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Mutual Fund SIP: म्यूचुअल फंड में निवेश करने का सबसे आसान तरीका सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान यानी व्यवस्थित निवेश योजना है. (Image: Pixabay)
SIP Calculator: किसी भी विकल्प में निवेश करने के लिए अपने पैसे को इतना समय देना चाहिए कि वह कंपाउंडिंग का लाभ उठा सके. यही बात म्यूचुअल फंड्स पर भी लागू होता है. म्यूचुअल फंड में निवेश करने का सबसे आसान तरीका सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान यानी व्यवस्थित निवेश योजना (SIP) है. SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश के ढेरों फायदे हैं. अपने करियर के शुरूआत में हर रोज 400 रुपये की बचत से SIP शुरू कर एक निवेशक रिटायरमेंट के बाद 8 करोड़ से अधिक की हैसियत बना सकता है. आइए समझते हैं कैसे.
क्या है SIP
SIP यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान, एक ऐसा तरीका है जिसके जरिए निवेशक थोड़ी-थोड़ी करके मासिक, तिमाही या छमाही आधार पर म्यूचुअल फंड में एक निश्चित रकम निवेश कर सकता है. SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश कर बड़ा फंड जुटाया जा सकता है. यह निवेश का एक सरल और सुविधाजनक तरीका है, जो आपको बाजार की उतार-चढ़ाव से बचाते हुए आपके पैसे को बढ़ाने में मदद करता है.
SIP कैसे काम करता है?
SIP के तहत, आप अपनी पसंद के म्यूचुअल फंड में हर महीने एक निश्चित रकम निवेश करते हैं. यह रकम आपके बैंक खाते से ऑटोमैटिकली काट ली जाती है और म्यूचुअल फंड में निवेश कर दी जाती है. इससे आपको हर महीने एक निश्चित समय पर निवेश करने की चिंता नहीं करनी पड़ती.
जल्दी शुरुआत करें, बेहतर रिटर्न पाएं
म्यूचुअल फंड SIP में जल्दी शुरुआत करके आप कंपाउंडिंग इंटरेस्ट (compounding) का लाभ उठा सकते हैं. कंपाउंडिंग इंटरेस्ट का मतलब निवेश रकम पर मिलने वाला ब्याज भी निवेशक के मूलधन में समय के साथ जुड़ता जाता है यानी ब्याज पर ब्याज का लाभ मिलता है, जिससे आपका पैसा तेजी से बढ़ता है.
पॉवर ऑफ कंपाउंडिंग के क्या हैं लाभ
- कंपाउंडिंग इंटरेस्ट यानी ब्याज पर ब्याज का लाभ मिलने के कारण निवेशकों का पैसा तेजी से बढ़ता है.
- नियमित निवेश से बाजार की अस्थिरता का प्रभाव कम होता है.
- पॉवर ऑफ कंपाउंडिंग निवेशक को लॉन्ग टर्म बचत की योजना बनाने के लिए प्रेरित करता है.
आइए उदाहरण से समझते हैं.
ये है पूरा कैलकुलेशन
मान लीजिए कि 24 साल की उम्र में आपको पहली नौकरी मिली और उम्र के इस पड़ाव पर आपने हर रोज अपनी 400 रुपये यानी मंथली 12,000 रुपये की बचत से SIP शुरू की. अगले कई महीनों और 60 साल की उम्र तक ऐसा करते रहे. हम जानते है कि एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में जमा पर कंमाउंड इंटरेस्ट मिलता है समय में इसका लाभ भी जुड़ता जाता है. मान लेते हैं कि म्यूचुअल फंड SIP में जमा पर अनुमानित रिटर्न 12 फीसदी सालाना मिलने वाला है.
शुरुआती मंथली SIP= 12,000 रुपये
निवेश अवधि = 36 साल
अनुमानित रिटर्न : 12 फीसदी
36 साल में कुल निवेश = 51,84,000 रुपये (करीब 52 लाख रुपये)
जमा पर अनुमानित रिटर्न = 8,27,98,093 रुपये (लगभग 8.27 करोड़ रुपये)
36 साल बाद SIP वैल्यू: 8,79,82,093 (करीब 8.80 करोड़ रुपये)
(नोट: उपरोक्त कैलकुलेशन के लिए ग्रो के डिजिटल एसआईपी कैलकुलेटर का इस्तेमाल किया गया है)
अगर आप 24 साल से लेकर 60 साल की उम्र तक हर महीने म्यूचुअल फंड SIP में 12,000 का निवेश करते रहे, तो 36 साल बाद आपकी कुल वैल्यू करीब 8.80 करोड़ रुपये हो जाएगी. इसमें कुल निवेश रकम करीब 52 लाख रुपये और रिटर्न लगभग लगभग 8.27 करोड़ रुपये होगा.
हर महीने 12,000 रुपये की SIP को करीब 8.80 करोड़ रुपये के लक्ष्य तक पहुंचने में लगभग 36 साल लगेंगे. यह समय भले ही लंबा लगे, लेकिन अगर आप धैर्य रखें और नियमित रूप से निवेश करते रहें, तो यह लक्ष्य हासिल करना संभव है. अगर आप सालाना इंक्रीमेंट से बढ़ी आमदनी के कुछ हिस्से से अपने एसआईपी का टॉप-अप कराते रहते हैं यानी सालाना इंक्रीमेंट मिलने पर SIP में अपना योगदान 10% बढ़ा दिए और ऐसा 60 साल की उम्र तक करते रहे तो कुल वैल्यू और अधिक हो सकती है.
(नोट: हम यहां म्यूचुअल फंड में निवेश की सलाह नहीं दे रहे हैं. यहां एसआईपी कैलकुलेटर के आधार पर एक जानकारी दी गई है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट से सलाह लें.)