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अगर आपकी सालाना आय 50 लाख रुपये या उससे कम है, तो आप ITR 1 Sahaj फॉर्म भर सकते हैं. Photograph: (AI Generated)
ITR Filing 2025: ITR-1 Form Sahaj simplified for salaried individuals, pensioners: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने का सीजन आ चुका है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बीते वित्त वर्ष 2024-25 यानी असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए सभी ITR फॉर्म नोटिफाई कर दिए हैं. इसका मतलब है कि अब आप 1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 के बीच हुई अपनी कमाई का हिसाब-किताब सरकार को दे सकते हैं. लेकिन अगर आप सैलरीड या पेंशनर क्लास से हैं या सिर्फ ब्याज से आपकी कमाई होती है, तो घबराइए नहीं. आपके लिए है सबसे आसान और एक पन्ने का फॉर्म - ITR-1 है.
ITR-1 फॉर्म को सहज के नाम से भी जाना जाता है. इस लेख में हम आसान भाषा में समझेंगे कि ITR-1 'सहज' फॉर्म क्या है, इसे कौन भर सकता है और कौन नहीं, इसमें इस साल क्या छोटे बदलाव हुए हैं और इसे ऑनलाइन कैसे भरा जा सकता है. साथ ही, हम आपको स्टेप-बाय-स्टेप तरीका बताएंगे ताकि 31 जुलाई की आखिरी तारीख से पहले आप आसानी से अपना टैक्स रिटर्न भर सकें.
क्या है ये 'सहज' फॉर्म (ITR-1)?
ITR-1, जैसा कि नाम से ही ज़ाहिर है, इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने का सबसे 'सहज' यानी आसान तरीका है. यह एक सिंगल पेज का फॉर्म है, जिसे खास तौर पर ऐसे व्यक्तियों के लिए डिज़ाइन किया गया है जिनकी आय के स्रोत सीमित हैं. अगर आपकी कुल सालाना आय ₹50 लाख या उससे कम है, तो यह फॉर्म आपके लिए ही है.
कौन-कौन भर सकता है ITR-1 'सहज' फॉर्म?
आप ITR-1 फाइल कर सकते हैं अगर आपकी आय इन स्रोतों से आती है:
सैलरी या पेंशन: एक या अधिक एंप्लायर्स से मिलने वाली सैलरी या पेंशन.
मकान का किराया: सिर्फ एक मकान से मिलने वाला किराया (और कोई हाउस प्रॉपर्टी लॉस आगे नहीं ले जा रहे)
ब्याज की कमाई: बैंक, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) या पोस्ट ऑफिस से मिलने वाला ब्याज.
शेयर बाजार का कमाल (कुछ शर्तों के साथ): सेक्शन 112A के तहत इक्विटी शेयर या म्यूचुअल फंड से ₹1.25 लाख तक का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG), और कोई लॉस आगे नहीं ले जा रहे.
फैमिली इनकम: अगर आपके जीवनसाथी या नाबालिग बच्चों की आय भी इन्हीं सीमाओं में आती है, तो उनकी आय को अपनी आय में जोड़कर दिखा सकते हैं.
सबसे अहम बात: अपना पैन कार्ड आधार से लिंक करना न भूलें! इसके बिना आपका ITR मान्य नहीं होगा.
कौन ITR-1 नहीं भर सकता?
आप यह फॉर्म नहीं भर सकते अगर:
आपकी कुल आय 50 लाख रुपये से अधिक है
आप किसी कंपनी के डायरेक्टर हैं या आपके पास अनलिस्टेड शेयर हैं
आप NRI या RNOR (Residents Not Ordinarily Resident) हैं
या फिर आपकी आय इन स्रोतों से आती है:
दो या अधिक मकान
लॉटरी, घुड़दौड़, सट्टा आदि
1.25 लाख रुपये से अधिक कैपिटल गेन या लॉस
5,000 रुपये से अधिक की कृषि आय
बिजनेस या फ्रीलांस प्रोफेशन
विदेश में प्रॉपर्टी या बैंक अकाउंट
ESOP पर डिफर्ड टैक्स
क्रिप्टो या वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से आय
सेक्शन 194N के तहत TDS कटा हो
इस साल ITR-1 (AY 2025-26) में क्या बदलाव हुए हैं?
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन की रिपोर्टिंग में छूट: अब 1.25 लाख रुपये तक का LTCG भी ITR-1 में दिखा सकते हैं, पहले ITR-2 अनिवार्य था
डिडक्शन इंटरफेस अपडेट: अब 80C से 80U तक छूट चुनने के लिए ड्रॉपडाउन मेन्यू मिलेगा
विदेशी रिटायरमेंट अकाउंट: सेक्शन 89A के तहत नया सेक्शन जोड़ा गया है
आधार एनरोलमेंट ID हटा दी गई: अब सिर्फ वैध 12-अंकों का आधार ही मान्य होगा
TDS डिटेल्स में नया कॉलम: अब यह बताना जरूरी होगा कि किस सेक्शन के तहत TDS कटा है
ITR-1 भरने के लिए जरूरी दस्तावेज – पहले से रखें तैयार
सभी नियोक्ताओं से मिला फॉर्म 16
फॉर्म 26AS (TDS मिलान के लिए)
निवेश रसीदें (80C, 80D, HRA आदि)
पैन कार्ड और आधार कार्ड
बैंक ब्याज डिटेल्स (एफडी, सेविंग्स अकाउंट पासबुक)
ITR-1 फॉर्म का स्ट्रक्चर क्या है?
Part A – सामान्य जानकारी (नाम, पैन, पता, आधार)
Part B – कुल सकल आय (सैलरी, हाउस प्रॉपर्टी, अन्य स्रोत)
Part C – छूट और कर योग्य आय
Part D – टैक्स की गणना
Part E – बैंक डिटेल्स और अन्य जानकारी
Schedule IT – एडवांस टैक्स/स्व-मूल्यांकन टैक्स
Schedule TDS – TDS और TCS की डिटेल्स
वेरिफिकेशन सेक्शन
ITR-1 ऑनलाइन कैसे भरें? (स्टेप-बाय-स्टेप गाइड)
इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाएं
लॉगिन करें या नया अकाउंट बनाएं
e-File > Income Tax Returns > File Income Tax Return पर जाएं
AY 2025-26 और Filing Mode ‘Online’ चुनें
‘Start New Filing’ पर क्लिक करें
Status चुनें – Individual या HUF
ITR-1 फॉर्म सेलेक्ट करें
‘Let’s Get Started’ पर क्लिक करें
फाइलिंग का कारण चुनें – जैसे ‘Original’ या ‘Revised Return’
अब इन 5 सेक्शन को भरें
Personal Info: नाम, पैन, आधार, बैंक डिटेल्स
Gross Total Income: सैलरी, ब्याज आदि
Total Deductions: 80C, 80D जैसी छूट
Tax Paid: TDS, एडवांस टैक्स
Total Tax Liability: कितना टैक्स देना है या रिफंड मिलेगा
फॉर्म भरने के बाद सभी जानकारी ध्यान से चेक करें, वैलिडेशन करें, और अंत में ई-वेरिफिकेशन करें – OTP या आधार बेस्ड.
अगर आपकी सालाना आय 50 लाख रुपये से कम है और ऊपर बताए गए नियमों के तहत आती है, तो ITR-1 (सहज) आपके लिए सबसे सरल और उपयुक्त फॉर्म है. सही जानकारी के साथ समय पर रिटर्न फाइल करें ताकि किसी परेशानी से बचा जा सके.