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Mutual Fund Investment : बाजार में उथल-पुथल के बीच कहां करें निवेश, हाइब्रिड फंड पर फोकस करना कितना सही होगा?

Mutual Fund Investment: इक्विटी फंड्स के इनवेस्टर बाजार में हो रहे नुकसान से परेशान हैं. क्या ऐसे माहौल में उन्हें हाइब्रिड फंड्स की तरफ रुख करना चाहिए?

Mutual Fund Investment: इक्विटी फंड्स के इनवेस्टर बाजार में हो रहे नुकसान से परेशान हैं. क्या ऐसे माहौल में उन्हें हाइब्रिड फंड्स की तरफ रुख करना चाहिए?

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Viplav Rahi
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Equity vs Hybrid Mutual Funds : उथल-पुथल भरे बाजार में हाइब्रिड फंड में निवेश करना कितना सही है? : (Image : Pixabay)

Equity vs Hybrid Mutual Funds for Investment : शेयर बाजार फिलहाल उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है. इक्विटी में सीधे निवेश करने वाले हों या इक्विटी म्यूचुअल फंड्स के इनवेस्टर, ज्यादातर लोग बाजार में हो रहे नुकसान से परेशान हैं. सवाल ये है कि ऐसे माहौल में आम निवेशकों को क्या करना चाहिए? मार्केट से पूरी तरह दूरी बना लेनी चाहिए या गिरावट को निवेश बढ़ाने का मौका समझना चाहिए?

इक्विटी फंड्स में गिरावट के बीच कहां लगाएं पैसे?

जिन म्यूचुअल फंड इनवेस्टर्स को निवेश करना है, उनके सामने सवाल यह है कि जब स्मॉल कैप और मिड कैप ही नहीं, अधिकांश लार्ज कैप, फ्लेक्सी कैप और मल्टी कैप फंड्स भी 6 महीने या उससे कम अवधि के रिटर्न चार्ट पर नुकसान दिखा रहे हों, तो वे अपने पैसे कहां लगाएं? ऐसा क्या करें कि उथल-पुथल के बीच भी आपका पोर्टफोलियो को ज्यादा हिचकोले न खाए? क्या इन सवालों का जवाब हाइब्रिड म्यूचुअल फंड में तलाशा जा सकता है? क्या मौजूदा हालात में हाइब्रिड फंड्स में निवेश करना सही ऑप्शन है?

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हाइब्रिड म्यूचुअल फंड में क्या अलग है?

हाइब्रिड म्यूचुअल फंड इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करते हैं, जिससे वे बाजार के उतार-चढ़ाव को झेलने में प्योर इक्विटी फंड के मुकाबे बेहतर साबित होते हैं. इन फंड्स की इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजी की मुख्य बात अलग-अलग एसेट क्लास में पैसे लगाकर रिस्क को बैलेंस करना होती है, ताकि स्टेबल रिटर्न हासिल किया जा सके. बाजार में अस्थिरता बढ़ने पर हाइब्रिड फंड्स का डेट में किया गया इनवेस्टमेंट, इक्विटी में हो रहे नुकसान की भरपाई कर सकता है. इसी तरह आम तौर पर जब इक्विटी मार्केट्स में भगदड़ या घबराहट का माहौल हो तो या गोल्ड जैसे सेफ हेवन इनवेस्टमेंट्स का परफॉर्मेंस बेहतर रहता है. ऐसे में यह निवेश मल्टी एसेट एलोकेशन फंड्स के लिए कुशन का काम कर सकता है. इन्हीं वजहों से यह कहा जा सकता है कि हाइब्रिड फंड प्योर इक्विटी फंड्स के मुकाबले बाजार के उतार-चढ़ावों का सामना बेहतर ढंग से कर सकते हैं और कम रिस्क में बैलेंस्ड रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं.

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कितने तरह के होते हैं हाइब्रिड फंड्स 

हाइब्रिड फंड कई तरह के हो सकते हैं, जिनके पोर्टफोलियो में अलग-अलग एसेट क्लास की हिस्सेदारी और निवेश का रेशियो अलग-अलग हो सकता है. इनमें कुछ प्रमुख हैं : एग्रेसिव हाइब्रिड फंड, बैलेंस्ड हाइब्रिड फंड, कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड, इक्विटी सेविंग्स फंड, मल्टी एसेट एलोकेशन फंड, डायनैमिक एसेट एलोकेशन फंड या बैलेंस्ड एडवांटेज फंड. इनके अलावा आर्बिट्राज फंड्स को भी हाइब्रिड म्यूचुअल फंड की कैटेगरी में रखा जाता है.

एग्रेसिव हाइब्रिड फंड्स 65 से 80% तक निवेश इक्विटी में और 20-35% तक डेट में निवेश करते हैं. यह उन निवेशकों के लिए सही हैं, जो ऊंचे रिटर्न की उम्मीद में थोड़ा अधिक इक्विटी एक्सपोजर बर्दाश्त कर सकते हैं. कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड्स का 75 से 90% तक निवेश डेट में और 10 से 25% तक निवेश इक्विटी में होता है. यह उन निवेशकों के लिए बेहतर हैं, जो इक्विटी एक्सपोजर को कम से कम रखना चाहते हैं. मल्टी-एसेट एलोकेशन फंड्स के पोर्टफोलियो में इक्विटी, डेट और गोल्ड जैसे कम से कम तीन एसेट क्लास में निवेश किया जाता है.

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मौजूदा माहौल में इक्विटी फंड से बेहतर हैं हाइब्रिड फंड?

बाजार में करेक्शन के दौरान आम तौर पर इक्विटी फंड्स के मुकाबले हाइब्रिड फंड्स में कम गिरावट आती है. मिसाल के तौर पर जनवरी 2020 से मार्च 2020 के बीच जब बाजार में भारी गिरावट आई थी, तब मल्टी-एसेट एलोकेशन फंड्स और एग्रेसिव हाइब्रिड फंड्स ने लॉर्ज कैप और मल्टी कैप फंड्स की तुलना में कम नुकसान झेला था. लिहाजा, बाजार में तेज-उतार चढ़ाव वाले मौजूदा माहौल को देखते हुए हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स को इक्विटी फंड्स के मुकाबले ज्यादा बैलेंस्ड एप्रोच वाला निवेश माना जा सकता है. इनमें निवेश करके अपने पोर्टफोलियो में स्टेबिलिटी और ग्रोथ की संभावना का सही संतुलन बनाया जा सकता है.

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सोच समझकर लें फैसला 

इस बारे में कोई भी फैसला करने से पहले निवेशकों को अपने इनवेस्टमेंट के गोल, निवेश की अवधि और रिस्क लेने की क्षमता के बारे में सोच लेना चाहिए. साथ ही म्यूचुअल फंड स्कीम की पिछली परफॉर्मेंस, रिस्क-रिटर्न प्रोफाइल और फंड हाउस के मैनेजमेंट के बारे में अच्छी तरह से जानकारी हासिल करना जरूरी है. यह भी याद रखें कि हाइब्रिड फंड में भी निवेश पर रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती है. रिस्क उसमें भी है, भले ही प्योर इक्विटी फंड से कुछ कम हो.

(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना है, निवेश की सिफारिश करना नहीं. निवेश का कोई भी फैसला पूरी जानकारी हासिल करने और अपने निवेश सलाहकार की राय लेने के बाद ही करें.)

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