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Digilocker: अगर निवेशक के साथ कोई अनहोनी हो जाती है, तो उनका परिवार भी आसानी से इन जानकारियों तक पहुंच सकेगा.( Image : Reuters/IE File)
Digital India:शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड निवेशकों को राहत पहुंचाने के मकसद से सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी सेबी (SEBI) ने डिजिलॉकर (DigiLocker) के साथ मिलकर एक नई पहल की है. अब, निवेशक अपनी डिमैट और म्यूचुअल फंड होल्डिंग्स की जानकारी DigiLocker में सुरक्षित रख सकते हैं और जब चाहें, उसे आसानी से एक्सेस कर सकते हैं. खास बात यह है कि अगर निवेशक के साथ कोई अनहोनी हो जाती है, तो उनका परिवार भी आसानी से इन जानकारियों तक पहुंच सकेगा. इसके लिए निवेशकों को DigiLocker में नॉमिनी बनाने की सुविधा मिलेगी. 1 अप्रैल से इस सुविधा का लाभ निवेशक उठा सकेंगे.
क्या है DigiLocker और SEBI की नई पहल?
DigiLocker एक सरकारी डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिसे दस्तावेजों को सुरक्षित रखने और डिजिटल रूप से साझा करने के लिए बनाया गया है. SEBI ने इसे अब निवेशकों के वित्तीय रिकॉर्ड तक पहुंचने के लिए इस्तेमाल करने का फैसला किया है. इसके तहत निवेशक अपने डिमैट अकाउंट्स से शेयर और म्यूचुअल फंड होल्डिंग्स की जानकारी DigiLocker में स्टोर कर सकेंगे. इसके अलावा, निवेशकों को उनके कंसोलिडेटेड अकाउंट स्टेटमेंट (Consolidated Account Statement (CAS) तक भी पहुंच मिलेगी.
इस पहल की मुख्य खासियत
DigiLocker में स्टोर हो सकेंगे महत्वपूर्ण दस्तावेज
अब DigiLocker में डिमैट अकाउंट स्टेटमेंट, म्यूचुअल फंड यूनिट्स, और समेकित खाता विवरण (CAS) जैसी अहम जानकारी भी सेव की जा सकती है. इससे निवेशकों को कागजी दस्तावेजों की आवश्यकता खत्म हो जाएगी और वे अपनी जानकारी कहीं से भी सुरक्षित तरीके से एक्सेस कर सकेंगे. इसके अलावा, नॉमिनी जोड़ने की सुविधा भी मिलेगी, जिससे परिवार को किसी भी दस्तावेज तक पहुंचना और निवेश और अन्य वित्तीय जानकारी जुटाना आसान होगा.
सिक्योरिटीज होल्डिंग्स तक आसान पहुंच
DigiLocker यूजर अब अपने डिमैट अकाउंट्स से शेयर और म्यूचुअल फंड यूनिट्स की जानकारी सीधे प्लेटफॉर्म पर स्टोर कर सकते हैं. यह सुविधा पहले से उपलब्ध बैंक अकाउंट स्टेटमेंट्स, इंश्योरेंस पॉलिसी सर्टिफिकेट्स और NPS अकाउंट स्टेटमेंट्स जैसी सेवाओं में नया आयाम जोड़ती है.
नॉमिनेशन सुविधा
DigiLocker यूजर्स को डाटा एक्सेस नॉमिनी जोड़ने का विकल्प मिलेगा. अगर निवेशक यानी DigiLocker यूजर का निधन हो जाता है, तो उसके नॉमिनी को DigiLocker अकाउंट की जानकारी तक रीड-ओनली एक्सेस दी जाएगी. इससे कानूनी वारिसों को भी वित्तीय जानकारी हासिल करने में आसानी होगी.
स्वचालित नोटिफिकेशन
यूजर के निधन की सूचना मिलने पर SEBI द्वारा पंजीकृत KYC रजिस्ट्रेशन एजेंसियां (KRAs) DigiLocker सिस्टम को सूचित करेंगी. इसके बाद नॉमिनी को स्वचालित रूप से नोटिफिकेशन भेजा जाएगा. यह प्रक्रिया वित्तीय संस्थानों के साथ संपत्ति ट्रांसमिशन प्रक्रिया शुरू करने में मदद करेगी.
KYC रजिस्ट्रेशन एजेंसियों की भूमिका
KRAs इस प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाएंगी. वे यूजर के निधन की पुष्टि करेंगी और नॉमिनी तक जानकारी पहुंचाने का काम करेंगी, जिससे ट्रांजिशन प्रक्रिया सुचारू रूप से हो सके.
निवेशकों के लिए कैसे फायदेमंद है यह कदम?
इस पहल का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे अनक्लेम्ड वित्तीय संपत्तियों की समस्या कम होगी. अक्सर ऐसा होता है कि निवेशकों की मृत्यु के बाद उनके परिवार को उनकी वित्तीय संपत्तियों की सही जानकारी नहीं मिल पाती. DigiLocker के माध्यम से अब यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि सभी जरूरी दस्तावेज आसानी से उपलब्ध हों. इसके अलावा, नॉमिनी को सीधे एक्सेस देने से संपत्ति ट्रांसमिशन प्रक्रिया तेज और पारदर्शी होगी. इससे कानूनी उत्तराधिकारियों को अनावश्यक झंझटों का सामना नहीं करना पड़ेगा.
SEBI और DigiLocker की साझेदारी का महत्व
SEBI और DigiLocker ने मिलकर निवेशकों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए इस कदम को उठाया है. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी वित्तीय संपत्ति का पता लगाने में कोई कमी न रह जाए. यह पहल न केवल निवेशकों बल्कि उनके परिवारों के लिए भी राहत लेकर आएगी.
भविष्य में क्या बदलाव देखने को मिल सकते हैं?
यह पहल 1 अप्रैल 2025 से लागू होने जा रही है. इसके बाद निवेशकों को अपने वित्तीय दस्तावेजों तक डिजिटल रूप से पहुंचने में आसानी होगी. साथ ही, SEBI द्वारा अन्य डिजिटल सुधारों की संभावना भी बढ़ेगी, जिससे निवेशकों के अनुभव को बेहतर बनाया जा सकेगा.
सरल प्रक्रिया कैसे काम करेगी?
- निवेशक अपने DigiLocker अकाउंट में लॉग इन करेंगे.
- वे अपने डिमैट अकाउंट्स से शेयर और म्यूचुअल फंड यूनिट्स की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे.
- नॉमिनी जोड़ने का विकल्प चुन सकते हैं.
- यूजर के निधन पर KRAs द्वारा नॉमिनी को सूचित किया जाएगा.
- नॉमिनी आवश्यक दस्तावेजों तक पहुंच प्राप्त कर सकेगा.
निवेशकों के लिए सुझाव
- यदि आपने अभी तक DigiLocker का उपयोग शुरू नहीं किया है, तो इसे जल्द ही अपनाएं.
- अपने परिवार या कानूनी वारिस को नॉमिनी बनाना सुनिश्चित करें.
- नियमित रूप से अपने वित्तीय रिकॉर्ड अपडेट रखें ताकि किसी भी स्थिति में आपके परिवार को परेशानी न हो.
SEBI और DigiLocker की यह नई पहल भारतीय निवेशकों के लिए एक बड़ा बदलाव लेकर आई है. इससे न केवल उनकी वित्तीय संपत्तियां सुरक्षित रहेंगी बल्कि उनके परिवारों को भी सही समय पर आवश्यक जानकारी प्राप्त होगी. यह कदम डिजिटल इंडिया अभियान को आगे बढ़ाने और निवेशकों के हितों की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
SEBI का लक्ष्य: सुरक्षित और पारदर्शी निवेश प्रक्रिया
SEBI का यह कदम न सिर्फ निवेशकों के लिए राहत है, बल्कि इसका उद्देश्य अनुपयोगी (Unclaimed) संपत्तियों की संख्या को कम करना भी है. DigiLocker में सुरक्षित डिजिटल रिकॉर्ड रखने की सुविधा, कागजी दस्तावेजों की जरूरत को खत्म करना, और नॉमिनी को जानकारी की स्वचालित पहुंच देना, ये सभी कदम निवेशकों के हितों की सुरक्षा को बढ़ाएंगे.
नई सुविधाएं और लाभ
इस नई व्यवस्था से निवेशकों को अपनी म्यूचुअल फंड और डिमैट होल्डिंग्स की जानकारी कभी भी और कहीं से भी प्राप्त करने में मदद मिलेगी. साथ ही, यह प्रक्रिया पारदर्शी और सुरक्षित होगी, जिससे निवेशकों को उनके पोर्टफोलियो की निगरानी करना और उसे शेयर करना भी आसान होगा.
निवेशकों को DigiLocker का लाभ उठाने की सलाह
SEBI ने सभी निवेशकों को DigiLocker का उपयोग करने और अपने नॉमिनी को जोड़ने की सलाह दी है. अब यह समय है कि निवेशक अपनी जानकारी को सुरक्षित तरीके से डिजिटल रूप में स्टोर करें और परिवार को भी इसके फायदों से अवगत कराएं. 1 अप्रैल 2024 से लागू होने जा रहे इस नए नियम के तहत, निवेशक DigiLocker में अपनी म्यूचुअल फंड और डिमैट जानकारी को सुरक्षित रख सकते हैं और अपने परिवार को भी इससे जोड़ सकते हैं.