scorecardresearch

NSC Calculator : 25 लाख के निवेश पर 36 लाख देगी ये स्‍कीम, इस सरकारी स्‍कीम के 5 सबसे बड़े फायदे

National Savings Certificate: कोई भी भारतीय नागरिक अपने अकाउंट से या नाबालिग के नाम पर NSC खरीद सकता है. NSC को सिंगल या ज्‍वॉइंट अकाउंट के जरिए शुरू कर सकते हैं. इसे पासबुक के रूप में जारी किया जाता है.

National Savings Certificate: कोई भी भारतीय नागरिक अपने अकाउंट से या नाबालिग के नाम पर NSC खरीद सकता है. NSC को सिंगल या ज्‍वॉइंट अकाउंट के जरिए शुरू कर सकते हैं. इसे पासबुक के रूप में जारी किया जाता है.

author-image
Sushil Tripathi
New Update
Post Office NSC, nsc interest rate, एनएससी, 5 benefits of nsc investment, higher interest rate than fixed deposit, tax benefit on NSC, national savings certificate

Post Office NSC : एनएससी उनके लिए बेहतर विकल्प है जो रिस्क फ्री रिटर्न के साथ पोर्टफोलियो डायवर्सिफाइड करने में यकीन रखते हैं. (AI Generated)

NSC, National Savings Certificate : नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) एक पॉपुलर फिक्‍स्‍ड इनकम रिटर्न का विकल्प है, जहां गारंटीड रिटर्न मिलता है. केंद्र सरकार ने मौजूदा तिमाही के लिए इसकी ब्‍याज दरों में कोई कटौती नहीं की और यह 7.7 फीसदी सालाना बरकरार रखा गया है. एनएससी पर न सिर्फ तय ब्याज मिलता है, बल्कि इसमें निवेश पर टैक्स छूट का भी लाभ उठा सकते हैं. स्कीम में 5 साल की लॉक-इन अवधि होती है. इसमें ब्याज सालाना कंपाउंडेड होता है, लेकिन इसका भुगतान मैच्‍योरिटी पर किया जाता है.

Also Read : PPF New Rates : क्या पीपीएफ में निवेश से जुटा सकते हैं 1.50 करोड़, ट्रिपल 5 का फॉर्मूला आएगा काम

Advertisment

यह उन निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प है जो रिस्क फ्री रिटर्न के साथ अपना पोर्टफोलियो डायवर्सिफाइड करने में यकीन रखते हैं. 5 साल की यह सरकारी स्कीम देशभर में पोस्ट ऑफिस में शुरू की जा सकती है, जिसमें न्यूनतम 1,000 रुपये से अकाउंट खोला जा सकता है. हालांकि अधिकतम जमा के लिए कोई लिमिट नहीं है.  

क्‍या आप भी खरीद सकते हैं NSC?

कोई भी भारतीय नागरिक अपने अकाउंट से या नाबालिग के नाम पर NSC खरीद सकता है. NSC को सिंगल या ज्‍वॉइंट अकाउंट के जरिए शुरू कर सकते हैं. इसे पासबुक के रूप में जारी किया जाता है. नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट का मौजूदा इश्यू, VIII इश्यू है. स्कीम के तहत कितने भी अकाउंट खोले जा सकते हैं.

अगर किसी नाबालिग के नाम पर स्कीम है तो उसके 18 साल के हो जाने पर वह अकाउंट वयस्‍क अकाउंट में बदल दिया जाता है. पोस्ट ऑफिस की किसी नजदीकी ब्रांच से आप 100, 500, 1000, 5000 और 10,000 रुपये के वैल्‍यू में यह सर्टिफिकेट खरीद सकते हैं. 

Also Read : 10 करोड़ रिटायरमेंट पर : कितनी मंथली SIP से पूरा होगा टारगेट, 100 गुना रिटर्न का क्या है सीक्रेट

कौन नहीं खरीद सकता है NSC?

नियम के अनुसार, NSC को अनिवासी भारतीय (NRI), हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (HUFs), पब्लिक या प्राइवेट कंपनियों, ट्रस्ट, सोसायटी या अन्य संस्थानों द्वारा नहीं खरीदा जा सकता है. अगर कोई व्यक्ति सर्टिफिकेट खरीदने के बाद  NRI बन जाता है, तो वह इसे गैर-प्रत्यावर्तन आधार पर मैच्‍योरिटी तक होल्ड कर सकता है.

Interest Rate on NSC : कितना है ब्याज 

5 साल की नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट स्कीम पर 7.7 फीसदी का सालाना कंपाउंडिंग ब्याज मिल रहा है. इस स्‍कीम में ब्याज सालाना कंपाउंडेड होता है और मैच्योरिटी पर पेयबल होता है. 5 साल बाद मैच्योरिटी पर आप इस स्‍कीम को रिन्यू नहीं कर सकते हैं. मैच्योरिटी के बाद NSC में निवेश जारी रखने के लिए, आपको लागू ब्याज दर के साथ एक नया NSC सर्टिफिकेट खरीदना होगा.

Also Read : 10 साल से भी कम समय में चाहिए 4 गुना रिटर्न, कौन सी स्‍कीम चुनें, ये फॉर्मूला बताएगा सटीक जवाब

NSC Calculator : 25 लाख निवेश पर

वन टाइम डिपॉजिट : 25 लाख रुपये
ब्याज दर: 7.7% सालाना कंपाउंडेड
टेन्योर: 5 साल
मैच्‍योरिटी पर अमाउंट : 36,47,582 रुपये
ब्याज का फायदा : 11,47,582 रुपये

NSC के 5 बड़े फायदे

  • इस सर्टिफिकेट को कोलैटरल के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं. यानी इस पर बैंक या किसी वित्‍तीय संस्‍था से लोन ले सकते हैं.
  • NSC में निवेश पर टैक्स छूट का लाभ मिलता है.
  • सरकारी स्‍कीम होने से इस पर रिटर्न की गारंटी है.
  • तय और एफडी से बेहतर ब्याज मिल रहा है.
  • यह रिस्क फ्री इन्वेस्टमेंट विकल्प है.

Also Read : 10 साल से भी कम समय में चाहिए 4 गुना रिटर्न, कौन सी स्‍कीम चुनें, ये फॉर्मूला बताएगा सटीक जवाब

Tax Rules in NSC : इनकम टैक्स के नियम

NSC में निवेश करने पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है. हालांकि यह छूट 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर ही मिलती है. पहले 4 साल तक एनएससी से मिले ब्याज को फिर से निवेश कर दिया जाता है, इसलिए टैक्स में छूट दी जाती है. हालांकि एनएससी के 5 साल पूरे होने पर उसे फिर से निवेश नहीं कर सकते, इसलिए ब्याज से हुई कमाई पर टैक्स स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स लगता है. इंटरेस्ट अमाउंट पर TDS नहीं लगता (TDS Rule in NSC) है.

ITR में दिखाएं कमाई

एनएससी में जो निवेश किया जाता है, मूलधन 5 साल बाद ब्याज के साथ जोड़ कर मिलता है. टैक्स रिटर्न भरते समय इस बात का ध्यान रखना होता है कि आईटीआर में हर साल एक्रूड इंटरेस्ट इनकम के तौर पर दिखाना होता है. सीबीडीटी का नियम कहता है कि हर साल के आईटीआर में एनएससी के ब्याज की कमाई को दिखाना जरूरी होता है. 

Also Read : NFO Alert : रेगुलर इनकम के लिए जियो ब्‍लैकरॉक म्‍यूचुअल फंड की 3 नई स्‍कीम, 1 दिन से 1 साल तक की मैच्‍योरिटी

NSC ट्रांसफर के नियम

NSC को जारी होने से लेकर मैच्योरिटी डेट के बीच एक बार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के नाम पर ट्रांसफर किया जा सकता है. इसे ट्रांसफर करते वक्त पुराने सर्टिफिकेट डिस्चार्ज नहीं होते हैं, बल्कि उसी सर्टिफिकेट पर और परचेज एप्लीकेशन (नॉन CBS पोस्ट ऑफिस के मामले में) पर नए धारक का नाम लिख दिया जाता है. इस दौरान अधिकृत पोस्ट मास्टर के उस दिन की तारीख के साथ हस्ताक्षर होते हैं और उसकी मुहर लगती है.

- NSC को इन हालात में एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के नाम पर ट्रांसफर किया जा सकता है: 

(i) खाताधारक की मृत्यु पर नॉमिनी/कानूनी उत्तराधिकारी के नाम पर
(ii) खाताधारक की मृत्यु पर संयुक्त धारक/धारकों के नाम पर
(ii) न्यायालय द्वारा आदेश पर
(iii) निर्दिष्ट प्राधिकारी को खाते गिरवी/बंधक रखने पर

National Savings Certificate Interest Rate on NSC Nsc