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ITR Refund: आयकर रिफंड वक्त पर नहीं मिलाे तो टैक्सपेयर को फिर से रिक्वेस्ट भेजनी पड़ सकती है. (Image : PIxabay)
How to get Income Tax Refund : क्या आप भी उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) डेडलाइन से कई हफ्ते पहले दाखिल कर दिया था, लेकिन अपने टैक्स रिफंड का अब तक इंतजार ही कर रहे हैं? अगर हां, तो आप सबसे पहले यह बात समझ लें कि सिर्फ वक्त पर आटीआर फाइल करना इस बात की कोई गारंटी नहीं देता कि आपका टैक्स रिफंड आपके बैंक खाते में जल्दी आ जाएगा. ITR प्रोसेस होने के बाद ही टैक्स रिफंड आता है. इस प्रोसेसिंग के दौरान कोई भी अड़चन आपके रिफंड का रास्ता रोक सकती है. आम तौर पर ITR प्रोसेस होने के 4-5 सप्ताह के भीतर टैक्स रिफंड मिल जाना चाहिए. लेकिन अगर आपको इस अवधि के भीतर रिफंड नहीं मिला है, तो आपको आगे और कदम उठाने की जरूरत पड़ सकती है. यह जरूरी कदम है, 'रिफंड री-इश्यू' रिक्वेस्ट (refund re-issue request) भेजना.
कैसे चेक करें रिफंड का स्टेटस
आपको अपना ईमेल और एसएमएस चेक करते रहना चाहिए क्योंकि अगर टैक्स विभाग किसी वजह से आपका टैक्स रिफंड प्रोसेस नहीं कर पाता है, तो आपको इसकी सूचना भेजी जाएगी. इसके अलावा आप ITR ई-फाइलिंग वेबसाइट पर जाकर अपने टैक्स रिफंड का स्टेटस चेक कर सकते हैं. अगर आपके टैक्स रिफंड का स्टेटस बैंक खाते की गलत जानकारी के कारण 'रिफंड फेल्योर' (Refund failure) दिया गया है, या एड्रेस में गड़बड़ी या किसी और तकनीकी समस्या के कारण रिफंड जारी किए जाने के बावजूद आपके खाते में जमा नहीं हो पाया है, तो आपको आयकर रिफंड फिर से जारी करने का अनुरोध करना होगा.
कैसे फाइल करें 'रिफंड री-इश्यू' रिक्वेस्ट
स्टेप 1:आईटीआर ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाएं और अपने क्रेडेंशियल्स का उपयोग करके लॉगिन करें.
स्टेप 2: 'सर्विसेज' टैब पर जाएं और उसके अंदर 'रिफंड रीइश्यू' बटन पर क्लिक करें.
स्टेप 3: एक नया वेबपेज खुलने पर आपको 'क्रिएट रिफंड रीइश्यू रिक्वेस्ट' पर क्लिक करना होगा. इसके बाद उस ITR को चुनें जिसके लिए आप रिफंड रीइश्यू रिक्वेस्ट डालना चाहते हैं.
स्टेप 4:इसके बाद नेक्स्ट पर क्लिक करें और वह बैंक खाता चुनें जहां आप रिफंड प्राप्त करना चाहते हैं (अगर आपका चुना हुआ खाता वैलिडेटेड यानी मान्य नहीं है तो आपको पहले उसे वैलिडेट करना होगा).
स्टेप 5: इसके बाद ‘प्रोसीड’ पर क्लिक करें और फिर वेरिफिकेशन के लिए - आधार ओटीपी, EVC या DSC में किसी एक का चुनाव करें.
ईवीसी का मतलब है इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन कोड. यह एक 10 डिजिट वाला अल्फान्यूमरिक कोड होता है, जो आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजा जाता है. डीएसएसी का अर्थ है डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट, जो डिजिटल सिग्नेचर करने वाले की आइडेंटिटी को वेरिफाई करता है. अगर आपके पास यह सर्टिफिकेट है, तो आप अपने डिजिटल सिग्नेचर के जरिये भी वेरिफिकेशन कर सकते हैं.
इससे भी काम न बने तो क्या करें?
'रिफंड री-इश्यू' रिक्वेस्ट फाइल करने के बाद आपकी समस्या का समाधान हो जाना चाहिए. या फिर आपको इनकम टैक्स विभाग की तरफ से कोई जवाब मिलना चाहिए कि आपका रिफंड क्यों अटका हुआ है. लेकिन अगर बिना किसी साफ कारण के आपके रिफंड को प्रोसेस करने में काफी देर हो रही है और 'रिफंड री-इश्यू' रिक्वेस्ट फाइल करने के बाद भी लंबे समय तक कोई जवाब नहीं मिला है, या अगर आपके खाते में जमा की गई रिफंड की रकम सही नहीं है, तो आपको इनकम टैक्स विभाग के पास अपनी शिकायत दर्ज करानी होगी. इसके लिए आपको आयकर विभाग के ग्रीवांस रिड्रेसल (grievance redressal) की व्यवस्था का इस्तेमाल करना होगा.