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FD या PPF, दोनों में से कहां पैसा लगाना होगा ज्यादा लाभ, पढ़िए पूरी डिटेल. (Pixabay)
PPF or FD,Which Fits Your Long Term Savings Goals Best: भारत में जब भी सुरक्षित और भरोसेमंद निवेश की बात आती है, तो फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) सबसे लोकप्रिय विकल्प माने जाते हैं. ये दोनों न केवल आपके पैसों को सुरक्षित रखते हैं, बल्कि आपकी बचत को बढ़ाने में भी मदद करते हैं. अगर आप लंबे समय के लिए सेविंग की योजना बना रहे हैं और तय नहीं कर पा रहे कि FD चुनें या PPF, तो परेशान होने की जरूरत नहीं. यहां हम दोनों विकल्पों की खासियत और फर्क बता रहे हैं, जिससे आप अपने फाइनेंशियल गोल्स के अनुसार सही फैसला ले सकें.
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) क्या है?
फिक्स्ड डिपॉजिट एक ऐसा निवेश है जो बैंक या एनबीएफसी (NBFC) द्वारा दिया जाता है. इसमें आप एक निश्चित राशि को एक निश्चित समय के लिए निवेश करते हैं और उस पर एक तय ब्याज दर मिलती है. एफडी की ब्याज दर आमतौर पर 6% से 8% के बीच होती है, जो बैंक और निवेश की अवधि पर निर्भर करती है. एफडी बहुत फ्लेक्सिबल होती है. यानी इसे आप 7 दिनों से लेकर 10 साल तक किसी भी अवधि के लिए कर सकते हैं और ब्याज को समय-समय पर या पूरी राशि के साथ निवेश की अवधि समाप्त होने पर पा सकते हैं.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) क्या है?
PPF एक 15 साल की सरकारी बचत योजना है, जिसे भारत सरकार का सपोर्ट हासिल है. इस योजना पर ब्याज दर हर तीन महीने में वित्त मंत्रालय द्वारा तय की जाती है, जो अभी करीब 7.1% सालाना कंपाउंडेड है. कोई भी व्यक्ति हर साल 500 रुपये से लेकर 1.5 लाख रुपये तक PPF में निवेश कर सकता है. PPF में पैसे लगाने पर निवेशकों को इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत टैक्स में छूट का भी लाभ मिलता है.
FD और PPF में क्या अंतर है?
रिटर्न और टैक्स
कभी-कभी FD से आपको थोड़ा ज्यादा रिटर्न मिल सकता है, लेकिन FD पर मिलने वाला ब्याज आपकी टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा. वहीं, PPF में किया गया निवेश, उस पर मिला ब्याज और पूरा पैसा मिलने पर टैक्स नहीं लगता. इसलिए, अगर आपकी टैक्स स्लैब ज्यादा है, तो PPF से आपको ज्यादा फायदा होगा.
पैसे निकालने की आसानी
FD में आप मैच्योरिटी से पहले भी पैसा निकाल सकते हैं, लेकिन इसके लिए कुछ चार्ज देना पड़ सकता है. साथ ही, FD को गारंटी बनाकर लोन भी लिया जा सकता है. PPF में पैसे निकालने की शर्तें कड़ी होती हैं. आप सिर्फ 7 साल के बाद ही आंशिक पैसा निकाल सकते हैं और लोन भी 3 से 6 साल के बीच ही मिलता है. PPF 15 साल तक लॉक रहता है, इसलिए यह शॉर्ट टर्म के लिए अच्छा नहीं.
सेफ्टी और रिस्क
दोनों निवेश विकल्प सुरक्षित माने जाते हैं, लेकिन PPF (पब्लिक प्रॉविडेंट फंड) को थोड़ा ज़्यादा सुरक्षित माना जाता है क्योंकि इसमें सरकार की गारंटी होती है. वहीं, FD (फिक्स्ड डिपॉजिट) भी सुरक्षित होती है, खासकर जब आप इसे किसी बड़े और भरोसेमंद बैंक में कराते हैं. साथ ही, FD में 5 लाख रुपये तक की रकम डिपॉजिट इंश्योरेंस के दायरे में आती है, जिससे आपका पैसा सुरक्षित रहता है.
इस तरह, FD और PPF दोनों के अपने फायदे और सीमाएं हैं, जो आपकी जरूरत और लक्ष्य पर निर्भर करते हैं.
FD या PPF – आपके लिए कौन सा सही?
FD चुनें अगर:
आपको पैसा कम या मध्यम समय के लिए रखना है
पैसा जल्दी निकालना जरूरी है
आपकी टैक्स स्लैब कम है
PPF चुनें अगर:
आप लंबी अवधि के लिए टैक्स फ्री बचत करना चाहते हैं
आप रिटायरमेंट या बच्चे की पढ़ाई के लिए बचत कर रहे हैं
आपकी टैक्स स्लैब ज्यादा है और आप टैक्स बचाना चाहते हैं
दोनों FD और PPF साथ में भी रख सकते हैं. सही चुनाव आपकी जरूरत, समय और टैक्स की स्थिति पर निर्भर करता है.