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Insurance Buying : आपके पास पहले से है इंश्योरेंस, तो नई पॉलिसी खरीदते समय क्या बरतें सावधानी

Buying New Insurance Policy : अगर आपके पास पहले से इंश्योरेंस है, तो क्या आपको दूसरी पॉलिसी लेनी चाहिए और अगर हां, तो किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

Buying New Insurance Policy : अगर आपके पास पहले से इंश्योरेंस है, तो क्या आपको दूसरी पॉलिसी लेनी चाहिए और अगर हां, तो किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

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Viplav Rahi
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Insurance : अगर आपके पास पहले से इंश्योरेंस है, तो नई पॉलिसी लेते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है. (Image : Freepik)

Buying New Insurance Policy : तमाम लोग अपने और अपने परिवार के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए इंश्योरेंस लेते हैं. लेकिन अक्सर ऐसा होता है कि नौकरी बदलने, परिवार बढ़ने या जिम्मेदारियां बढ़ने के बाद हमें नई पॉलिसी की जरूरत महसूस होती है. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर आपके पास पहले से इंश्योरेंस है, तो क्या आपको दूसरी पॉलिसी लेनी चाहिए और अगर हां, तो किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

क्या एक से ज्यादा पॉलिसी लेना सही है

जी हां, आप एक से ज्यादा टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी ले सकते हैं और वो भी अलग-अलग कंपनियों से. ऐसा करने का फायदा यह है कि आप अपनी जरूरत और जिम्मेदारी के हिसाब से कवरेज को डिजाइन कर सकते हैं. जैसे – अगर आपके ऊपर होम लोन है, बच्चों की पढ़ाई का खर्च है और रिटायरमेंट की तैयारी करनी है, तो आप अलग-अलग जरूरतों के हिसाब से अलग पॉलिसी ले सकते हैं. सबसे अच्छी बात यह है कि क्लेम की स्थिति में हर कंपनी आपकी पॉलिसी के मुताबिक अलग-अलग रकम चुकाएगी, बशर्ते आपने समय पर प्रीमियम भरा हो और हर नई पॉलिसी लेते समय पुरानी पॉलिसी की जानकारी दी हो.

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पूरी जानकारी देना क्यों जरूरी है

नई पॉलिसी लेते समय एक सबसे बड़ी गलती लोग यह करते हैं कि वे अपनी पुरानी पॉलिसियों की जानकारी नहीं देते. लेकिन ऐसा करना आपके लिए भविष्य में दिक्कत खड़ी कर सकता है. इंश्योरेंस कंपनी को आपके पास पहले से मौजूद पॉलिसियों की जानकारी देना जरूरी है. अगर आपने यह जानकारी छिपाई और बाद में क्लेम करना पड़ा, तो कंपनी आपके दावे को रिजेक्ट भी कर सकती है. इसलिए नया बीमा लेते समय पुरानी इंश्योरेंस पॉलिसी की जानकारी जरूरी उजागर करें. वह भी एप्लीकेशन फॉर्म में लिखित रूप से.

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प्रीमियम जेब पर भारी तो नहीं?

कई बार लोग सुरक्षा के चक्कर में इतनी पॉलिसियां ले लेते हैं कि प्रीमियम चुकाना मुश्किल हो जाता है. नतीजा यह होता है कि पॉलिसी लैप्स हो जाती है और नुकसान आपका होता है. इसलिए नई पॉलिसी लेने से पहले यह सोचें कि क्या आप लंबे समय तक उसका प्रीमियम आराम से चुका पाएंगे या नहीं. सही कवरेज लेना अच्छा है, लेकिन यह देखना भी उतना ही जरूरी है कि प्रीमियम का भुगतान आपके बजट को बिगाड़ न रहा हो.

अपने आर्थिक लक्ष्य को ध्यान में रखें 

इंश्योरेंस सिर्फ एक कागज नहीं है. बीमा कवरेज आपके आर्थिक लक्ष्य से भी जुड़ा होता है. इसलिए जब आप नई पॉलिसी लें तो यह जरूर देखें कि यह आपके वित्तीय लक्ष्य को पूरा करने में किस तरह से मददगार है. हर पॉलिसी लेने के पीछे आपका मकसद साफ होना चाहिए, तभी यह आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग को मजबूती देगी.

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एक्सपर्ट्स से सलाह लेने का फायदा

अगर आपको समझ नहीं आ रहा कि कितनी पॉलिसी लेनी चाहिए या कौन-सी आपके लिए सही है, तो किसी फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें. वह आपकी इनकम, जिम्मेदारियों और पहले से ली गई पॉलिसी को देखकर आपको सही ऑप्शन बता सकते हैं. लेकिन एडवाइजर की सुझाई गई पॉलिसी को भी आंख बंद करके न खरीदें. पॉलिसी डॉक्युमेंट्स और उससे जुड़ी शर्तों को खुद से पढ़ें और पूरी तरह समझें. इसमें भले ही आपको किसी की मदद लेनी पड़े. 

कुल मिलाकर, बात ये है कि अगर आपके पास पहले से इंश्योरेंस है और आप कवरेज बढ़ाने के लिए नई पॉलिसी लेने की सोच रहे हैं, तो अच्छी बात है. लेकिन ऐसा करते समय ऊपर बताई गई बातों का ध्यान रखना जरूरी है. 

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