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डेडलाइन खत्म होने के बाद करदाताओं के पास 31 दिसंबर 2024 तक असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए पेनाल्टी और एक्स्ट्रा चार्ज के साथ बिलेटेड रिटर्न फाइल करने मौका होगा. (Image: Freepik)
ITR Filing: वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अगर आपने अबतक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नही किया है तो जल्द से जल्द इस काम को निपटा लें. इसके लिए अब दो दिन बचे हैं. आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए करदाताओं की ओर से अबतक 57,248,622 टैक्स रिटर्न फाइल किए जा चुके हैं. इन आंकड़ों में इजाफा करने में अगर आप भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करना चाहते हैं तो डेडलाइन खत्म होने से पहले टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं.
टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन 31 जुलाई बेहद करीब है. एक्स्ट्रा चार्ज या पेनाल्टी से बचने के लिए इस तारीख तक रिटर्न फाइल करना जरूरी है. डेडलाइन खत्म होने के बाद करदाताओं आईटीआर फाइल करने के लिए पेनाल्टी और ब्याज के रूप में अतिरिक्त पैसे खर्च करने होंगे. 31 जुलाई के बाद टैक्सपेयर्स असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए पेनाल्टी और एक्स्ट्रा चार्ज के साथ बिलेटेड रिटर्न फाइल कर सकेंगे. इसकी डेडलाइस 31 दिसंबर है. अगर कोई बिलेटेड रिटर्न करने से भी चूक जाता है तो उसे असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए अपडेटेड रिटर्न फाइल करने का अवसर मिलेगा. हालांकि अपडेटेड रिटर्न फाइल करने के लिए करदाताओं को और अधिक पेनाल्टी, ब्याज और एक्स्ट्रा पैसे खर्च करने होंगे.
अगर आप इस तरह के अतिरिक्त खर्चों से बचना चाहते हैं तो आखिरी वक्त में यहां बताए गए स्टेप्स की मदद से आईटीआर फाइल कर सकते हैं.
इन स्टेप्स की मदद से फाइल करें आईटीआर
सबसे पहले इनकम टैक्स विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट www.incometax.gov.in/iec/foportal/ पर जाएं.
अब यहां पैन कार्ड, आधार कार्ड या आईडी और पासवर्ड या ओटीपी वेरीफिकेशन विकल्प से लॉग-इन करें. अगर पहली बार इस वेबसाइट पर विजिट कर रहे हैं तो पैन कार्ड और अन्य जरूरी डिटेल की मदद से रजिस्टर करें. इस दौरान ओटीपी वेरीफिकेशन की जरूरत भी पड़ेगी. ऐसे में आधार से लिंक मोबाइल नंबर अपने पास रखें. सफलतापूर्वक रजिस्ट्रेशन के बाद जरूरी डिटेल की मदद से लॉग-इन करें.
अब वित्त वर्ष 2023-24 या असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने होंगे. इसके लिए आयकर विभाग कई तरह के फार्म उपलब्ध कराता है. करदाताओं को अपनी इनकम और टैक्स स्लैब के हिसाब से आईटीआर फॉर्म का चयन करना होता है. आमतौर पर टैक्सपेयर्स अपना टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए फार्म ITR1, ITR2, ITR3 और ITR4 भरते हैं.
आईटीआर फाइल करने के शुरूआती चरण में करदाताओं को असेसमेंट ईयर, टैक्स रिटर्न फाइलिंग ऑनलाइन या ऑफलाइन, इंडिविजुअल या HUF या अन्य, आईटीआर का टाइप जैसे विकल्प का चयन करने होंगे.
आईटीआर फॉर्म-1 या Sahaj का इस्तेमाल वे करदाता जिनकी 50 लाख से कम इनकम सोर्स सैलरी, पेंशन, होम असेट्स और कोई सोर्स है.
50 लाख रुपये से ज्यादा इनकम वाले टैक्सपेयर, जिन्होंने नॉन-लिस्टेड इक्विटी शेयर्स या कैपिटल गेन्स से कमाई की है आईटीआर फॉर्म-2 भरते हैं.
आईटीआर फॉर्म-3 का इस्तेमाल केवल वह करदाता करते हैं जो बिजनेस या फिर किसी दूसरे प्रोफेशन से कमाई करते हैं. इसके अलावा फ्रीलांसर को भी आईटीआर फॉर्म-3 भरना होता है.
आईटीआर फॉर्म-4 का इस्तेमाल वे बिजनेसमैन कर सकते हैं जिसकी इनकम 50 लाख रुपये से 2 करोड़ रुपये तक होती है. प्रोफेशनल और अन्य सोर्स से कमाई करने वाले करदाता भी यह फार्म भरते हैं.
सैलरी पाने वाले लोगों को आईटीआर फाइल करते समय फॉर्म16 की जरूरत पड़ती है. जिन लोगों कॉन्ट्रैक्ट पर काम किया है उन्हें फॉर्म16A की जरूरत पड़ती है. इसके अलावा ई-फाइलिंग पोर्टल पर उपलब्ध फार्म 26AS की मदद ली जा सकती है. फार्म 26AS हासिल करने के लिए ई-फाइलिंग पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना जरूरी होता है.
इंडिविजुअल कैटेगरी में आईटीआर फाइल करने के लिए आपके पास दो ऑप्शन आएंगे एक आईटीआर-1 और दूसरा आईटीआर-4. ये दोनों ही फॉर्म आम तौर पर वो लोग भरते हैं जिनकी सालाना इनकम 50 लाख रुपये तक होती है. बस उनके इनकम सोर्स के हिसाब से ये अलग-अलग चयन करने होते हैं.
आईटीआर-1 ऑप्शन वालों को अपनी पर्सनल इंफॉर्मेशन, ग्रॉस टोटल इनकम, टैक्स छूट की जानकारी, टैक्स भरने की जानकारी, टैक्स की देनदारी (कैलकुलेशन खुद हो जाती है) की जानकारी भरनी होती है. ये आम तौर पर फॉर्म-16 में मिल जाती है. आईटीआर-4 ऑप्शन वालों को ऊपर बताई सभी जानकारी के साथ डिस्क्लोजर्स भी भरने होते हैं.
इनकम और टैक्स स्लैब के हिसाब से खुद पर लागू फार्म ITR1 या ITR2 या ITR3 या ITR4 सेलेक्ट कर सभी चरण में मांगी गई डिटेल सावधानीपूर्वक भरें. आप चाहें तो टैक्स रिटर्न फाइल करने वाले एक्सपर्ट्स की मदद भी ले सकते हैं.
सभी चरण पूरी करने के बाद आपको आखिर में अपने आईटीआर को वेलिडेट करना होता है. इसके लिए आप आधार बेस्ड ओटीपी की मदद ले सकते हैं. हालांकि इसके लिए आधार-मोबाइल नंबर और आधार-पैन कार्ड लिंक होना जरूरी है.