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Gold ETF Investment : गोल्ड ईटीएफ में फंड्स का इनफ्लो रिकॉर्ड बना रहा है. तो क्या इनमें निवेश करना चाहिए? (Image : Pixabay)
Gold ETF Investment : भारत में गोल्ड ईटीएफ में होने वाले निवेश ने पिछले दिनों पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. जनवरी 2025 के दौरान गोल्ड ईटीएफ में फंड्स का नेट इनफ्लो बढ़कर 3,751.4 करोड़ रुपये पर चला गया, जो किसी भी एक महीने के दौरान नेट इनफ्लो का अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है. इसके मुकाबले दिसंबर 2024 में गोल्ड ईटीएफ में फंड्स का नेट इनफ्लो महज 640 करोड़ रुपये रहा था, जो 9 महीने का सबसे निचला स्तर था. यानी एक महीने में ही गोल्ड ईटीएफ में नेट इनवेस्टमेंट 486% बढ़ गया. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) की तरफ से हाल ही में जारी इन आंकड़ों को देखने पर मन में यह सवाल जरूर उठेगा कि गोल्ड ईटीएफ क्या वाकई गोल्ड में निवेश का बेहतर तरीका है. इस सवाल पर आगे बात करेंगे और गोल्ड ईटीएफ के पिछले रिटर्न पर भी नजर डालेंगे, लेकिन पहले समझ लेते हैं कि गोल्ड ईटीएफ का मतलब क्या है.
गोल्ड ETF क्या है?
गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) दरअसल ओपन-एंडेड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Exchange Traded Fund) होते हैं, जो सोने और उससे जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं. गोल्ड ईटीएफ की यूनिट्स की कीमतें, फिजिकल गोल्ड के भाव के आधार पर बढ़ती-घटती रहती हैं. यही वजह है कि गोल्ड ईटीएफ में किए गए निवेश के रिटर्न आम तौर पर फिजिकल गोल्ड में निवेश से मिलने वाले रिटर्न के काफी करीब होते हैं. गोल्ड ETF को भी बाकी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स की तरह स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट किया जाता है और इनवेस्टर अपने ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए इन्हें खरीद और बेच सकते हैं. रिस्कोमीटर पर ज्यादातर गोल्ड ईटीएफ को हाई रिस्क (High Risk) रेटिंग मिली हुई है, क्योंकि इसके रिटर्न पर सोने की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का सीधा असर पड़ता है.
कैसा रहा गोल्ड ईटीएफ का पिछला रिटर्न
गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) में निवेश के तेजी से बढ़े रुझान की एक वजह इनके बेहतर रिटर्न को भी माना जा सकता है. पिछले 1 साल से लेकर 3 और 5 साल के दौरान गोल्ड ईटीएफ ने काफी आकर्षक रिटर्न दिए हैं. कुछ टॉप ईटीएफ के अलग-अलग अवधि के पिछले रिटर्न के आंकड़े आप यहां देख सकते हैं.
टॉप 10 गोल्ड ईटीएफ का 1 साल का रिटर्न
पिछले आंकड़ों पर नजर डालने से पता चलता है कि टॉप 10 गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) का 1 साल का रिटर्न करीब 35-36% तक रहा है, जो काफी बेहतर माना जा सकता है. सभी गोल्ड ईटीएफ के रिटर्न फिजिकल गोल्ड के रिटर्न के साथ जुड़े रहते हैं, इसलिए इनके रिटर्न के आंकड़ों में ज्यादा अंतर नहीं होता.
ईटीएफ का नाम / 1 साल का रिटर्न
- UTI Gold ETF : 36.00 %
- LIC MF Gold ETF : 35.44 %
- Axis Gold ETF : 35.27 %
- HDFC Gold ETF : 35.20 %
- Kotak Gold ETF : 35.02 %
- ABSL Gold ETF : 34.99 %
- SBI Gold ETF : 34.94 %
- Mirae Asset Gold ETF : 34.93 %
- Tata Gold ETF : 34.89 %
- Invesco India Gold ETF : 34.85 %
टॉप 8 गोल्ड ईटीएफ का 3 साल का रिटर्न
गोल्ड ईटीएफ के पिछले 3 साल के रिटर्न के आंकड़े भी काफी आकर्षक हैं. इस अवधि में टॉप 8 ईटीएफ का सालाना रिटर्न 19% के आसपास रहा है.
ETF का नाम / 3 साल में औसत सालाना रिटर्न
- LIC MF Gold ETF : 19.51 %
- UTI Gold ETF : 19.33 %
- Axis Gold ETF : 19.15 %
- Invesco India Gold ETF : 19.14 %
- HDFC Gold ETF : 19.09 %
- Kotak Gold ETF : 19.07 %
- ABSL Gold ETF : 19.05 %
- SBI Gold ETF : 18.94 %
टॉप 8 गोल्ड ETF का 5 साल का रिटर्न
गोल्ड ईटीएफ ने 5 साल की लंबी अवधि के दौरान भी इक्विटी फंड्स को टक्कर देने वाले रिटर्न दिए हैं. इस दौरान टॉप 8 ईटीएफ का सालाना रिटर्न 15% के आसपास रहा है. सेफ हेवन एसेट समझे जाने वाले गोल्ड में निवेश पर इतना रिटर्न मिलना काफी आकर्षक कहा जा सकता है.
ETF का नाम / 5 साल में औसत सालाना रिटर्न
- LIC MF Gold ETF : 15.20 %
- Invesco India Gold ETF : 15.06 %
- ABSL Gold ETF : 15.02 %
- HDFC Gold ETF : 14.99 %
- Axis Gold ETF : 14.98 %
- Kotak Gold ETF : 14.97 %
- SBI Gold ETF : 14.91 %
- UTI Gold ETF : 14.89 %
फिजिकल गोल्ड से क्यों बेहतर हैं गोल्ड ETF
निवेशकों के मन में यह सवाल भी उठ सकता है कि अगर गोल्ड ईटीएफ के रिटर्न, फिजिकल गोल्ड की कीमतों पर ही आधारित हैं, तो इनकी जगह फिजिकल गोल्ड में ही निवेश क्यों न किया जाए? इसका जवाब यह है कि अगर आपका मकसद सिर्फ रिटर्न के लिए निवेश करने का है, तो गोल्ड ईटीएफ को फिजिकल गोल्ड की तुलना में इन वजहों से बेहतर माना जा सकता है :
- फिजिकल गोल्ड खरीदते समय सोने की प्योरिटी की फिक्र करनी पड़ती है.
- गोल्ड ETF में पैसे लगाने पर आपको हाई प्योरिटी वाले 24 कैरेट गोल्ड में निवेश का फायदा मिलता है, जिसमें मिलावट का कोई डर नहीं होता.
- फिजिकल गोल्ड को सुरक्षित रूप से स्टोर करने की फिक्र करनी पड़ती है.
- Gold ETF की यूनिट्स आपके डी-मैट अकाउंट में पूरी सुरक्षित रहती हैं.
- फिजिकल गोल्ड के मुकाबले गोल्ड ईटीएफ की लिक्विडिटी बेहतर होती है. यानी इन्हें खरीदना-बेचना ज्यादा आसान है.
- फिजिकल गोल्ड को बेचते समय कई बार सोने की पूरी वैल्यू नहीं मिलती, उसमें ट्रांजैक्शन चार्ज और इंप्योरिटी के पैसे कट सकते हैं. गोल्ड ईटीएफ में ऐसा नहीं होता.
- गोल्ड ETF को 3 साल से ज्यादा होल्ड करने के बाद बेचें, तो मुनाफे पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है, जो ऊंचे टैक्स स्लैब में आने वाले निवेशकों के लिए फायदेमंद हो सकता है.
- फिजिकल गोल्ड खरीदने के लिए आपको सोने की कीमत के हिसाब से मिनिमम अमाउंट खर्च करना पड़ता है, जो बाजार भाव के हिसाब से बदलता रहता है.
- गोल्ड ईटीएफ में आप सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये हर महीने पहले से फिक्स और बेहद छोटी रकम से भी निवेश करके बड़ा कॉर्पस जमा कर सकते हैं.
गोल्ड ETF निवेश किनके लिए सही है?
शेयर मार्केट में उथल-पुथल के दौरान बहुत से निवेशक ज्यादा स्टेबल और सुरक्षित एसेट में पैसे लगाना चाहते हैं. सोने को दुनिया भर में सेफ हेवन इनवेस्टमेंट माना जाता है, जिसमें निवेश के लिए गोल्ड ईटीएफ एक आसान तरीका हो सकता है. इसके अलावा, डायवर्सिफिकेशन के लिए भी पोर्टफोलियो का कुछ हिस्सा गोल्ड में निवेश करना बेहतर माना जाता है. इस लिहाज से भी गोल्ड ईटीएफ में पैसे लगाए जा सकते हैं. जो निवेशक सोने में पैसे लगाना चाहते हैं, लेकिन फिजिकल गोल्ड खरीदने-बेचने से जुड़े झमेलों से बचना चाहते हैं, वे भी गोल्ड ईटीएफ में निवेश पर विचार कर सकते हैं. लेकिन निवेश करने से पहले यह जरूर ध्यान में रखें कि गोल्ड ईटीएफ के रिटर्न पर सोने की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का असर पड़ता है. इसलिए इनके पिछले प्रदर्शन को भविष्य में वैसा ही रिटर्न मिलने की गारंटी नहीं माना जा सकता.
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना है, किसी स्कीम में निवेश की सिफारिश करना नहीं है. निवेश का कोई भी फैसला पूरी जानकारी हासिल करने और अपने निवेश सलाहकार की राय लेने के बाद ही करें.)