/financial-express-hindi/media/media_files/2025/04/13/3yDYo4i77tZcpkr6Vrgb.jpg)
यह नियम कोई नया नहीं है, बल्कि 1 अक्टूबर 2008 से लागू है. (Image created by ChatGPT)
अगर पेंशन (Pension) समय पर नहीं मिलती है, तो अब सिर्फ इंतजार नहीं करना पड़ेगा - ब्याज भी मिलेगा. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अपने ताजा सर्कुलर में यह बात दोहराया है कि अगर बैंक पेंशन देने में देरी करता है, तो उसे पेंशनर को सालाना 8% ब्याज देना होगा. यह कदम रिटायर्ड कर्मचारियों और बुजुर्गों के हितों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, जिससे वक्त पर उनके खाते में पेंशन पहुंच सके.
आरबीआई के नए निर्देशों के मुताबिक, अगर किसी पेंशनर (Pensioners) को तय तारीख पर पेंशन या बकाया राशि नहीं मिलती है, तो बैंक को देरी की अवधि के लिए सालाना 8% की दर से ब्याज देना होगा. यह ब्याज उसी दिन सीधे पेंशनर के खाते में जमा किया जाना चाहिए जिस दिन बकाया या संशोधित पेंशन का भुगतान किया जाता है. यह नियम कोई नया नहीं है, बल्कि 1 अक्टूबर 2008 से लागू है, लेकिन अब इसे धरातल पर उतारने के लिए बैंकों पर आरबीआई ने सख्ती दिखाई है.
पेंशनर के खाते में डाला जाए बकाया पेंशन : RBI
इसके साथ ही, आरबीआई ने बैंकों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे पेंशनर्स से किसी प्रकार का दावा या आवेदन न मांगें. पेंशन या बकाया रकम का खुद-ब-खुद पेंशनर्स के खाते में ट्रांसफर किया जाए. यदि किसी पेंशनर्स को पिछली बकाया राशि मिलनी है, तो बैंक को पेंशन जारी करने वाली संस्था से पेंशन ऑर्डर की प्रति तुरंत हासिल कर अगले महीने की पेंशन के साथ यह राशि सुनिश्चित करनी होगी.
आरबीआई ने यह भी कहा है कि पेंशन देने वाली बैंक शाखाएं पेंशनर्स के लिए सहायता और मार्गदर्शन केंद्र के रूप में काम करें. एजेंसी बैंक द्वारा पेंशन की गणना के दौरान भी शाखा को पेंशनर का संपर्क बिंदु बनाए रखना चाहिए, ताकि बुज़ुर्गों को असहजता या उपेक्षा महसूस न हो. शाखाओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि पेंशनर को हर प्रकार की सहायता और सही जानकारी समय पर उपलब्ध कराई जाए.
Also read : Warren Buffet: ना रील्स, ना शॉर्टकट, निवेश में सफलता के लिए चाहिए बफेट जैसी सोच
आरबीआई का यह सख्त रुख पेंशनर्स के हितों की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इससे न सिर्फ पेंशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता और समयबद्धता आएगी, बल्कि बैंकों की जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी. यह निर्देश उन लाखों पेंशनर्स के लिए राहत भरा है, जो कई बार तकनीकी कारणों या प्रक्रियागत अड़चनों की वजह से समय पर पेंशन पाने से वंचित रह जाते हैं.