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Warren Buffet: ना रील्स, ना शॉर्टकट, निवेश में सफलता के लिए चाहिए बफेट जैसी सोच

Warren Buffet mindset: अगर आप भी अरबपतियों जैसा निवेश करना चाहते हो, तो वॉरेन बफेट की 130 अरब डॉलर की दौलत एक बड़ी सीख है. उनके तरीके कोई जादू नहीं, बस आसान हैं- न नए ट्रेंड के पीछे भागो, बाजार गिरे तो समझदारी से खरीदो, और लंबे वक्त तक टिके रहो.

Warren Buffet mindset: अगर आप भी अरबपतियों जैसा निवेश करना चाहते हो, तो वॉरेन बफेट की 130 अरब डॉलर की दौलत एक बड़ी सीख है. उनके तरीके कोई जादू नहीं, बस आसान हैं- न नए ट्रेंड के पीछे भागो, बाजार गिरे तो समझदारी से खरीदो, और लंबे वक्त तक टिके रहो.

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FE Hindi Desk
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Warren Buffett: भारत के युवा निवेशकों के लिए ये तरीके बेहद काम के हैं. अब वक्त है सीखने का कि कैसे बफेट सादगी से अरबों कमाते हैं. (PTI)

A young Indian’s handbook to the Warren Buffet mindset : वॉरेन बफेट, जिन्हें 'ओरेकल ऑफ ओमाहा' कहा जाता है, कोई आम इंसान नहीं हैं – वो ज़िंदगी को देखने का एक अलग ही नजरिया पेश करते हैं. 94 साल की उम्र में उनकी (Warren Buffett) कुल संपत्ति 130 अरब डॉलर से भी ज़्यादा है, और ये सब उन्होंने किसी ट्रेंड के पीछे भागकर नहीं कमाया. बल्कि उन्होंने निवेश यानी इनवेस्टमेंट का ऐसा तरीका अपनाया जो समझदारी भरा और सीधा-सादा है.

भारत के उन युवाओं के लिए जो शेयर मार्केट के उतार-चढ़ाव में उलझे हुए हैं, बफेट की सोच एक बढ़िया उदाहरण है. भूल जाओ वो मुश्किल ग्राफ और भारी-भरकम फॉर्मूलों को. भूल जाओ इंस्टाग्राम की चकाचौंध वाली रील्स को. जो सच में चाहिए, वो है साफ सोच, अनुशासन और थोड़ा-सा धैर्य.

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यहां उन युवाओं के लिए एक शुरुआती चेकलिस्ट है जो वॉरेन बफेट जैसा बनना चाहते हैं. ध्यान रहे इस लेख में कुछ कंपनियों के नाम सिर्फ बफेट की सोच को समझाने के लिए इस्तेमाल किए गए हैं- ये कोई निवेश की सलाह नहीं हैं.

निवेश को आसान रखो, जैसे रोज की चाय

वॉरेन बफेट कहते हैं – निवेश कोई मुश्किल चीज नहीं है. ज्यादा दिमाग लगाने की जरूरत नहीं, बस समझदारी से काम लो. हमारे यहां रोज़ कुछ नया चलता है- कभी क्रिप्टो का जोश, कभी IPO की लंबी कतार, और व्हाट्सऐप पर ढेरों टिप्स. लेकिन बफेट क्या करते हैं? वो सिर्फ मजबूत और भरोसेमंद कंपनियों में पैसा लगाते हैं, वो भी तब जब दाम सही हो. ना क्रिप्टो, ना IPO, और ना ही व्हाट्सऐप वाली सलाह.

मिसाल के लिए समझिए कि आप अपनी पसंद की चाय पीने के लिए दुकान चुन रहे हो. जरूरी नहीं सौ तरह के फ्लेवर की. बस इसके लिए अच्छी चाय, फ्रेश दूध और भरोसेमंद दुकानदार चाहिए. यही सोच निवेश करते वक्त भी होनी चाहिए. ऐसी कंपनियां चुनें जो आपको आसानी से समझ आएं - जैसे कोलगेट जो टूथपेस्ट बनाती है या मारुति जो गाड़ियां बनाती है. अगर कोई कंपनी बहुत ज्यादा उलझी हुई लगे, तो उसे छोड़ दो. सीधी-सादी सोच अक्सर सबसे बेहतर साबित होती है.

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भीड़ से बचो – चाहे दीवाली की रौनक हो या कुछ और

क्या आपने कभी बिग सेल के दौरान भागते हुए ऐसी चीज़ें खरीदी हैं जो बाद में कभी काम नहीं आईं? शेयर बाजार में भी ऐसा होता है. जैसे क्रेजी EV स्टार्टअप्स- लोग बिना सोचें-समझे उन में पैसा लगा देते हैं. लेकिन बफेट ऐसा नहीं करते. वो सोच-समझकर निवेश करते हैं.

2021 में भारत में क्रिप्टो का बहुत हंगामा था. बहुत से लोग दावा करते थे कि उनका पैसा दस गुना हो गया. फिर अचानक सब कुछ गिर गया. बफेट का तरीका अलग है. वो भीड़ वाली चीजों से दूर रहते हैं. वो ज्यादा चमकदार नजर आने वाली कंपनियों के बजाय मजबूत और भरोसेमंद कंपनियां जैसे HDFC बैंक को अच्छे दाम पर खरीदते हैं. अगर आपका करीबी आपको “बिलकुल सही मौका” दिखाए, तो थोड़ा ठहर कर सोचिए, क्या ये वाकई बफेट जैसा मौका है, या फिर ये सिर्फ एक जुआ है?

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लंबी सोच रखो - टेस्ट मैच की तरह, सिर्फ T20 नहीं 

वॉरेन बफेट लंबे समय तक निवेश करने के पक्ष में हैं. उन्होंने साल 1988 में कोका-कोला का शेयर खरीदा था और आज तक उसे नहीं बेचा. क्यों? क्योंकि जो कंपनियां मजबूत होती हैं, वो समय के साथ बढ़ती हैं. भारत में बहुत से लोग जल्दी पैसा कमाने के लिए फास्ट ट्रेडिंग करते हैं - जैसे ऑप्शंस या इंट्राडे ट्रेडिंग. लेकिन NSE के आंकड़े बताते हैं कि 90 फीसदी लोग इन फास्ट डील्स में पैसा खो देते हैं.

बफेट की सोच इससे अलग है. वो सलाह देते हैं कि शेयरों को टेस्ट मैच की तरह लें. मजबूत कंपनियां चुनें और उन्हें लंबे समय तक रखें, न कि सिर्फ जल्दी फायदे के लिए. ICICI बैंक या TCS जैसी बड़ी और स्थिर कंपनियां समय के साथ अच्छा मुनाफा देती हैं, अगर आपके पास धैर्य है. अपने निवेश सलाहकार से बात करें और देखें कि आपके लिए सबसे अच्छा तरीका क्या हो सकता है. शायद आप एक स्मॉल SIP शुरू करें और समय के साथ उसका फायदा देखें, या फिर सलाहकार आपको कोई और बेहतर तरीका बता सकते हैं.

बाजार में गिरावट के दौरान अच्छे मौके पकड़ो – जैसे क्लियरेंस सेल 

बफेट मानते हैं कि जब लोग लालची हों, तो डरना चाहिए, और जब लोग डरें, तो लालच दिखाओ. जब बाजार गिरता है, तो बफेट खरीदारी करते हैं. 2008 में जब वॉल स्ट्रीट (अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज) संकट में था, उन्होंने शानदार डील्स लीं. 2020 में कोविड के कारण जब बाजार गिरा, तो लोग डरकर शेयर बेच रहे थे, लेकिन समझदार निवेशकों ने अच्छे मौके पकड़े.

अगली बार जब सेंसक्स (भारतीय बाजार) गिरता है, तो सिर्फ खड़े मत रहो. मजबूत कंपनियां ढूंढो जैसे एशियन पेंट्स और इंफोसिस. जिनकी कीमतें बिना वजह के गिर सकती हैं. यह वही मौका है जब आप बफेट की तरह सोच सकते हो. आप बाजार के गिरने का सही समय नहीं देख रहे, बस अच्छा मौका मिलते ही सही दाम पर अच्छी कंपनियां खरीद रहे हो.

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अपनी जानी-पहचानी चीजों पर ध्यान देना बेहतर

बफेट अपनी निवेश पद्धति को "सर्कल ऑफ कॉम्पीटेंस" कहते हैं. इसका मतलब है कि वो सिर्फ उन्हीं कंपनियों में निवेश करते हैं जिन्हें वो अच्छे से समझते हैं. टेक्नोलॉजी उनके लिए सही जगह नहीं थी, इसलिए उन्होंने इससे दूर रहकर सही फैसला लिया.

भारत में आजकल सभी लोग स्टार्टअप्स की बात कर रहे हैं - जैसे ज़ोमेटो, पेटीएम, और स्विगी. ये सब आकर्षक लगते हैं, लेकिन क्या आप इनके मुनाफे के तरीके को समझते हैं? अपनी जानी-पहचानी चीजों पर ध्यान दो. अगर आप खेती-बाड़ी से जुड़े हैं, तो आप कृषि कंपनियों में निवेश कर सकते हैं. जो टेक्नोलॉजी में अच्छे हैं, वो इंफोसिस जैसी कंपनियों में निवेश कर सकते हैं. बफेट की सलाह यही है. हर गेंद को हिट करने की कोशिश मत करो - वो गेंद चुनो जिसे आप आसानी से खेल सकते हो.

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ज्यादा शोर पर न दें ध्यान

बफेट हर दिन स्टॉक प्राइस चेक नहीं करते. वो उन टीवी एक्सपर्ट्स से परेशान नहीं होते जो हर वक्त बाय (Buy) या सेल (Sell) कहते रहते हैं. बहुत लोग बिजनेस शोज और ट्विटर पर हर बात पर ध्यान देते हैं. हर गिरावट डराने वाली लगती है और हर उछाल को बड़ा मौका समझते हैं.

बफेट की सलाह है कि इन सबको नजरअंदाज करो. उस कंपनी पर ध्यान दो, जिसका तुम शेयर रखते हो. क्या टाइटन अभी भी गहनों का कारोबार कर रहा है? क्या हिंदुस्तान यूनिलीवर अभी भी डिटर्जेंट बेच रहा है? अगर हां, तो शांति से रहो. शोर बस शोर होता है - तुम्हारा काम है सोचना, न कि हर बात पर प्रतिक्रिया देना.

एक स्टूडेंट की तरह सोचो, जुआरी की तरह नहीं

बफेट हर हफ्ते 500 पेज पढ़ते हैं. वो हर चीज को ध्यान से समझते हैं. किताबें, पेपर, सब कुछ. उनका कहना है, “जितना ज्यादा सीखोगे, उतना ज्यादा कमा सकोगे.” यह बात भारत के युवाओं के लिए प्रेरणादायक हो सकती है. हमारे पास बहुत सारी मुफ्त जानकारी है - BSE पर कंपनियों की जानकारी, अच्छे पॉडकास्ट, और आप चाहें तो बफेट के पुराने पत्र भी पढ़ सकते हैं. 

बफेट की सलाह है कि शुरुआत सरल तरीके से करो. हर हफ्ते एक नई कंपनी के बारे में जानने की कोशिश कर सकते हो. कुछ समय दो और तुम बफेट की तरह सही कंपनियों को पहचान सकोगे. याद रखो, तुम जुआ नहीं खेल रहे हो - तुम किताबें पढ़ रहे हो.

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बफेट जैसा सोचने के लिए आपको अरबपति होने की ज़रूरत नहीं है. निवेश में सफलता हासिल करने के लिए बस आपको उनके जैसी सोच अपनानी है. एक SIP शुरू करें या फिर एक भरोसेमंद स्टॉक में निवेश करें. सारे शोर-शराबे को नजरअंदाज करें. सिंपल, टिकाऊं और मजबूत चीजों पर ध्यान दें. और हां, अगर वह थोड़ी बोरिंग लगती है, तो भी ठीक है. आजकल सब कुछ बहुत तेजी से होता है - चाहे इंस्टाग्राम पर वीडियो देखना हो या स्विगी से खाना मंगवाना हो. लेकिन बफेट एक धीमी और समझदारी से काम करने वाली पद्धति अपनाते हैं - जो हमेशा असरदार साबित होती है. बफेट ने 100 डॉलर को करोड़ों में बदला. आपके पास भी अपनी छोटी रकम को बढ़ाने का मौका है. तो अब अगला कदम क्या होगा? क्या कोई भारतीय कंपनी है जो बफेट की तरह काम करती हो?

(नोट - यह लेख सिर्फ जानकारी के लिए है, कोई निवेश की सिफारिश नहीं है. अगर आप निवेश करना चाहते हैं, तो अपने सलाहकार से परामर्श करें.)

(Article by Suhel Khan)

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