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NFO Review : मोतीलाल ओसवाल BSE 1000 इंडेक्स फंड के एनएफओ में सब्सक्रिप्शन 19 जून 2025 को बंद हो रहा है. (AI Generated Image / ChatGPT)
NFO Review : Motilal Oswal BSE 1000 Index Fund : अगर आप म्यूचुअल फंड्स में निवेश के बारे में सोच रहे हैं और चाहते हैं कि आपका पैसा भारत की पूरी ग्रोथ स्टोरी का हिस्सा बने, तो मोतीलाल ओसवाल का नया फंड ऑफर आपके लिए एक दिलचस्प ऑप्शन हो सकता है. मोतीलाल ओसवाल BSE 1000 इंडेक्स फंड का NFO इसी हफ्ते, 19 जून 2025 को बंद हो रहा है. यह एक ऐसा फंड है, जो करीब-करीब पूरे भारतीय शेयर बाजार में एक ही स्कीम के जरिए डायवर्सिफाइड इनवेस्टमेंट करने का मौका लेकर आया है.
मोतीलाल ओसवाल BSE 1000 इंडेक्स फंड की खूबी
जैसा कि नाम से ही पता चलता है मोतीलाल ओसवाल की यह नई स्कीम एक इंडेक्स फंड है, जो BSE 1000 इंडेक्स को ट्रैक करेगी. BSE 1000 भारत का पहला ऐसा इंडेक्स है जिसमें देश की टॉप 1000 कंपनियां शामिल की गई हैं. यह इंडेक्स लार्ज कैप, मिड कैप, स्मॉल कैप और माइक्रो कैप समेत हर तरह की कंपनियों को कवर करता है. मतलब ये कि इस एक ही एनएफओ के ज़रिए आप भारत के हर सेक्टर, हर साइज और हर इंडस्ट्री में निवेश कर सकते हैं.
BSE 1000 इंडेक्स में खास क्या है?
BSE 1000 इंडेक्स भारत के कुल लिस्टेड मार्केट कैप के करीब 94% हिस्से को कवर करता है. इसका मतलब है कि अगर आप इस फंड में निवेश करते हैं तो आप लगभग पूरे भारतीय शेयर बाजार का प्रतिनिधित्व अपने पोर्टफोलियो में शामिल कर रहे हैं. जहां Nifty 50 सिर्फ 15 सेक्टर्स को कवर करता है, वहीं BSE 1000 में 22 सेक्टर्स और 1000 कंपनियां शामिल हैं. इससे आपका पैसा सिर्फ कुछ बड़ी कंपनियों में ही नहीं बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था में इनवेस्ट होता है.
BSE 1000 इंडेक्स फंड में निवेश के संभावित फायदे
इस फंड में आपको बैलेंस्ड ग्रोथ और बेहतर स्टेबिलिटी का फायदा मिल सकता है. जहां लार्ज कैप स्टॉक्स से स्टेबिलिटी मिलती है, वहीं मिड और स्मॉल कैप कंपनियां तेज़ रफ्तार ग्रोथ की संभावना रखती हैं. बीते 5 साल में मिड कैप कंपनियों की प्रॉफिट ग्रोथ लगभग 40% रही है, जबकि माइक्रो कैप्स ने भी रेवेन्यू और प्रॉफिट में जबरदस्त ग्रोथ दिखाई है. ऐसे में इस फंड के ज़रिए आप उन कंपनियों में भी निवेश कर रहे हैं जो आने वाले समय में मार्केट की लीडर बन सकती हैं. इंडेक्स फंड होने के कारण इसमें निवेश की लागत भी कम रहने की उम्मीद की जा सकती है.
BSE 1000 इंडेक्स में हर सेक्टर का प्रतिनिधित्व होने की वजह से आप बैंकिंग, आईटी, हेल्थकेयर, मैन्युफैक्चरिंग और नए जमाने के बिजनेस तक में निवेश कर सकते हैं. इससे अगर किसी एक सेक्टर में गिरावट भी आती है तो दूसरे सेक्टर आपके निवेश को संभाल सकते हैं.
भारतीय अर्थव्यवस्था का फ्यूचर आउटवुक
भारत की अर्थव्यवस्था फिलहाल मजबूत स्थिति में है और IMF ने भारत को आने वाले वर्षों में सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बताया है. सरकार का लक्ष्य है कि 2047 तक भारत विकसित देश बने और इसके लिए टेक्नोलॉजी, इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में बड़े बदलाव हो रहे हैं. माइक्रो कैप्स में निवेशकों की रुचि बढ़ी है और इनका ट्रेडिंग वॉल्यूम पिछले पांच सालों में 13 गुना तक बढ़ा है, जिससे अब छोटे शेयरों में भी आसानी से लेनदेन हो सकता है.
क्या हैं रिस्क फैक्टर?
जैसे हर इक्विटी फंड के साथ होता है, यहां भी मार्केट से जुड़ा रिस्क बना रहेगा. खासकर माइक्रो और स्मॉल कैप कंपनियों में उतार-चढ़ाव ज्यादा हो सकता है. यही वजह है कि अधिकांश प्योर इक्विटी फंड्स की तरह इसे भी वेरी हाई रिस्क (Very High Risk) की रेटिंग दी गई है. हालांकि 1000 कंपनियों में निवेश की वजह से यह जोखिम काफी हद तक संतुलित हो जाता है. चूंकि यह फंड नया है, इसलिए इसके रिटर्न और इंडेक्स के प्रदर्शन के बीच अंतर (tracking error) के बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है.
किन निवेशकों के लिए सही है यह फंड?
अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं और बाजार की अस्थिरता को सहन करने की क्षमता रखते हैं तो इस न्यू फंड ऑफर में निवेश पर विचार कर सकते हैं. यह उन लोगों के लिए अच्छा ऑप्शन है, जो एक ही फंड के ज़रिए पूरे मार्केट को कवर करना चाहते हैं और भारत की ग्रोथ स्टोरी में यकीन रखते हैं. लेकिन अगर आप मार्केट से जुड़े रिस्क से दूर रहना चाहते हैं या लंबी अवधि के लिए निवेश नहीं कर सकते, तो आपको दूसरे ऑप्शन्स पर विचार करना चाहिए.
कुल मिलाकर देखें तो मोतीलाल ओसवाल ने इस नई स्कीम (Motilal Oswal BSE 1000 Index Fund) के जरिये एक ऐसा फंड पेश किया है, जो भारत के पूरी इक्विटी मार्केट में एक साथ निवेश का मौका देता है. वो भी कम खर्च में. लेकिन निवेश के बारे में कोई भी फैसला अपने रिस्क प्रोफाइल को ध्यान में रखकर ही करें.
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का मकसद सिर्फ जानकारी देना है. निवेश की सिफारिश करना नहीं. निवेश के फैसले अपने निवेश सलाहकार की राय लेकर ही करें.)