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सोने की कीमतें बढ़ने की वजह से गोल्ड क्वॉइन ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं, क्योंकि लोग उन्हें कम जोखिम वाला और आसानी से बेचने वाला निवेश मानते हैं. Photograph: ((Image: FE File))
ठीक एक महीने पहले, 22 अप्रैल को, भारत में सोने की कीमत ने नया रिकॉर्ड तोड़ दिया. 10 ग्राम सोना 1 लाख रुपये तक पहुंच गया. तब शायद आपने सोचा होगा, "अब तो सोना खरीदना बहुत महंगा हो गया है." और यह बात सच भी है. पिछले एक साल में सोने की कीमतें काफी तेजी से बढ़ी हैं. असल में, सोना पिछले एक साल में 40% और पिछले दो सालों में 70% तक महंगा हो चुका है.
अब ज्यादातर लोगों को FOMO यानी "कहीं हम मौका न चूक जाएं" वाली भावना हो रही है. जब कीमतें अधिक होती हैं, तो सोना खरीदना और मुश्किल लगने लगता है. सोने की बढ़ती कीमत कुछ हद तक महंगाई जैसी होती है. मतलब अब उतने ही पैसे में आपको पहले से कम सोना मिलेगा.
2020 में 50,000 रुपये में 10 ग्राम सोना मिलता था, आज उतने पैसे में सिर्फ 5 ग्राम ही मिलेगा. तो अब आप क्या करें? सोना खरीदना सिर्फ एक बार की बात नहीं है. इसे समय-समय पर थोड़ा-थोड़ा करके खरीदना चाहिए, ताकि यह आपके वित्तीय योजना का हिस्सा बन सके. अब सबसे जरूरी बात यह है कि आपको स्पष्ट रूप से समझना चाहिए कि आप सोना क्यों खरीद रहे हैं - क्या निवेश के लिए, पहनने के लिए, या शादी-ब्याह जैसे अवसरों के लिए?
अगर आप असली सोना खरीदना चाहते हैं, तो ज्वेलरी पर 5% से 20% तक मेकिंग चार्ज लगता है, जो आपकी लागत बढ़ा देता है. इसलिए, एक किफायती विकल्प के तौर पर आप गोल्ड क्वॉइन खरीदने पर विचार कर सकते हैं.
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गोल्ड क्वॉइन क्यों अब भी है किफायती?
हां, बिल्कुल वैसे ही सिक्के जैसे आप 1 रुपये, 5 रुपये या 20 रुपये के नोट अपने पर्स में रखते हैं. फर्क इतना है कि ये क्वॉइन प्योर गोल्ड से बने होते हैं. सोने के ये क्वॉइन अलग-अलग वजन में उपलब्ध होते हैं. 0.5 ग्राम से लेकर 100 ग्राम तक और ये 22 या 24 कैरेट की प्योरिटी वाले होते हैं. यही वजह है कि ये किफायती भी होते हैं. साथ ही जब जरूरत हो, इन्हें बेचना और नकदी में बदलना भी आसान होता है. आपको केवल कुछ सिक्के ही बेचने होते हैं. लेकिन जब सोने की कीमतें इतनी बढ़ गई हैं, तो क्या लोग सच में गोल्ड क्वॉइन खरीद रहे हैं?
बिलकुल, गोल्ड क्वॉइन्स की मांग बढ़ रही है, खासकर तब जब सोने के दाम ऊपर जा रहे हों. पीपी ज्वेलर्स (पवन गुप्ता) के डायरेक्टर पीयूष गुप्ता बताते हैं कि ग्राहक इन्हें समझदारी भरा और कम जोखिम वाला निवेश मानते हैं, जिसे जरूरत पड़ने पर आसानी से बेचा जा सकता है. अच्छी बात यह है कि ये अलग-अलग वजन में आते हैं, जिससे छोटे निवेशक भी इन्हें आराम से खरीद सकते हैं.
अब सवाल उठता है कि कहां से खरीदा जाए गोल्ड क्वॉइन्स?
आप इन्हें सरकारी सपोर्ट वाले MMTC-PAMP स्टोर से, अपने शहर के प्राइवेट ज्वेलरी शोरूम से, या फिर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से भी खरीद सकते हैं.
वेंचुरा के CRM व कमोडिटी डेस्क हेड एन.एस. रामास्वामी बताते हैं कि प्रसिद्ध दुकानों से खरीदे गए सोने के सिक्के बेचने में आसानी होती है और आपको बेहतर रिसेल वैल्यू भी मिलता है. लेकिन इसकी खरीदारी के समय कुछ बातों का ध्यान रखना और सावधानियां बरतना जरूरी है. दरअसल वजन और प्योरिटी के हिसाब से सोने की कीमत अलग-अलग होती है. अगर गोल्ड क्वॉइन किसी खास डिजाइन वाला हो, तो उसकी कीमत और भी अधिक हो सकती है - भले ही उसका वजन और कैरेट समान हो. इसलिए सावधानी बरतें.
इंडिया बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व एस्पेक्ट ग्लोबल की एग्जीक्यूटिव चैयरपरसन अक्षा कंबोज बताती है कि हमेशा 24 कैरेट (999 या 999.9 शुद्धता) वाला सोना चुनें, पूरी जानकारी वाला बिल जरूर मांगें, और असली होने का प्रमाण पत्र भी लें. GST और बाकी चार्ज़ समझना भी जरूरी है. समझदारी से निवेश करने के लिए, विक्रेता की बाय-बैक पॉलिसी भी जरूर जांच लें क्योंकि जरूरत पड़ने पर आसानी से पैसे वापस मिलना ज़रूरी होता है.
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गोल्ड प्राइस पर एक नजर
इस समय एक औंस सोना 3,360 यूएस डॉलर (लगभग 95,950 रुपये प्रति 10 ग्राम) पर ट्रेड हो रहा है, जो 22 अप्रैल को बने 3,500 यूएस डॉलर के रिकॉर्ड से थोड़ा कम है.
क्या सोने की कीमत और बढ़ेगी?
ऐसे में सवाल है कि क्या सोने की कीमत और बढ़ेगी? इसका कोई निश्चित जवाब नहीं है. लेकिन दुनिया में चल रही अनिश्चितताएं - जैसे टैक्स बढ़ना या अमेरिका का कर्ज संकट बिगड़ना - सोने की कीमत को और ऊपर धकेल सकती हैं. जानकारों का मानना है कि आने वाले समय में सोने की कीमत और बढ़ सकती है, जिससे यह आम भारतीयों के लिए और भी महंगा हो जाएगा. ‘बॉन्ड किंग’ कहलाने वाले जेफ गंडलाक, जो DoubleLine Capital के CEO हैं, का कहना है कि सोना 4,000 यूएस डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है, यानी अभी के मुकाबले करीब 15% और बढ़ सकता है.
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आज भारत में 24 कैरेट सोने की कीमत 95,950 रुपये प्रति 10 ग्राम है. आप सोने की कीमत पर तो नियंत्रण नहीं कर सकते, लेकिन यदि यह आपके वित्तीय योजना में फिट बैठता है, तो आप समय-समय पर थोड़ा-थोड़ा करके सोना जमा कर सकते हैं.
गोल्ड क्वॉइन खरीदना एक आसान, सस्ता और समझदारी भरा तरीका है, जिसमें स्टोरेज की ज्यादा चिंता नहीं होती और जरूरत पड़ने पर इन्हें जल्दी कैश में बदला जा सकता है. सबसे अच्छी बात यह है कि ये आपके पास एक असली संपत्ति (रियल एसेट) के रूप में होता है - ठीक पैसों की तरह. जैसा कि J.P. Morgan ने 1912 में अमेरिकी संसद में कहा था – गोल्ड इज मनी. एवरीथिंग एल्स इज क्रेडिट (Gold is money. Everything else is credit). मतलब सोना ही असल पैसा है, बाकी सब उधार है.
(Article: Sunil Dhawan)