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टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन नजदीक आने पर जानकार सावधानी से ITR भरने की सलाह देते हैं, ताकि जुर्माना, रिफंड में देरी या जांच जैसी परेशानियों से बचा जा सके. (Image: Pixabay)
ITR Filing 2025; Common mistakes that can cost you big : जैसे-जैसे इनकम टैक्स रिटर्न यानी आईटीआर फाइल करने की डेडलाइन यानी 31 जुलाई नजदीक आ रही है जानकार टैक्सपेयर्स को रिटर्न भरते समय सावधानी बरतने की नसीहत दे रहे हैं. दरअसल आईटीआर फाइलिंग में मामूली चूक इनकम टैक्सपेयर्स को परेशानी में डाल सकती है. इस दौरान की आम गलती उनका नुकसान भी करा सकती है. जिससे इनकम टैक्सपेयर्स को न सिर्फ जुर्माना देना पड़ सकता है, बल्कि रिफंड मिलने में देरी या फिर इनकम टैक्स विभाग की स्क्रूटनी का सामना भी करना पड़ सकता है. ऐसे में जरूरी है कि टैक्सपेयर्स समय रहते तैयारी शुरू करें और आम तौर पर होने वाली गलतियों से बचें.
अभी से तैयारी करें, ताकि बचा जा सके आखिरी वक्त की भागदौड़ से
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ITR फॉर्म उपलब्ध हैं. ऐसे में अभी से रिटर्न भरने की तैयारी करना समझदारी भरा कदम होगा. हर साल कई टैक्सपेयर्स जल्दबाजी में गलतियां कर बैठते हैं, जिससे या तो उन्हें रिटर्न दोबारा भरना पड़ता है या फिर नोटिस का सामना करना पड़ता है.
सबसे आम गलती जो लोग करते हैं, वह है - गलत ITR फॉर्म का चयन. वर्तमान में सात अलग-अलग ITR फॉर्म हैं, जो अलग-अलग तरह की आय और टैक्सपेयर्स कैटेगरी के लिए होते हैं. उदाहरण के लिए, अगर कोई व्यक्ति सैलरीड है और उसने ITR-3 या ITR-5 भर दिया, जो बिजनेस या प्रोफेशनल इनकम वालों के लिए है, तो उसका रिटर्न इनवैलिड हो जाएगा और उसे फिर से ITR फाइल करना पड़ेगा.
समय पर रिटर्न न भरने से लग सकता है 10,000 रुपये तक जुर्माना
ITR भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2025 है. अगर कोई व्यक्ति इस तारीख के बाद रिटर्न भरता है, तो उस पर 5,000 से लेकर 10,000 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है. इतना ही नहीं, देर से रिटर्न भरने पर आप टैक्स छूट (deductions) का फायदा नहीं उठा पाएंगे और पुराने घाटे को अगले सालों में नहीं ले जा सकेंगे. इसलिए समय पर रिटर्न भरना न सिर्फ कानूनी रूप से जरूरी है, बल्कि फायदे का सौदा भी है.
सभी सोर्सेज से हुई इनकम का करें जिक्र
कई बार लोग सिर्फ अपनी मुख्य इनकम, जैसे सैलरी या बिजनेस इनकम को ही रिटर्न में दिखाते हैं, जबकि अन्य सोर्सेज से हुई आमदनी को भूल जाते हैं या जानबूझकर छुपा लेते हैं. यह बहुत बड़ी गलती है.
बैंक के सेविंग अकाउंट या फिक्स्ड डिपॉजिट से मिलने वाला ब्याज, किराये की आमदनी, म्यूचुअल फंड या शेयर मार्केट से हुए कैपिटल गेन - इन सभी को भी रिटर्न में शामिल करना जरूरी होता है. अगर आप इनकम छुपाते हैं, तो टैक्स विभाग आपके फॉर्म 26AS या AIS (Annual Information Statement) से उसे पकड़ सकता है और फिर आपको नोटिस जारी किया जा सकता है.
रिटर्न भरने के बाद करें वेरिफिकेशन, वरना रद्द हो सकता है फॉर्म
कई लोग रिटर्न भरकर भूल जाते हैं कि उसे वेरिफाई भी करना होता है. इनकम टैक्स विभाग बिना वेरिफिकेशन के किसी भी रिटर्न को मान्यता नहीं देता. अगर आपने समय पर वेरिफिकेशन नहीं किया, तो आपका फॉर्म कैंसिल हो जाएगा. वेरिफिकेशन का प्रोसेस अब बहुत आसान है. आप इसे आधार OTP, नेट बैंकिंग, डिमैट अकाउंट, बैंक ATM या इनकम टैक्स पोर्टल के जरिए ऑनलाइन कर सकते हैं.
फॉर्म 26AS और AIS की जांच जरूर करें
रिटर्न भरने से पहले अपने फॉर्म 26AS और AIS को ध्यान से देखना चाहिए. ये दस्तावेज बताते हैं कि आपके नाम पर कौन-कौन से लेन-देन हुए हैं और कितना टैक्स पहले से कट चुका है. अगर आपने रिटर्न में कुछ अलग जानकारी दी और इन फॉर्म्स में कुछ और दिख रहा है, तो ये ‘मिसमैच’ टैक्स विभाग की नजर में आ सकता है. इसलिए रिटर्न भरने से पहले यह जांच जरूरी है कि आपकी जानकारी और इनकम टैक्स के रिकॉर्ड में कोई फर्क तो नहीं है.
क्या करें और क्या न करें
क्या करें:
समय पर फॉर्म भरें (31 जुलाई 2025 तक)
सही ITR फॉर्म चुनें
सभी आय का विवरण दें
रिटर्न भरने के बाद वेरिफाई जरूर करें
फॉर्म 26AS और AIS की जांच करें
क्या न करें:
आखिरी दिन का इंतजार न करें
आय छुपाने की कोशिश न करें
बिना वेरिफिकेशन रिटर्न न छोड़ें
गलत फॉर्म भरने से बचें