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RBI गवर्नर ने कहा है कि ब्याज दरों में कटौती पर अभी बात करना जल्दबाजी होगी. (File Photo: Reuters)
Interest rate cut talks premature now, says RBI Governor : भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि जून के महीने में देश की खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation) 5 फीसदी के आसपास रहने के आसार हैं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जब तक महंगाई दर आरबीआई के 4 फीसदी के लक्ष्य तक नहीं पहुंच जाती ब्याज दरों में कटौती पर बात करना ठीक नहीं होगा. उन्होंने अभी इस बारे में बात करने को जल्दबाजी बताया. रिजर्व बैंक के गवर्नर के इस बयान को निकट भविष्य में नीतिगत ब्याज दरों में कटौती नहीं किए जाने का संकेत भी माना जा सकता है. शक्तिकांत दास ने ये बातें एक प्राइवेट टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कही हैं. उन्होंने यह भी बताया है कि RBI इन दिनों एक 'न्यूट्रल' ब्याज दर को स्टडी कर रहा है.
रेट कटौती पर बात करना जल्दबाजी : दास
रिजर्व बैंक के चीफ ने गुरुवार को प्रसारित इंटरव्यू में कहा कि भारत की खुदरा महंगाई दर (CPI headline inflation) जून के महीने में 5 फीसदी के आसपास रहने की उम्मीद है, जो भारतीय रिजर्व बैंक की उम्मीदों के अनुरूप है. लेकिन यह अब भी अपने 4 फीसदी के लक्ष्य से बहुत दूर है. लिहाजा अभी ब्याज दरों में कटौती के बारे में बात शुरू नहीं की जा सकती. दास ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि महंगाई दर जब तक आरबीआई के 4 फीसदी के लक्ष्य के करीब नहीं पहुंच जाती, मॉनेटरी पॉलिसी के रुख में बदलाव किए जाने के बारे में बात करना जल्दबाजी होगी.
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RBI की लगातार 8 मीटिंग में नहीं घटीं ब्याज दरें
गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने पिछले महीने हुई अपनी मॉनेटरी पॉलिसी की रिव्यू मीटिंग में लगातार आठवीं बार मुख्य नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया. हालांकि मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी के 6 में से 2 सदस्यों ने ब्याज दरें घटाए जाने के पक्ष में मतदान किया था. लेकिन गवर्नर शक्तिकांत दास का मानना है कि आरबीआई को फिलहाल अपना पूरा ध्यान महंगाई को काबू में रखने के अपने लक्ष्य को हासिल करने पर केंद्रित रखना चाहिए. इस बीच, न्यूज एजेंसी रॉयटर्स द्वारा कराए गए अर्थशास्त्रियों के पोल के अनुसार देश में खुदरा महंगाई दर जून में मामूली रूप से बढ़कर 4.8 फीसदी रहने का अनुमान है. मई में यह दर 4.75 फीसदी रही थी. देश में खुदरा महंगाई दर के आधिकारिक आंकड़े शुक्रवार को जारी किए जाने हैं.
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क्या होगी RBI की 'न्यूट्रल' ब्याज दर?
शक्तिकांत दास ने यह भी कहा है कि देश में विकास की रफ्तार मजबूत बनी हुई है और मार्च 2025 में खत्म होने वाले मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान 7.2 फीसदी की आर्थिक विकास दर हासिल करना काफी हद तक संभव है. इतना ही नहीं, उन्होंने यह उम्मीद भी जाहिर की है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 8 फीसदी विकास दर की ओर बढ़ रही है और वह देश की आर्थिक संभावनाओं के बारे में बहुत "आशावादी" हैं. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि रिजर्व बैंक एक न्यूट्रल या तटस्थ ब्याज दर का अध्ययन कर रहा है. दास के मुताबिक यह न्यूट्रल ब्याज दर, उस वक्त लागू होगी, जब आरबीआई महंगाई दर को काबू में रखने का अपना लक्ष्य हासिल कर लेगा और देश की विकास दर अपने ऊंचे स्तर पर होगी. शक्तिकांत दास ने कहा कि इस न्यूट्रल ब्याज दर के बारे में आरबीआई का अनुमान अगले 1-2 महीनों में जारी किए जाने की संभावना है.