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Belated ITR: ज्यादातर टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने की डेडलाइन 16 सितंबर, 2025 को खत्म हो गई है. हालांकि, अब भी बिलेटेड ITR 31 दिसंबर, 2025 तक फाइल की जा सकती है. (AI Image)
ITR Filing AY 2025-26: हर साल इनकम टैक्स विभाग आईटीआर भरने की डेडलाइन तय करता है. इस साल तकनीकी दिक्कतों, फॉर्म में बदलाव और ऑडिट रिपोर्ट में देरी के कारण ITR फाइलिंग का काम थोड़ा देरी से शुरू हुआ. इसे देखते हुए टैक्सपेयर्स को अतिरिक्त समय दिया गया और डेडलाइन दो बार बढ़ाई गई. नॉन-ऑडिटेबल टैक्सपेयर्स यानी ज्यादातर टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने की डेडलाइन 16 सितंबर, 2025 को खत्म हो गई है. हालांकि, अब भी बिलेटेड ITR 31 दिसंबर, 2025 तक फाइल की जा सकती है.
हालांकि, टैक्स ऑडिट रिपोर्ट की फाइलिंग की डेडलाइन अब 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 अक्टूबर, 2025 कर दी गई है. लेकिन जिन टैक्सपेयर्स पर टैक्स ऑडिट लागू होता है, उनके लिए ITR फाइलिंग की डेडलाइन ऑडिट रिपोर्ट की डेडलाइन के साथ ही है और इसे बढ़ाया नहीं गया है.
एक टैक्सपेयर्स के तौर पर आपने कभी सोचा है कि अगर आप बिलेटेड ITR की डेडलाइन भी मिस कर दें तो क्या होगा? और अगर इस साल इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) बिल्कुल फाइल ही न करें, तो इसके क्या नतीजे होंगे? खासकर तब जब आपकी आमदनी छूट सीमा से ऊपर है और आपको इसे फाइल करना जरूरी है, तो इसके नतीजे और लगने वाली पेनल्टी क्या होंगी? आइए जानते हैं.
किसे ITR भरना है जरूरी?
भारत में कोई भी व्यक्ति जिसकी आय इनकम टैक्स एक्ट के तहत कर योग्य सीमा से ऊपर है, उसे हर वित्तीय वर्ष के लिए ITR फाइल करना अनिवार्य है.
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए, अगर आपकी सालाना कमाई इससे अधिक है
सामान्य टैक्सपेयर्स: 2.5 लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय
60 साल से ऊपर के वरिष्ठ नागरिक: 3 लाख रुपये से अधिक
80 साल से ऊपर के वरिष्ठ नागरिक: 5 लाख रुपये से अधिक
इसके अलावा, यदि आपकी आय कर योग्य सीमा से कम भी है, तो कुछ मामलों में आपको ITR फाइल करना पड़ सकता है, जैसे:
बैंक में जमा राशि 1 करोड़ रुपये से अधिक हो
विदेशी यात्रा पर 2 लाख रुपये से ज्यादा खर्च किया हो
बिजली बिल पर 1 लाख रुपये से ज्यादा खर्च किया हो
ITR फाइल करने वाले दो तरह के टैक्सपेयर्स: नॉन-ऑडिट और ऑडिट कैटेगरी
ITR फाइल करने वाले टैक्सपेयर्स को आम तौर पर दो कैटगरी में बांटा जाता है:
नॉन-ऑडिट कैटेगरी
इसमें वे लोग आते हैं जो सैलरीड, पेंशनर, छोटे व्यवसाय, फ्रीलांसर हैं या जिनके खातों का ऑडिट कराना जरूरी नहीं है. इस साल इन लोगों के लिए ITR फाइल करने की अंतिम तारीख 16 सितंबर, 2025 थी.
ऑडिट कैटेगरी
इसमें वे लोग शामिल हैं जो व्यवसायी या पेशेवर हैं और जिनका टर्नओवर या कुल आय तय सीमा से ऊपर है (व्यवसायियों के लिए 1 करोड़ रुपये और पेशेवरों के लिए 50 लाख रुपये).
इन टैक्सपेयर्स को अपने खातों का ऑडिट रिपोर्ट जमा करना जरूरी होता है.
इस साल टैक्स ऑडिट रिपोर्ट फाइल करने की डेडलाइन 31 अक्टूबर, 2025 तक बढ़ा दी गई है (पहले एक महीने की बढ़ोतरी के बाद).
हालांकि, इन ऑडिट किए गए टैक्सपेयर्स के लिए ITR फाइल करने की डेडलाइन अब तक बढ़ाई नहीं गई है.
नॉन-ऑडिट कैटेगरी वाले टैक्सपेयर्स के लिए क्या बचे हैं विकल्प?
अगर आप गैर-ऑडिट श्रेणी में आते हैं और 16 सितंबर तक ITR फाइल नहीं कर पाए, तो अभी भी आप बिलेटेड ITR फाइल कर सकते हैं. इसके लिए आखिरी तारीख 31 दिसंबर, 2025 है.
लेकिन ध्यान रहे, इसके साथ कुछ पेनल्टी भी लग सकती है:
अगर आपकी आय 5 लाख रुपये से अधिक है, तो धारा 234F के तहत 5,000 रुपये की लेट फीस लगेगी.
अगर आपकी आय 5 लाख रुपये से कम है, तो पेनल्टी 1,000 रुपये तक हो सकती है.
ब्याज की पेनल्टी: अगर आपका टैक्स बकाया है, तो धारा 234A के तहत आपको हर महीने 1% ब्याज देना पड़ सकता है.
अगर आप बिलेटेड ITR भरने से भी चूक जाते हैं तो
अगर इस साल आप ITR बिल्कुल फाइल नहीं करते, तो स्थिति गंभीर हो सकती है.
आपकी आय की जानकारी टैक्स विभाग के पास बनी रहेगी.
विभाग बैंक ट्रांजेक्शन, TDS, AIS और SIS रिपोर्ट के आधार पर आपकी आय का अंदाज़ा लगा सकता है. अगर कोई मेल नहीं खाती, तो नोटिस भेजा जा सकता है.
आप 31 दिसंबर, 2025 के बाद बिलेटेड ITR भी फाइल नहीं कर पाएंगे.
कुछ खास मामलों में Condonation Request के जरिए देर से ITR फाइल करने की अनुमति मिल सकती है, लेकिन यह पूरी तरह विभाग की मंजूरी पर निर्भर करता है.
पेनल्टी और जांच का खतरा
अगर विभाग को आपकी अघोषित आय का पता चलता है, तो पेनल्टी 100% से 300% तक हो सकती है.
गंभीर मामलों में प्रॉसिक्यूशन की कार्रवाई भी हो सकती है.
लोन और वीजा पर असर
अगर आप ITR फाइल नहीं करते, तो इसका असर आपके वित्तीय रिकॉर्ड और क्रेडिट प्रोफाइल पर पड़ता है.
ITR को बैंकों और दूतावासों के लिए एक भरोसेमंद दस्तावेज़ माना जाता है.
इसलिए ITR न होने से आपको लोन, वीज़ा या बड़े निवेश के मामलों में परेशानी हो सकती है.
आईटीआर न भरने के लंबे समय तक असर
इनकम टैक्स रिटर्न सिर्फ एक टैक्स डॉक्युमेंट नहीं, बल्कि आपकी वित्तीय पहचान है.
आगे चलकर अगर आप होम लोन, बिज़नेस लोन, या बच्चे की पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन लेना चाहते हैं, या विदेश यात्रा के लिए वीज़ा के लिए आवेदन करते हैं, तो बैंक और दूतावास आम तौर पर आपकी आईटीआर की कॉपी मांगते हैं.
अगर आपने रिटर्न फाइल नहीं किया है, तो यह आपकी वित्तीय साख (financial credibility) पर नकारात्मक असर डाल सकता है.
इन बातों का रखें ध्यान
अगर आप इस साल आईटीआर फाइल करना भूल गए हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन देर बिल्कुल न करें. आपके पास अब भी 31 दिसंबर 2025 तक बिलेटेड रिटर्न भरने का मौका है. अगर आप इस तारीख तक भी नहीं भरते तो अगली बार रिटर्न फाइल करने की अनुमति पूरी तरह टैक्स विभाग की मर्जी पर निर्भर करेगी.
इसलिए आईटीआर न भरने की कीमत सिर्फ जुर्माने तक सीमित नहीं है. इससे भविष्य में कई आर्थिक मुश्किलें भी खड़ी हो सकती हैं. आखिरकार समय पर आईटीआर फाइल करना न सिर्फ आपकी टैक्स जिम्मेदारी है बल्कि आपकी वित्तीय अनुशासन का भी संकेत है.