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Baroda BNP Paribas म्यूचुअल फंड ने एक नया हेल्थ एंड वेलनेस फंड लॉन्च किया है. (Scheme Presentation)
Baroda BNP Paribas Health and Wellness Fund NFO : बड़ौदा बीएनपी परीबा म्यूचुअल फंड ने हेल्थ और वेलनेस सेक्टर पर आधारित एक नया फंड ऑफर लॉन्च किया है. इस नई स्कीम का नाम है बड़ौदा बीएनपी परीबा हेल्थ एंड वेलनेस फंड. यह एक ओपन एंडेड इक्विटी स्कीम है, जिसके NFO में सब्सक्रिप्शन 9 से 23 जून तक खुला है. इस फंड का उद्देश्य ऐसे कंपनियों में निवेश करना है, जो हेल्थकेयर और वेलनेस जैसे उभरते सेक्टर में काम कर रही हैं. भारत में बढ़ती उम्र, लाइफस्टाइल डिसीज़ और हेल्थ अवेयरनेस के चलते हेल्थकेयर सेक्टर में लंबे समय तक ग्रोथ की संभावनाएं देखी जा रही हैं. ऐसे में यह फंड इन ट्रेंड्स का फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है.
क्या है इस फंड का उद्देश्य और रणनीति?
Baroda BNP Paribas Health and Wellness Fund का मकसद है लॉन्ग टर्म कैपिटल ग्रोथ हासिल करना. इसके लिए यह फंड फार्मा, डायग्नोस्टिक्स, हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी, हॉस्पिटल्स, इंश्योरेंस और रिसर्च से जुड़ी कंपनियों के इक्विटी और इक्विटी रिलेटेड इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करेगा. यह थीमैटिक फंड तीन साल या उससे अधिक अवधि के लिए निवेशकों के लिए है. भारत में प्रति व्यक्ति हेल्थकेयर पर खर्च अभी विकसित देशों की तुलना में काफी कम है, लेकिन आने वाले समय में इसमें तेज़ी से बढ़ोतरी की उम्मीद है. बढ़ती जागरूकता, बढ़ती आयु, और क्रॉनिक बीमारियों की बढ़ती संख्या इस सेक्टर को ग्रोथ की दिशा में आगे बढ़ा रही है.
क्या यह फंड बाकी हेल्थ फंड्स से अलग है?
बाजार में पहले से ही 16 से अधिक हेल्थ और फार्मा फोकस्ड म्यूचुअल फंड्स मौजूद हैं, जिनमें से 10 का ट्रैक रिकॉर्ड तीन साल या उससे ज्यादा का है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या नया फंड वाकई कुछ अलग पेश करता है?
इस फंड की खास बात यह हो सकती है कि यह हेल्थकेयर को ज्यादा व्यापक रूप में परिभाषित करता है—जैसे वेलनेस, डायग्नोस्टिक्स, हेल्थटेक, और इंश्योरेंस को भी कवर करता है. स्टॉक सिलेक्शन और पोर्टफोलियो स्ट्रैटेजी के मामले में भी यह अन्य फंड्स से थोड़ा अलग नजर आ सकता है.
निवेश से पहले ध्यान में रखने वाली बातें
NFO होने के कारण इस फंड का कोई पिछला प्रदर्शन रिकॉर्ड नहीं है. इसलिए निवेशकों को सतर्क रहकर निर्णय लेना चाहिए. इस तरह के थीमैटिक फंड्स में निवेश करने से पहले यह देखना ज़रूरी होता है कि वह आपके निवेश लक्ष्य और रिस्क प्रोफाइल के अनुकूल है या नहीं. रिस्कोमीटर पर इस फंड को वेरी हाई रिस्क (Very High Risk) की रेटिंग दी गई है. आम तौर पर निवेशकों को एनएफओ में पैसे लगाने में कोई जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. हेल्थ एंड वेलनेस सेक्टर पर फोकस करने वाले कुछ फंड्स पहले से मौजूद हैं जिनका ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा रहा है. जैसे ICICI Pru Pharma Healthcare & Diagnostics Fund ने पिछले तीन साल में 29% से ज्यादा रिटर्न दिया है, वहीं SBI Healthcare Opportunities Fund ने इस अवधि में 28% से अधिक रिटर्न दिया है.
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कितना होना चाहिए एक्सपोजर?
अगर आपके पोर्टफोलियो में हेल्थकेयर सेक्टर की कोई हिस्सेदारी नहीं है, तो लगभग 10% तक की लिमिट रखी जा सकती है. लेकिन यह निवेश कम से कम 3 से 5 साल की अवधि के लिए होना चाहिए. साथ ही, एकमुश्त निवेश की बजाय SIP या ट्रेंचेस में निवेश करने से एंट्री प्वाइंट रिस्क को कम किया जा सकता है.
क्या यह आपके लिए सही फंड है?
हेल्थ और वेलनेस सेक्टर लंबे समय तक चलने वाला थीम है. पोस्ट-कोविड दुनिया में लोगों की आदतें और सरकारी नीतियां हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रिवेंटिव केयर की तरफ ज्यादा झुकाव दिखा रही हैं. इस सेक्टर में भारत की भूमिका बढ़ रही है. साथ ही डायग्नोस्टिक्स, हेल्थटेक, इंश्योरेंस और हॉस्पिटल सेक्टर की मांग भी लगातार बढ़ रही है. ऐसे में यह स्कीम उन निवेशकों के लिए हो सकती है जो फार्मा और हेल्थकेयर जैसे दीर्घकालीन विकासशील सेक्टर में भागीदारी करना चाहते हैं और कम से कम 3–5 साल की निवेश अवधि रखने का इरादा रखते हैं. अगर आप दीर्घकालीन नजरिए से थीमैटिक एक्सपोजर चाहते हैं और अपने पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई करना चाहते हैं, तो यह फंड एक विकल्प हो सकता है. लेकिन हर निवेशक को अपने जोखिम प्रोफाइल, निवेश उद्देश्य और समय सीमा के हिसाब से फैसला लेना चाहिए.
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स्कीम की मुख्य बातें (Scheme Highlights)
स्कीम का नाम: बड़ौदा बीएनपी परीबा हेल्थ एंड वेलनेस फंड
स्कीम का प्रकार: ओपन एंडेड इक्विटी स्कीम, जो फार्मा और हेल्थकेयर सेक्टर में निवेश करती है
कैटेगरी: सेक्टोरल / थीमैटिक फंड – फार्मा और हेल्थकेयर थीम आधारित
- बेंचमार्क: BSE Healthcare Total Return Index
फंड मैनेजर: संजय चौला
एग्जिट लोड : 1 साल के भीतर 10% तक निकासी पर कोई एग्जिट लोड नहीं, उससे अधिक निकासी पर 1% एग्जिट लोड.
1 साल के बाद एग्जिट पर कोई एग्जिट लोड नहीं
मिनिमम लंपसम इनवेस्टमेंट: 1,000 रुपये
मिनिमम SIP (डेली / वीकली / मंथली) : 500 रुपये, क्वार्टरली : 1,500 रुपये
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का मकसद सिर्फ जानकारी देना है. निवेश की सिफारिश करना नहीं. निवेश के फैसले अपने निवेश सलाहकार की राय लेकर ही करें.)