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LIC Bima Sakhi: 2 लाख महिलाएं बनीं बीमा सखी, मंथली कमा रही 7000 रुपये, यूपी, महाराष्ट्र समेत ये राज्य टॉप पर

एलआईसी की बीमा सखी यानी महिला करियर एजेंट योजना से अब तक कुल 2,05,896 महिलाएं जुड़ चुकी हैं. 9 दिसंबर 2024 को शुरू हुई इस योजना में महिलाएं हर महीने 7,000 रुपये तक की कमाई कर रही हैं.

एलआईसी की बीमा सखी यानी महिला करियर एजेंट योजना से अब तक कुल 2,05,896 महिलाएं जुड़ चुकी हैं. 9 दिसंबर 2024 को शुरू हुई इस योजना में महिलाएं हर महीने 7,000 रुपये तक की कमाई कर रही हैं.

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Mithilesh Kumar
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LIC Bima Sakhi Scheme: बीमा सखी बनने के लिए महिलाओं के पास कम से कम 10वीं पास सर्टिफिकेट होना जरूरी है. (AI Generated)

ग्रामीण भारत की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के मकसद से शुरू की गई बीमा सखी योजना को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है. संसद में पूछे गए सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि एलआईसी की बीमा सखी यानी महिला करियर एजेंट (एमसीए) योजना से अब तक कुल 2,05,896 महिलाएं जुड़ चुकी हैं. दिसंबर 2024 में शुरू हुई इस योजना में ये महिलाएं हर महीने 7,000 रुपये तक कमा रही हैं.

बीते साल 62 करोड़, FY26 में अबतक 115.13 करोड़ खर्च

एलआईसी की बीमा सखी योजना पिछले साल 9 दिसंबर को शुरू की गई. संसद में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि यह एलआईसी की एक स्वतंत्र पहल है, जिसमें खर्च का वहन खुद एलआईसी करती है. उन्होंने कहा - सरकारी बीमा कंपनी ने 2024-25 में 62.36 करोड़ रुपये का भुगतान बीमा सखियों को किया था. चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 520 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है, जिसमें से योजना की शुरूआत से लेकर 14 जुलाई 2025 तक 115.13 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं.

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योजना में 3 साल तक स्टाइपेंड, फिर बन सकती हैं LIC में अधिकारी

बीमा सखी योजना के तहत चुनी गई महिलाओं को ट्रेनिंग के दौरान पहले साल मंथली 7000 रुपये, दूसरे साल 6000 रुपये, और तीसरे साल 5000 रुपये प्रति माह वजीफा पाने के लिए पात्र हैं. स्टाइपेंड के अलावा उन्हें सालाना टार्गेट पूरा करने पर कमीशन अलग से मिलेगा. बीमा सखियों को करियर में आगे बढ़ने के लिए अवसरों की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री ने कहा -  बतौर एजेंच 5 साल की सर्विस के बाद बैचलर पास बीमा सखियां एलआईसी के अप्रेंटिस डेवलपमेंट ऑफिसर यानी एडीओ (ADO) के पद पर भर्ती प्रक्रिया में भी हिस्सा ले सकती हैं.

बीमा सखी स्कीम में यूपी टॉप पर

बीमा सखियों की नियुक्ति का राज्यवार वितरण भी चौंकाने वाला है. उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 23,152 बीमा सखियां कार्यरत हैं. इसके बाद आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और कर्नाटक का नंबर आता है. राज्य के हिसाब से बीमा सखियों की संख्या नीचे लिस्ट में दी गई है.

राज्यबीमा सखियों की संख्या
यूपी 23152
आंध्र प्रदेश20054
महाराष्ट्र 18086
राजस्थान15243
कर्नाटक14117
पश्चिम बंगाल12006
मध्य प्रदेश11945
तमिलनाडु11836
बिहार10975
तेलंगाना10908
ओडिशा9047
हरियाणा8495
गुजरात6449
केरल5481
पंजाब3855
झारखंड3673
छत्तीसगढ़3251
हिमाचल3037
असम3018
उत्तराखंड 2260
जम्मू-कश्मीर  2204
चंडीगढ़ 528 
गोवा506 
त्रिपुरा 409 
पांडिचेरी 272 
मणिपुर 124 
मेघालय 63 
मिजोरम 53 
सिक्किम50
अरुणाचल47
नागालैंड40
अंडमान निकोबार39

ध्यान देने वाली बात है कि दादरा नगर हवेली, दमन-दीव, लद्दाख और लक्षद्वीप जैसे क्षेत्रों में अभी तक कोई बीमा सखी नियुक्त नहीं की गई है. एलआईसी की यह योजना केवल महिलाओं के लिए है, और इसे ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में महिला सशक्तिकरण को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है. पारंपरिक और डिजिटल मीडिया के जरिए योजना का व्यापक प्रचार किया जा रहा है.

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बीमा सखी के लिए LIC ने इस विभाग से मिलाया हाथ

इस बीच LIC और ग्रामीण विकास मंत्रालय ने आपसी समझौते (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं. यह समझौता ग्रामीण इलाकों में 'बीमा सखी योजना' को बढ़ावा देने के लिए किया गया है. एमओयू का आदान-प्रदान 8 से 10 जुलाई 2025 के बीच गोवा में आयोजित राष्ट्रीय वित्तीय समावेशन सम्मेलन 'अनुभूति' के दौरान हुआ.

क्या है बीमा सखी योजना?

बीमा सखी योजना LIC की एक विशेष पहल है, जिसे केवल महिलाओं के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसका उद्देश्य है कि महिलाएं बीमा वितरण जैसे लाभकारी क्षेत्र में करियर बना सकें, और लंबे समय में आर्थिक आत्मनिर्भरता हासिल करें. इस प्रदर्शन आधारित योजना में महिला एजेंट्स को LIC एजेंट्स जैसी सभी सुविधाएं और लाभ मिलते हैं

बीमा सखियों को मंथली कितना मिलेगा पैसा

पहले साल – मंथली 7000 रुपये 

दूसरे साल – मंथली 6000 रुपये

तीसरे साल – मंथली 5000 रुपये

ये भी जानें

  • यह योजना सिर्फ आय का साधन नहीं, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को एक स्थायी पेशेवर पहचान देने की दिशा में अहम पहल है. बीमा सखियां गांव-गांव जाकर लोगों को बीमा के लाभ बताती हैं, पॉलिसी बेचती हैं और बीमा में महिलाओं की भागीदारी को मजबूत करती हैं.
  • बीमा सखी योजना को दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) के उद्देश्यों से जोड़कर लागू किया जा रहा है. इस साझेदारी का मकसद है ग्रामीण महिलाओं की घरेलू आय बढ़ाना, उन्हें आजीविका के बेहतर साधन देना और वित्तीय समावेशन के लक्ष्यों को मजबूत करना.
  • LIC और ग्रामीण विकास मंत्रालय का यह समझौता प्रधानमंत्री मोदी के "पड़ोसी पहले" और "नारी शक्ति" के विजन को जमीन पर उतारने की दिशा में एक ठोस कदम है. यह योजना न केवल रोजगार उपलब्ध कराएगी बल्कि लाखों ग्रामीण परिवारों को वित्तीय सुरक्षा से जोड़ने का काम भी करेगी.
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