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PMVBRY: 1 अगस्त से देश में रोजगार योजना हो रही है लागू, एलिजिबिलिटी, बेनिफिट समेत हर जरूरी डिटेल

PM Viksit Bharat Rozgar Yojana क्या है, यह कब से लागू हो रही है, योजना का लाभ उठाने के लिए कौन लोग एलिजिबल होंगे और किसे योजना का बेनिफिट मिलेगा, सभी जरूरी यहां पढ़िए.

PM Viksit Bharat Rozgar Yojana क्या है, यह कब से लागू हो रही है, योजना का लाभ उठाने के लिए कौन लोग एलिजिबल होंगे और किसे योजना का बेनिफिट मिलेगा, सभी जरूरी यहां पढ़िए.

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Mithilesh Kumar
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PM Viksit Bharat Rojgar Yojana

पीएम विकसित भारत रोजगार योजना का मकसद रोजगार सृजन को बढ़ावा देना और विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करना है. (Image: X/@socialepfo)

PM Viksit Bharat Rozgar Yojana, PMVBRY Eligibilty, benefits and more: अगर आपका भाई या कोई जानने वाला अगस्त में अपनी पहली नौकरी शुरू करने जा रहा है, जहां उसकी कुल सैलरी 12,000 रुपये है और वह कंपनी कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) स्कीम से जुड़ी है. यानी हर महीने उसकी सैलरी का कुछ हिस्सा पीएफ खाते में जमा होगा, तो सवाल उठता है कि क्या वह पीएम विकसित भारत रोजगार योजना (PM-VBRY) का लाभ उठा सकता है? जवाब है; हां, बिल्कुल उठा सकता है. 

दरअसल, EPF स्कीम के तहत आने वाली कंपनियों में पहली बार नौकरी शुरू करने वाले युवाओं को इस योजना के तहत इंसेंटिव दिए जाएंगे. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) लोगों को इस योजना के बारे में जागरूक करने के लिए अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल्स पर लगातार पोस्टर और शॉर्ट वीडियो शेयर कर रहा है.

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पीएम विकसिल भारत रोजगार योजना (PM Viksit Bharat Rozgar Yojana) क्या है? यह कब से लागू हो रही है, किसे मिलेगा योजना का लाभ? आइए जानते हैं.

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क्या है पीएम विकसित भारत रोजगार योजना?

पीएम विकसित भारत रोजगार योजना (PM-VBRY) भारत सरकार की एक नई पहल है, जो 1 अगस्त 2025 से लागू होगी और देश में समावेशी व स्थायी रोजगार के अवसर बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई है. पहले इसे रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना यानी एम्पलॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (ELI Scheme) कहा जाता था, लेकिन अब इसका नाम विकसित भारत मिशन के अनुरूप रखा गया है.

यूनियन कैबिनेट द्वारा अप्रूव इस योजना के तहत सरकार अगले दो सालों (1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027) में 3.5 करोड़ से अधिक नए रोजगार सृजित करने का लक्ष्य लेकर चल रही है, जिनमें से करीब 1.92 करोड़ लोग पहली बार नौकरी करने वाले होंगे. लगभग 99,446 करोड़ रुपये की लागत वाली यह योजना खासतौर पर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर ध्यान देते हुए सभी सेक्टर्स में रोजगार बढ़ाने, युवाओं को संगठित क्षेत्र से जोड़ने और कंपनियों को नए रोजगार सृजन के लिए इंसेंटिव देने का काम करेगी.

एम्प्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव (ELI) स्कीम का उद्देश्य

  • करीब 99,446 करोड़ रुपये की लागत वाली स्कीम का उद्देश्य देश में 3.5 करोड़ से ज़्यादा नई नौकरियों को बढ़ावा देना
  • इसमें से लगभग 1.92 करोड़ युवा पहली बार कार्यबल में शामिल होंगे.
  • विशेष तौर पर मैन्युफैक्टरिंग (manufacturing) सेक्टर को सपोर्ट दिया जाएगा, ताकि रोजगार‑आधारित आर्थिक विकास को गति मिल सके.
  • पहली बार नौकरी करने वालों को सरकार की तरफ से अधिकतम 15000 रुपये तक आर्थिक मदद.
  • नौकरी करने वालों को सामाजिक सुरक्षा का फायदा देना.
  • ऐसे नियोक्ताओं (कंपनियों) को भी प्रोत्साहन, जो नए लोगों को नौकरी पर रखेंगे.
  • योजना सभी सेक्टर में लागू होगी, लेकिन फैक्टरी और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर खास ध्यान.
  • लोगों की रोजगार पाने की क्षमता बढ़ाना.
  • कर्मचारियों को पैसों से जुड़ी जरूरी जानकारी (फाइनेंशियल साक्षरता) देना ताकि वे समझदारी से पैसे का इस्तेमाल कर सकें.
  • युवाओं को पहली बार संगठित क्षेत्र में रोजगार दिलवाना
  • सामाजिक सुरक्षा और फाइनेंशियल लिटरेसी को बढ़ावा देना

  • कंपनियों को नए लोगों को नौकरी देने के लिए प्रोत्साहन राशि देना
  • आर्थिक विकास को रोजगार आधारित बनाना, ताकि हर वर्ग को फायदा हो
  • 2047 तक विकसित भारत मिशन के सपने को साकार करना

कब से लागू हो रही है स्कीम?

इस योजना को एक एम्प्लॉयमेंट-लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (ELI Scheme) के रूप में 1 जुलाई 2025 को मंजूरी दी गई है. इसका संचालन 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 तक किया जाएगा. यानी अगले 2 वर्षों तक यह स्कीम लागू रहेगी.

इस योजना का क्रियान्वयन श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा EPFO के माध्यम से किया जाएगा.

कर्मचारी और कंपनी, दोनों के लिए इन्सेंटिव की व्यवस्था

योजना का पार्ट ए कर्मचारियों को इन्सेंटिव देने की व्यवस्था करता है.

ईपीएफ में कवर्ड किसी भी संस्था या कंपनी में 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2025 के बीच में पहली बार नौकरी में आने वाले कर्मचारियों को उसके एक महीने के वेतन के बराबर इन्सेंटिव दी जाएगी.

यह राशि अधिकतम 15,000 रुपये तक हो सकती है. और दो किस्तों में दी जाएगी.

पहली किस्त लगातार 6 महीने तक उसी कंपनी के साथ काम करने के बाद और दूसरी किस्त 12 महीने की सर्विस पूरी करने के बाद तक दी जाएगी जब कर्मचारी ईपीएफओ के पोर्टल पर फाइनेंशियल लिटरेसी प्रोग्राम पूरी कर लेगा.

फाइनेंशियल लिटरेसी कोर्स कर्मचारियों में बचत, बीमा, साइबर सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा आदि की समझ बढ़ाने के उद्देश्य से बनाया गया है. इन्सेंटिव पाने के लिए अधिकतम एक लाख रुपये तक कर्मचारी एलिजिबल होंगे. 

बचत की आदत को प्रोत्साहित करने के लिए दूसरी किस्त अवधि तक सरकार द्वारा निर्धारित बचत योजना में रखी जाएगी जिसे लाभार्थी मेच्योरिटी पर निकाल सकेगा.

इन कर्मचारियों को उमंग ऐप पर फेस ऑथंटिकेशन टेक्नोलॉजी के जरिए अपना UAN जनरेट, एक्टिवेट और ऑथेंटिकेट करना जरूरी होगा.

योजना का पार्ट बी एंप्लायर यानी कंपनी को अतिरिक्त रोजगार सृजन के लिए प्रोत्साहित करता है.

1 लाख रुपये तक वेतन वाले हर एक अतिरिक्त रोजगार पर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के एंप्लायर को 4 साल और बाकी सेक्टर के एंप्लायर को 2 साल तक इंसेंटिव दिया जाएगा. यह इंसेंटिव  इस प्रकार है.

10 हजार रुपये तक वेतन पाने वाले हर एक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए उसके ईपीएफ वेतन का 10 फीसदी

10 हजार से अधिक और 20 हजार रुपये तक ईपीएफ वेतन वाले प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए दो हजार रुपये,

20 हजार से अधिक पाने वाले प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए 3 हजार रुपये की इंसेंटिव राशि कंपनी को मंथली दर से छमाही दी जाएगी. यह राशि प्रत्येक 6 महीने के सतत रोजगार पर दी जाएगी.

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इस योजना की मुख्य बातें

बेसलाइन 50 से कम कर्मचारी वाले संस्थान में कम से कम दो, 50 या उससे अधिक कर्मचारी वाले प्रतिष्ठान में 5 नए रोजगार सृजित करने और उसे कम से कम 6 महीने तक बनाए रखने वाले प्रतिष्ठान इस योजना में लाभ के एलिजिबल होंगे.

50 की ये बेसलाइन 1 अगस्त 2025 से पहले के 12 महीने के औसत के आधार पर तय की जाएगी.  किंतु अगर किसी प्रतिष्ठान के स्थापना को 12 महीने पूरे नहीं हुए हैं. तो उसकी स्थापना से अगस्त 2025 तक का औसत निकाला जाएगा. 1 अगस्त 2025 के बाद स्थापित होने वाले प्रतिष्ठानों के लिए यह बेसलाइन 20 होगी.

ईपीएफ एक्ट के तहत छूट प्राप्त यानी एग्जेम्प्टेड एस्टाब्लिशमेंट भी इस योजना में लाभ की पात्र होंगी.

योजना के अंतर्गत कर्मचारियों को डीबीटी के माध्यम से और एंप्लायर को उनके पैन से जुड़े खाते में इंसेंटिव राशि भेजी जाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प  2047 तक विकसित भारत बनाने का है. इस यात्रा में यह योजना एक बहुत महत्वपूर्व कदम है.

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