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NFO Alert: मिरे एसेट इनकम प्लस आर्बिट्राज एक्टिव FOF में सब्सक्रिप्शन 16 जून 2025 से खुल गया है. (Image : Scheme Document)
Mirae Asset Mutual Fund NFO Review : मिरे एसेट म्यूचुअल फंड नए एक नई हाइब्रिड स्कीम पेश की है. इस नए इनकम प्लस आर्बिट्राज एक्टिव फंड ऑफ फंड्स (Mirae Asset Income Plus Arbitrage Active FOF) के न्यू फंड ऑफर में सब्सक्रिप्शन आज यानी 16 जून 2025 से खुल गया है और 30 जून 2025 तक खुला रहेगा. यह NFO हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स (Hybrid Mutual Funds) की कैटेगरी में आने वाला ओपन एंडेड फंड ऑफ फंड (FoF) है. यह स्कीम मुख्य रूप से आर्बिट्राज और डेट म्यूचुअल फंड्स में निवेश करेगी. एनएफओ का मकसद उन निवेशकों को स्टेबल रिटर्न देना है, जो कम जोखिम वाले इनवेस्टमेंट ऑप्शन की तलाश में हैं और टैक्स की बचत भी करना चाहते हैं.
अगर आप ऐसे इनवेस्टमेंट विकल्प की तलाश में हैं जो बाजार की उथल-पुथल से बचाते हुए स्टेबल और टैक्स-एफिशिएंट रिटर्न दे सके, तो मिरे एसेट म्यूचुअल फंड की नई स्कीम पर विचार कर सकते हैं. आइए समझते हैं इस फंड की रणनीति, फायदे और जोखिम.
स्कीम की खासियत: कम रिस्क में बेहतर बैलेंस
मिरे एसेट म्यूचुअल फंड की यह स्कीम एक ओपन एंडेड फंड ऑफ फंड्स है, जो मुख्य रूप से दो तरह की स्कीमों में निवेश करती है - डेट म्यूचुअल फंड्स और आर्बिट्राज फंड्स. इसका उद्देश्य है कम रिस्क में स्टेबल रिटर्न देना, वो भी बेहतर टैक्स ट्रीटमेंट के साथ. इस स्कीम के कॉर्पस का 35% से 65% तक निवेश आर्बिट्राज फंड्स में और 35% से 65% तक डेट फंड्स में किया जाएगा.
निवेश रणनीति की तीन बड़ी बातें
इस एनएफओ के जरिये लॉन्च स्कीम की निवेश रणनीति के तीन अहम हिस्से हैं. पहला है ब्याज दरों का विश्लेषण. जिसमें फंड मैनेजर यह देखेंगे कि बाजार में ब्याज दरों का ट्रेंड क्या है. इसके बाद आर्बिट्राज स्प्रेड्स यानी कैश और फ्यूचर्स मार्केट के बीच के फर्क स्टडी करके आर्बिट्राज में निवेश से जुड़े फैसले लिए जाएंगे. रणनीति का तीसरा हिस्सा है डेट मार्केट के संकेतों को समझना और फिर जरुरत के हिसाब से पोर्टफोलियो में बदलाव या एडजस्टमेंट करना. फंड मैनेजर इस आधार पर किए गए एलोकेशन को हर महीने रिव्यू करेंगे. खास तौर पर फ्यूचर्स एक्सपायरी के समय ताकि मौजूदा बाजार परिस्थिति के अनुसार निवेश सही दिशा में बना रहे.
टैक्सेशन, एक्सपेंस रेशियो और रिस्क प्रोफाइल
इस स्कीम को टैक्सेशन के लिहाज से इक्विटी फंड्स वाले बेनिफिट मिल सकते हैं, जिससे इसमें निवेश करने वाले को डेट फंड्स की तुलना में कम टैक्स देना पड़ेगा. साथ ही, यह स्कीम मॉडरेट रिस्क (Moderate Risk) वाली मानी गई है. यानी यह स्कीम पूरी तरह सुरक्षित भले नहीं है, लेकिन प्योर इक्विटी फंड्स की तुलना में इसमें रिस्क कम है.
हालांकि निवेशकों को एक बार जरूर ध्यान में रखनी चाहिए कि एक फंड ऑफ फंड्स यानी FOF स्कीम होने की वजह से इसमें दो स्तरों पर खर्च होता है. एक तो इस स्कीम का अपना खर्च और दूसरे, उन फंड्स का, जिनमें इस स्कीम के जरिये निवेश किया जाएगा. यानी स्कीम का ओवरऑल एक्सपेंस रेशियो ज्यादा होने की वजह से रिटर्न थोड़े कम हो सकते हैं.
स्कीम के फंड मैनेजर
इस स्कीम को महेंद्र जाजू मैनेज कर रहे हैं, जो मिरे एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के हेड ऑफ फिक्स्ड इनकम हैं और फाइनेंशियल सेक्टर में 31 साल से ज्यादा का अनुभव रखते हैं. उनका अनुभव फिक्स्ड इनकम और डेट स्ट्रैटेजीज में अच्छा रहा है, जिससे स्कीम की रणनीति को मजबूती मिलती है.
क्या आपको इसमें निवेश करना चाहिए?
अगर आप एक ऐसे इनवेस्टर हैं जो बाजार की अस्थिरता से बचना चाहते हैं, टैक्स की बचत करना चाहते हैं और बैंक FD से थोड़े बेहतर रिटर्न की तलाश में हैं, तो इस स्कीम में निवेश के बारे में सोच सकते हैं. लेकिन अगर आप हाई रिटर्न की उम्मीद करते हैं और इसके लिए ज्यादा रिस्क लेने को तैयार हैं, तो आपके लिए डायवर्सिफाइड इक्विटी म्यूचुअल फंड्स का रुख करना बेहतर रहेगा.
कुल मिलाकर देखें, तो मिरे एसेट इनकम प्लस आर्बिट्राज एक्टिव FOF का न्यू फंड ऑफर (New Fund Offer) उन निवेशकों के लिए है जो स्टेबिलिटी, टैक्स एफिशिएंसी और लिमिटेड रिस्क की तलाश में हैं. स्कीम की इनवेस्टमेंट और एलोकेशन स्ट्रैटजी स्मार्ट तरीके से बनाई गई है, लेकिन इसमें निवेश से पहले आपको अपने फाइनेंशियल गोल्स और जोखिम लेने की क्षमता को ज़रूर ध्यान में रखना चाहिए.
NFO से जुड़ी जरूरी जानकारी
- स्कीम की कैटेगरी : हाइब्रिड FoF
NFO की अवधि : 16 जून 2025 से 30 जून 2025.
NFO में मिनिमम इनवेस्टमेंट : 5,000 रुपये से शुरू.
SIP: केवल 99 रुपये से शुरू.
एग्जिट लोड: 15 दिन के अंदर पैसे निकालने पर 0.25% चार्ज, उसके बाद कोई चार्ज नहीं.
स्कीम दोबारा खुलेगी : 7 जुलाई 2025 से (रेगुलर इनवेस्टमेंट और रिडेम्प्शन के लिए).
रिस्क लेवल : मॉडरेट रिस्क (Moderate Risk)
फंड मैनेजर : महेंद्र जाजू, हेड – फिक्स्ड इनकम, मिरे एसेट
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का मकसद सिर्फ जानकारी देना है. निवेश की सिफारिश करना नहीं. निवेश के फैसले अपने निवेश सलाहकार की राय लेकर ही करें.)