/financial-express-hindi/media/media_files/2024/12/26/4BX4ejbcZKXGnsav2PbV.jpg)
NFO : फंड मैनेजर के पास मौजूदा बाजार स्थितियों, रिस्क मैनेजमेंट आवश्यकताओं के आधार पर आवंटन को एडजस्ट करने और रिटर्न को आप्टिमाइज करने का विकल्प होगा. (Pixabay)
LIC MF Multi Asset Allocation Fund Open for Subscription : एलआईसी म्यूचुअल फंड (LIC Mutual Fund) के न्यू फंड ऑफर (NFO), एलआईसी मल्टी एसेट एलोकेशन फंड में आज यानी 24 जनवरी 2025 से सब्सक्रिप्शन शुरू हो गया है. यह एनएफओ पब्लिक सब्सक्रिप्शन के लिए 7 फरवरी 2025 तक खुला रहेगा. लम्प सम निवेश करना है तो मिनिमम 5000 रुपये से आवेदन किया जा सकता है और इसके बाद 1 रुपये के मल्टीपल में कितना भी निवेश कर सकते हैं. वहीं मंथली एसआईपी के लिए कम से कम 200 रुपये जरूरी होंगे. इस फंड के जरिए निवेशक इक्विटी, डेट और गोल्ड का मजबूत और डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो हासिल कर सकते हैं.
फंड की इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी
फंड प्रमुख एसेट क्लास- इक्विटी, डेट और गोल्ड में आवंटन बनाए रखेगा. फंड मैनेजर के पास मौजूदा बाजार स्थितियों, रिस्क मैनेजमेंट आवश्यकताओं के आधार पर आवंटन को एडजस्ट करने और रिटर्न को आप्टिमाइज करने का विकल्प होगा. फंड मैनेजर के पास रिस्क को कम करने और मैनेज करने के लिए हेजिंग/आर्बिट्रेज स्ट्रैटेजी का उपयोग करने का भी विकल्प होगा.
इक्विटी, डेट, गोल्ड ईटीएफ के बीच आवंटन को बताए गए एसेट एलोकेशन पैटर्न के अनुसार मैनेज किया जाएगा. फंड एक टैक्टिकल एसेट एलोकेशन अप्रोच को अपनाएगा, जो एसेट एलोकेशन पैटर्न के अनुरूप मौजूदा आर्थिक और बाजार स्थितियों के आधार पर हर एसेट क्लास में रिस्क को एडजस्ट करता है.
इक्विटी हिस्सा सभी तरह मार्केट कैप में निवेश करेगा. इक्विटी स्ट्रैटेजी अवसरों की पहचान करने के लिए टॉप-डाउन और बॉटम-अप दोनों अप्रोच को शामिल करेगी.
डेट कंपोनेंट हाई क्वालिटी वाले फिक्स्ड इनकम विकल्पों पर फोकस करेगा. अलग-अलग ब्याज दरों के माहौल में रिटर्न को आप्टिमाइज करने के लिए अवधि और क्रेडिट रिस्क को संबैलेंस करेगा.
यह स्कीम एसेट एलोकेशन पैटर्न के अनुरूप सिल्वर ईटीएफ और आरईआईटी और इनविट की यूनिट में भी निवेश कर सकती है.
कम से कम कितना निवेश
Lump SUm : लम्प सम निवेश करना है तो मिनिमम 5000 रुपये से आवेदन किया जा सकता है और इसके बाद 1 रुपये के मल्टीपल में कितना भी निवेश कर सकते हैं.
SIP अमाउंट : डेली एसआईपी के लिए कम से कम 100 रुपये और इसके बाद 1 रुपये के मल्टीपल में कितना भी. मंथली एसआईपी के लिए कम से कम 200 रुपये और इसके बाद 1 रुपये के मल्टीपल में कितना भी. तिमाही एसआईपी के लिए कम से कम 1000 रुपये और इसके बाद 1 रुपये के मल्टीपल में कितना भी.
किस विकल्प में कितना निवेश
इक्विटी और इक्विटी से रिलेटेड विकल्प : कम से कम 65 फीसदी और अधिकतम 80 फीसदी
डेट और मनी मार्केट के विकल्प : 10 फीसदी से लेकर 25 फीसदी तक
Gold ETFs की यूनिट्स में : 10 फीसदी से लेकर 25 फीसदी तक
Silver ETFs की यूनिट्स में : 0 फीसदी से लेकर 10 फीसदी तक
REITs & InvITs में : 0 फीसदी से लेकर 10 फीसदी तक
NFO की डिटेल
फंड हाउस : एलआईसी म्यूचुअल फंड
इश्यू ओपेन डेट : 24 जनवरी, 2025
इश्यू क्लोजिंग डेट : 7 फरवरी, 2025
कैटेगरी : हाइब्रिड मल्टी एसेट एलोकेशन
मिनिमम इन्वेस्टमेंट : 5000 रुपये
लॉक इन पीरियड : कुछ नहीं
एग्जिट लोड : 3 महीने के अंदर भुनाने पर 1%
बेंचमार्क : NIFTY 500 TRI (65), NIFTY Composite Debt Index (25), Domestic Price of Gold (10)
फंड मैनेजर : निखिल रुंगटा, प्रतीक हरीश श्रॉफ, सुमित भटनागर
क्या है फंड की खासियत
मल्टी एसेट एलोकेशन फ़ंड (MAAF) एक हाइब्रिड म्यूचुअल फंड होता है. इसमें इक्विटी, डेट, गोल्ड, रियल एस्टेट जैसे कई एसेट क्लास में निवेश किया जाता है. इन फंड में निवेश करने से निवेशकों को डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो मिलता है और रिस्क-एडजस्टेड रिटर्न मिलने की संभावना रहती है. इनमें निवेश करने से रिस्क और रिटर्न के बीच संतुलन बेहतर होता है. बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान इनका आकर्षण बढ़ जाता है. पिछले कुछ सालों में इनका प्रदर्शन अच्छा रहा है. इस मल्टी एसेट एलोकेशन फंड को 65% निफ्टी 500 TRI + 25% निफ्टी कंपोजिट डेट इंडेक्स + 10% घरेलू सोने की कीमत के आधार पर बेंचमार्क किया जाएगा.
किसे करना चाहिए निवेश
जो निवेशक बाजार की अस्थिरता के दौरान स्टेबल रिटर्न देने वाले इनवेस्टमेंट ऑप्शन की तलाश में हैं, वे मल्टी एसेट एलोकेशन फंड में पैसे लगाने पर विचार कर सकते हैं. हालांकि स्टेबल रिटर्न देने की क्षमता के बावजूद अधिकांश मल्टी एसेट फंड्स का रिस्क लेवल ‘हाई’ या ‘वेरी हाई’ है. इसका मतलब ये है कि इनमें निवेश के साथ रिस्क जुड़ा हुआ है. इसलिए कोई भी फैसला अपनी रिस्क लेने की क्षमता को ध्यान में रखकर ही लें.
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का उद्देश्य सिर्फ स्कीम की जानकारी देना है, निवेश की सिफारिश करना नहीं. इंडेक्स या किसी म्यूचुअल फंड स्कीम के पिछले रिटर्न को भविष्य में वैसे ही प्रदर्शन की गारंटी नहीं माना जा सकता. निवेश का कोई भी फैसला सेबी के मान्यताप्राप्त निवेश सलाहकार की राय लेने के बाद ही करें.)