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New tax regime: जिन लोगों की सालाना टैक्सेबल इनकम 12.75 लाख रुपये या उससे कम है, उन्हें 60,000 रुपये तक की कर छूट मिल सकती है, जिससे उनका टैक्स पूरी तरह से शून्य हो जाएगा.
New tax regime (from FY 2025-26) : सरकार ने बजट 2025-26 में एक बड़ी घोषणा की थी कि अगर आपकी सालाना आय 12 लाख रुपये तक है और स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ 12.75 लाख रुपये तक है, तो नया टैक्स रीजिम अपनाने पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा। सुनने में यह बहुत राहत वाली बात है, लेकिन इसके पीछे एक बड़ा ट्विस्ट है। दरअसल, यह छूट हर तरह की आय पर लागू नहीं होती, खासकर अगर आपकी आय में कैपिटल गेन शामिल है, तो यह नियम अलग हो जाता है।
Section 87A क्या है और क्यों है अहम?
Section 87A के तहत अगर टैक्सेबल इनकम एक निश्चित सीमा तक है, तो पूरी टैक्स छूट दी जाती है.
ओल्ड टैक्स रिजीम में जिन लोगों की टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये या उससे कम थी, उन्हें 12,500 रुपये तक की टैक्स छूट मिलती थी. FY 2025-26 से नई टैक्स प्रणाली में जिन लोगों की टैक्सेबल इनकम 12.75 लाख रुपये या उससे कम है, उन्हें 60,000 रुपये तक की छूट मिल सकती है, जिससे टैक्स पूरी तरह से शून्य हो जाता है.
नई टैक्स प्रणाली में 87A की छूट समय के साथ बढ़ती रही है, पहले 5 लाख, फिर 7 लाख, और बजट 2025 में इसे 12 लाख रुपये (स्टैंडर्ड डिडक्शन 75,000 जोड़कर 12.75 लाख) कर दिया गया.
कैपिटल गेन के मामले में अलग है समीकरण
बजट 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया कि Section 87A की छूट ‘स्पेशल इनकम’ जैसे शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG) पर लागू नहीं होगी. यानी अगर आपकी सालाना सैलरी 12 लाख रुपये से कम है, लेकिन इसमें शेयर, म्यूचुअल फंड या अन्य संपत्ति से STCG शामिल है, तो उस हिस्से पर टैक्स देना पड़ेगा.
मान लीजिए आपकी सैलरी 11.5 लाख रुपये है और STCG 1 लाख रुपये है. तो कुल आमदनी 12.5 लाख रुपये होगी.
87A की छूट सैलरी पर लागू हो सकती है, लेकिन 1 लाख रुपये के STCG पर 15% टैक्स देना होगा. इसका मतलब है कि कुल 12 लाख रुपये की आमदनी तभी ‘टैक्स-फ्री’ होगी जब उसमें कोई स्पेशल इनकम जैसे कैपिटल गेन न हो.
स्टैंडर्ड डिडक्शन में ड्राफ्टिंग गलती
बजट 2025 में सरकार ने न्यू टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन 50,000 से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया था, ताकि 12.75 लाख रुपये तक की सैलरी टैक्स-फ्री हो सके. लेकिन इनकम टैक्स एक्ट (Income Tax Act, 1961) के सेक्शन 115BAC(1A) की क्लॉज (iii) में ड्राफ्टिंग गलती के कारण यह बढ़ोतरी कागज पर 50,000 ही रह गई. इस गलती को अगस्त 2025 में सुधार दिया गया और अब स्टैंडर्ड डिडक्शन 75,000 रुपये लागू हो गया.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में 13 अगस्त 2025 को कहा कि न्यू टैक्स रिलीज में सैलरीड वालों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन 75,000 रुपये लागू करने की स्पष्टता दी जा रही है.”