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Income Tax Return 2024: आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2024 है. (Image : Pixabay)
Income Tax Return Filing 2024 : इनकम टैक्स रिटर्न भरने का जिक्र होते ही तमाम नौकरीपेशा लोगों को सबसे पहले फॉर्म 16 की याद आती है. क्योंकि उनके लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय सबसे जरूरी दस्तावेज यही फॉर्म होता है. फॉर्म 16 आमतौर पर एंप्लॉयर्स द्वारा कर्मचारियों को जारी किया जाता है. इस फॉर्म में किसी कर्मचारी को उस वित्त वर्ष के दौरान दिए गए वेतन और स्रोत पर काटे गए टैक्स (TDS) का ब्योरा दिया जाता है. लेकिन बहुत सारे सैलरीड लोगों, फ्रीलांसर्स, कंसल्टेंट्स और कई अलग-अलग स्रोतों से कमाई करने वाले लोगों के पास फॉर्म 16 नहीं होता है. ऐसे में सवाल ये है कि इस जरूरी दस्तावेज के बिना आयकर रिटर्न (ITR) भरने के लिए उन्हें क्या करना होगा? हमने यहां स्टेप-बाइ-स्टेप बताया है कि जिन टैक्सपेयर्स के पास फॉर्म 16 नहीं है, वे अपना आयकर रिटर्न कैसे दाखिल कर सकते हैं.
जरूरी दस्तावेज जुटाएं
सबसे पहले, टैक्सपेयर को अपनी आय को सटीक रूप से रिपोर्ट करने के लिए नीचे दिए गए सभी जरूरी दस्तावेज इकट्ठा करने होंगे :
सैलरी स्लिप और इनकम डिटेल : सैलरीड व्यक्ति को अपनी आय, कटौती और टीडीएस के विवरण के साथ मासिक और/या वार्षिक सैलरी स्लिप इकट्ठा करनी चाहिए. गैर-नौकरीपेशा लोगों को वित्त वर्ष 2023-24 के इनकम डिटेल और चालान इकट्ठा करने चाहिए.
बैंक विवरण: अपने सभी खातों के लिए बैंक विवरण हासिल करें जहां आय जमा की गई है. इसमें बचत खातों, सावधि जमा और किसी भी अन्य आय स्रोत पर अर्जित ब्याज शामिल है.
इनवेस्टमेंट प्रूफ : वित्तीय वर्ष के दौरान विभिन्न धाराओं जैसे 80C (जैसे, LIC प्रीमियम रसीदें, PPF योगदान), 80D (जैसे, स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम रसीदें), और अन्य पात्र कटौती के तहत किए गए निवेश के प्रमाण जुटाएं. अगर टैक्सपेयर ओल्ड टैक्स रिजीम को चुनता है तो इसकी जरूरीता होगी.
किराए की रसीदें: अगर हाउस रेंट अलाउंस (HRA) पर मिलने वाली टैक्स छूट का दावा करना है, तो किराए की सभी रसीदें इकट्ठा करें. अगर टैक्सपेयर ओल्ड टैक्स रिजीम को चुनता है तो इसकी जरूरत होगी.
कुल आय का कैलकुलेशन करें
एक बार सारे जरूरी दस्तावेज इकट्ठा हो जाने के बाद, टैक्सपेयर को अपनी ग्रॉस टोटल इनकम का कैलकुलेशन करना होगा. इसके लिए टैक्सपेयर को ग्राहकों या एंप्लॉयर्स (अगर लागू हो) से मिले सैलरी स्लिप या इनकम डिटेलों के आधार पर पूरी कमाई का हिसाब लगाना होगा. अगर सैलरीड हैं, तो 50,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ-साथ HRA और LTA पर मिलने वाली टैक्स छूट भी टैक्सेबल इनकम से डिडक्ट की जाएगी. कुल आमदनी को जोड़ते समय एफडी, बचत खाता, डाकघर बचत योजना समेत किसी भी स्रोत से हुई आय को शामिल करना न भूलें. इसके अलावा किराये से होने वाली आय, निवेश पर हुए पूंजीगत लाभ या आय के किसी अन्य स्रोत को भी शामिल करें. अगर आपको रिहायशी घर के किराये से आय होती है, तो मेंटेनेंस के लिए 30% कटौती का दावा कर सकते हैं. साथ ही भुगतान किए गए म्युनिसिपल टैक्स को भी घटाएं. अगर होम लोन पर कोई ब्याज चुकाया गया है, तो उसे भी किराये की आय से घटाया जाना चाहिए.
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डिडक्शन और एग्जम्प्शन का हिसाब लगाएं
एक बार ग्रॉस टोटल इनकम का कैलकुलेशन हो जाने के बाद, आयकर अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मिलने वाले डिडक्शन और एग्जम्प्शन को समझना जरूरी है. आम कटौतियों में धारा 80सी (जैसे, पीपीएफ, एनएससी, ईएलएसएस), धारा 80डी के तहत स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम, धारा 80जी वगैरह शामिल हैं. आपके पास क्लेम किए गए सभी छूट के लिए प्रूफ होने चाहिए.
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टैक्स देनदारी कैलकुलेट करें
अपनी कुल टैक्स देनदारी का सही कैलकुलेशन करने के लिए सभी आय और कटौतियों का सही-सही आकलन और हिसाब रखना ज़रूरी है. एक बार टैक्सेबल इनकम तय हो जाने के बाद, टैक्स स्लैब के हिसाब की मौजूदा दरों के हिसाब से अपनी टैक्स देनदारी कैलकुलेट करें. टैक्सेबल इनकम का हिसाब लगाते समय ओल्ड और न्यू - दोनों टैक्स रिजीम के तहत अपनी टैक्स देनदारी की तुलना करें. इससे आप उस रिजीम का चुनाव कर पाएंगे, जिसमें आपको कम टैक्स भरना पड़ेगा.
सही ITR फॉर्म चुनकर भरें
इसके बाद टैक्सपेयर को अपनी आय के स्रोत, रेजिडेंशियल स्टेटस और एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया के आधार पर सही ITR फॉर्म सेलेक्ट करना होगा. इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स के लिए आम तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले फॉर्म में आम तौर पर ITR-1 (सहज) और ITR-2 शामिल होते हैं. गलत ITR फॉर्म चुनने पर गलत रिटर्न फाइल हो सकता है. इसलिए सही ITR फॉर्म चुनने में सावधानी बरतनी चाहिए.
ITR फॉर्म जमा करना
ITR फॉर्म जमा करने के कई तरीके हैं. टैक्सपेयर चाहें तो ई-फाइलिंग पोर्टल (https://www.incometaxindiaefiling.gov.in/ ) या थर्ड-पार्टी वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन ITR दाखिल कर सकते हैं. JSON यूटिलिटी की मदद से भी ऐसा किया जा सकता है. अपना ITR फॉर्म सही ढंगसे सबमिट होने के बाद, एक्नॉलेजमेंट रसीद (acknowledgment receipt) यानी ITR-V डाउनलोड करें. यह दस्तावेज इस बात की पुष्टि करता है कि आपने अपना टैक्स रिटर्न आयकर विभाग में दाखिल कर दिया है.
ITR-V का वेरिफिकेशन
फाइलिंग प्रॉसेस को पूरा करने के लिए, ई-फाइलिंग के 30 दिनों के भीतर, अपने ITR-V को वेरिफाइ करना जरूरी है. यह काम आप अपने आधार OTP या नेट बैंकिंग के जरिए इलेक्ट्रॉनिक रूप से कर सकते हैं. या फिर CPC बैंगलोर को ITR-V की दस्तखत की हुई फिजिकल कॉपी पोस्ट से भेज सकते हैं.