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PMAY Urban 2.0 Scheme: साल 2015 में शुरू की गई पीएम शहरी आवास योजना ने देशभर में लाखों परिवारों को सभी बुनियादी सुविधाओं सहित उनका अपना पक्का घर देकर उन्हें नई पहचान दिलाई है.
Pradhan Mantri Awas Yojana (PMAY)-Urban 2.0 Scheme : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना (PMAY-U 2.0) को मंजूरी दे दी है. इस योजना का लक्ष्य देश के शहरी इलाकों में रह रही आबादी के विभिन्न वर्गों के बीच समानता पर विशेष ध्यान देने के साथ अगले पाच साल में 1 करोड़ घरों बनाना है. साल 2024 के पूर्ण बजट में सरकार ने शहरी इलाकों में पीएम आवास योजना के तहत अगले 5 साल में 1 करोड़ घर बनाने की घोषणा की थी जिसे अब मंत्रिमंडल से भी मंजूरी मिल चुकी है. पीएम शहरी आवास योजना क्या है. किसे इस योजना का लाभ मिलेगा, इस स्कीम का लाभ पाने के लिए कौन अप्लाई कर सकता है? आइए इसके बारे में जानते हैं.
PMAY-U 2.0 क्या है?
PMAY-U 2.0 का लक्ष्य मध्यम आय वर्ग और शहरी गरीब परिवारों को शहरी इलाकों में उचित मूल्य वाले घर बनाने, खरीदने या किराए पर लेने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है. पीएम इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट (www.pmindia.gov.in) के मुताबिक इस प्रोडक्ट के तहत हर एक नागरिक को पक्का घर (all-weather pucca houses) देकर उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के भारत सरकार के लक्ष्य के अनुरूप है.
A home brings dignity and an enhanced ability to fulfil one’s dreams.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 9, 2024
With a record investment of Rs. 10 lakh crore, the Pradhan Mantri Awas Yojana-Urban 2.0 Scheme will benefit countless people and contribute to better cities. pic.twitter.com/ErTX4d1OZd
PMAY-U: किसे मिलेगा घर?
पीएम इंडिया की वेबसाइट के मुताबिक झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले, एससी-एसटी, अल्पसंख्यकों, विधवाओं, दिव्यांग लोगों और समाज के अन्य वंचित वर्गों सहित हाशिए पर रहने वाले समूहों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. इसके अलााव सफाई कर्मी, रेहड़ी-पटरी वाले, कारीगर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और झुग्गी-झोपड़ियों व चॉलों के रह रहे लोगों जैसे समूहों को इस योजना के तहत केंद्रित समर्थन प्राप्त होगा.
PMAY-U: किसे मिलेगा स्कीम का लाभ
पीएमएवाई-यू 2.0 योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), निम्न आय समूह (एलआईजी) और मध्यम आय समूह (एमआईजी) क्षेत्रों से संबंधित परिवारों के लिए खुली है, जिनके पास देश में कहीं भी पक्का घर नहीं है. पात्रता के लिए आय मानदंड इस प्रकार हैं.
ईडब्ल्यूएस परिवार: वार्षिक आय 3 लाख रुपये तक.
एलआईजी परिवार: वार्षिक आय 3 लाख रुपये से 6 लाख रुपये तक.
एमआईजी परिवार: वार्षिक आय 6 लाख रुपये से 9 लाख रुपये तक.
योजना का कवरेज
जनगणना 2011 के अनुसार सभी वैधानिक शहर और बाद में अधिसूचित शहर, जिसमे अधिसूचित योजना क्षेत्र, औद्योगिक विकास प्राधिकरण/विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण/शहरी विकास प्राधिकरण या ऐसे किसी भी प्राधिकरण जिसे राज्य विधान के तहत शहरी नियोजन और विनियमों के कार्य सौंपे गए हैं, के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र शामिल हैं, उन्हें भी पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत शामिल किया जाएगा.
योजना के अंतर्गत घटक
पीएम शहरी आवास योजना वर्जन 2 का कार्यान्वयन निम्न 4 घटकों के तहत किया जाएगा.
लाभार्थी आधारित निर्माण (बीएलसी)
लाभार्थी आधारित निर्माण यानी बेनीफीशियरी लिड कंस्ट्रक्शन (BLC) के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) से आने वाले पात्र परिवारों को उनकी भूमि पर नए घर बनाने के लिए सरकार वित्तीय मदद करेगी. जिन पात्र लाभार्थियों के पास उनकी अपनी भूमि नहीं है, उन्हें राज्यों या केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा भूमि अधिकार (पट्टा) भी दिया जाएगा.
भागीदारी में सस्ता घर (एएचपी)
भागीदारी में सस्ता घर यानी अफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप (AHP) के तहत किफायती आवासों का निर्माण सरकारी या निजी संस्थाओं द्वारा किया जाएगा और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) से आने वाले पात्र लाभार्थियों को वित्तीय सहायता देकर आवंटन के लिए उपलब्ध कराया जाएगा.
1. अगर पात्र लाभार्थी निजी सेक्टर की प्रोजेक्ट में आवास खरीदता है तो लाभार्थियों को रिडीमेबल हाउसिंग वाउचर के रूप मे वित्तीय सहायता मिलेगी. राज्यों या केन्द्र शासित प्रदेशों या यूएलबी द्वारा ऐसी सभी प्रोजेक्ट को व्हाइटलिस्ट किया जाएगा.
2. नए निर्माण तकनीकों का इस्तेमाल करने वाली अफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप प्रोजेक्ट को टेक्नोलॉजी इनोवेशन ग्रांट (टीआईजी) के रूप में 1,000 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से अतिरिक्त अनुदान दी जाएगी.
किफायती किराये के घर (एआरएच)
किफायती किराये के घर यानी अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग (ARH) में शहरी इलाकों में रह रहे कामकाजी महिलाओं या औद्योगिक श्रमिकों या शहरी प्रवासियों या बेघर या निराश्रित या छात्रों और अन्य समान पक्षों के पात्र लाभार्थियों के लिए पर्याप्त किराये के आवासों का निर्माण किया जाएगा. अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग उन शहरी निवासियों के लिए किफायती और रहने की स्वच्छ जगह सुनिश्चित करेगा जो स्वामित्व में अपना घर नहीं चाहते हैं या जिनके पास घर बनाने या खरीदने की वित्तीय क्षमता नहीं है, लेकिन उन्हें अल्पावधि के लिए आवास की आवश्यकता है.
अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग को निम्न दो मॉडलों के माध्यम से लागू किया जाएगा.
मॉडल 1: सरकार द्वारा वित्तपोषित खाली आवासों को किराये के आवास में परिवर्तित किया जाएगा.
मॉडल 2: सरकारी या निजी संस्थाएं नए किराये के आवास का निर्माण करेंगी.
नए निर्माण तकनीकों का इस्तेमाल करने वाली प्रोजेक्ट को टेक्नोलॉजी इनोवेशन ग्रांट के रूप में 5,000 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से अतिरिक्त अनुदान प्रदान किया जाएगा. जिसमें केंद्र सरकार 3,000 रुपये प्रति वर्गमीटर और राज्य सरकार 2000 रुपये प्रति वर्गमीटर का योगदान शामिल होगा.
ब्याज सब्सिडी योजना (आईएसएस)
ब्याज सब्सिडी योजना यानी इंटरेस्ट सब्सिडी स्कीम (ISS) के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) या निम्न आय वर्ग यानी एलआईजी, मध्यम आय वर्ग यानी एमआईजी-I और एमआईजी-II के पात्र परिवारों के लिए होम लोन पर सब्सिडी दी जाएगी. ये सिर्फ ई डब्ल्यू एस और निम्न आय वर्ग से आने वाले पात्र लाभार्थियों के लिए मान्य है.
35 रुपये लाख तक की कीमत वाले मकान के लिए 25 लाख रुपये तक का होम लोन लेने वाले पात्र लाभार्थी 12 वर्ष की अवधि तक के पहले 8 लाख रुपये के लोन पर 4 फीसदी ब्याज सब्सिडी के पात्र होंगे. पात्र लाभार्थियों को 5 वार्षिक किश्तों में पुश बटन के माध्यम से 1.80 लाख रुपये की सब्सिडी जारी की जाएगी. लाभार्थी वेबसाइट, ओटीपी या स्मार्ट कार्ड के जरिए अपने खाते की जानकारी ले सकते हैं.
पीएम शहरी आवास योजना वर्जन 2 के बीएलसी, एएचपी और एआरएच घटकों को केंद्रीय प्रायोजित योजना के रूप में लागू किया जाएगा. जबकि ब्याज सब्सिडी योजना (आईएसएस) घटक को केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में लागू किया जाएगा. लाभार्थी योजना के तहत लाभ हासिल करने हेतु चारों घटकों में से अपनी पात्रता और पसंद के अनुसार एक घटक का चुनाव कर सकते हैं.
वित्त पोषण तंत्र
आईएसएस घटक को छोड़कर, बीएलसी, एएचपी और एआरएच के तहत घर निर्माण की लागत मंत्रालय, राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश या यूएलबी और पात्र लाभार्थियों के बीच साझा की जाएगी. पीएम शहरी आवास योजना वर्जन 2 के तहत एएचपी या बीएलसी घटकों में सरकारी सहायता 2.50 लाख रुपये प्रति वर्ग होगी. राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश का हिस्सा अनिवार्य होगा. बिना विधायिका वाले केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए, केंद्रीय: राज्य शेयरिंग पैटर्न 100:0 होगा, विधायिका वाले केन्द्र शासित प्रदेशों (दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी), उत्तर-पूर्वी राज्यों और हिमालयी राज्यों (हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड) के लिए शेयरिंग पैटर्न 90:10 होगा. अन्य राज्यों के लिए शेयरिंग पैटर्न 60:40 होगा घरों की सामर्थ्य में सुधार के लिए, राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश और यूएलबी लाभार्थियों को अतिरिक्त सहायता दे सकते हैं. आईएसएस घटक के तहत, पात्र लाभार्थियों को 5-वार्षिक किश्तों में 1.80 लाख रुपये तक की केंद्रीय सहायता दी जाएगी. विस्तृत शेयरिंग पैटर्न नीचे दिया गया है.
क्र. सं. |
राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश | पीएम शहरी आवास योजना 2.0 घटक | ||
बीएलसी एवं एएचपी | एआरएच | आईएसएस | ||
उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के राज्य, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और केन्द्र शासित प्रदेश (यूटी) जम्मू-कश्मीर, पुडुचेरी और दिल्ली | केंद्र सरकार- 2.25 लाख रुपये प्रति आवास राज्य सरकार- न्यूनतम 0.25 लाख रुपये प्रति आवास
| प्रौद्योगिकी नवाचार अनुदान भारत सरकार: 3,000 रुपये/वर्गमीटर प्रति आवास राज्य का हिस्सा: 2,000 रुपये/वर्गमीटर प्रति आवास | गृह ऋण सब्सिडी - केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में भारत सरकार द्वारा प्रति आवास 1.80 लाख रुपये (वास्तविक रिलीज) तक | |
अन्य सभी केंद्र शासित प्रदेश | केंद्र सरकार - 2.50 लाख रुपये प्रति आवास | |||
शेष राज्य | केंद्र सरकार- 1.50 लाख रुपये प्रति आवास राज्य सरकार- न्यूनतम 1.00 लाख रुपए प्रति आवास | |||
पीएम शहरी आवास योजना 2.0 के तहत अगले वाले 5 साल में शहरी क्षेत्रों में घर बनाने, खरीदने या किराए पर लेने के लिए राज्यों या केन्द्र शासित प्रदेशों या प्राइमरी लोन संस्थान (पीएलआई) के माध्यम से 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यम आय वर्ग से आने वाले परिवारों को वित्तीय सहायता मिलेगी. इस योजना के तहत 2.30 लाख करोड़ रुपये की सरकारी सहायता प्रदान की जाएगी.
साल 2015 में शुरू की गई पीएम शहरी आवास योजना ने देशभर में करोड़ों परिवारों को सभी बुनियादी सुविधाओं सहित उनका अपना पक्का घर देकर उन्हें नई पहचान दिलाई है. योजना के तहत 1.18 करोड़ घरों को स्वीकृति दी गई थी, जिनमें से 85.5 लाख से अधिक आवास पूरे कर लाभार्थियों को सौंपे जा चुके हैं और बाकी आवास निर्माणाधीन हैं.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10 जून 2024 को पात्र परिवारों की संख्या में वृद्धि के कारण उत्पन्न होने वाली आवास आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 1 करोड़ अतिरिक्त शहरी परिवारों और 2 करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण परिवारों को घरों के निर्माण के लिए सहायता प्रदान करने का संकल्प लिया था. प्रधानमंत्री के विजन के अनुसरण में 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश के साथ पीएम शहरी आवास योजना 2.0 के तहत एक करोड़ पात्र परिवारों की पक्के आवास की आवश्यकता को पूरा किया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक नागरिक बेहतर जीवन जी सके. इसके अलावा, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) या निम्न आय वर्ग (एलआईजी) को उनके पहले घर के निर्माण या खरीद के लिए बैंकों या हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (एचएफसी) या प्राइमरी लोन संस्थानों से लिए गए. सस्ती होम लोन पर क्रेडिट रिस्क गारंटी का लाभ प्रदान करने के लिए क्रेडिट रिस्क गारंटी फंड ट्रस्ट (सीआरजीएफटी) का कॉर्पस फंड 1,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है. साथ ही, क्रेडिट रिस्क गारंटी फंड का प्रबंधन राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) से राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी कंपनी (एनसीजीटीसी) को हस्तांतरित किया जाएगा. क्रेडिट रिस्क गारंटी फंड योजना का पुनर्गठन किया जा रहा है और नई गाइडलाइन आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा जारी किए जाएंगे.
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