबिलिटी की रिपोर्टिंग सीमा 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दी गई है.
ITR-4 (Sugam): यह फॉर्म Individuals, HUFs और non-LLP फर्मों के लिए है जिनकी अनुमानित आय 50 लाख रुपये तक है. इसमें LTCG 1.25 लाख रुपये तक रिपोर्ट किया जा सकता है.
ITR-5: यह फॉर्म फर्मों, LLPs और कोऑपरेटिव सोसाइटी के लिए है. इस फॉर्म में इस वर्ष कोई विशेष बदलाव नहीं किया गया है.
ITR-6: यह फॉर्म Companies Act के तहत पंजीकृत कंपनियों के लिए है. इसकी एक्सेल यूटिलिटी 15 अगस्त 2025 को जारी कर दी गई है.
ITR-7: यह फॉर्म ट्रस्ट और धर्मार्थ संस्थाओं के लिए है और इसे 11 मई 2025 को नोटिफ़ाई किया गया था.