scorecardresearch

Sebi Rules Big Update : सेबी के नियमों में बड़ा बदलाव, IPO लाने जा रहे स्टार्ट-अप्स को मिलेगी राहत

Sebi Rules Big Update: सेबी के नियमों में बड़े बदलाव के बाद अब IPO लाने की तैयारी कर रहे स्टार्ट-अप्स के प्रमोटर को अपने पुराने ESOPs को बनाए रख पाएंगे.

Sebi Rules Big Update: सेबी के नियमों में बड़े बदलाव के बाद अब IPO लाने की तैयारी कर रहे स्टार्ट-अप्स के प्रमोटर को अपने पुराने ESOPs को बनाए रख पाएंगे.

author-image
FE Hindi Desk
New Update
Sebi rules update, IPO startups relief, Sebi ESOP amendment, startup IPO rules, Sebi IPO guidelines 2025, सेबी नियम अपडेट, स्टार्ट-अप्स IPO राहत

Sebi Rules Big Update : सेबी ने अपने नियमों में बड़ा बदलाव करके IPO लाने की तैयारी कर रहे स्टार्टअप्स को बड़ी राहत दी है. (File Photo : Reuters)

Sebi Rules Big Update, ESOP Rules for IPO-bound Startups Amended : देश के मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने अपने नियमों में बड़ा बदलाव किया है, जिससे IPO लाने की तैयारी कर रहे स्टार्ट-अप्स को राहत मिलेगी. इस बदलाव के बाद अब कंपनी के फाउंडर्स और प्रमोटर्स अपने पुराने ESOPs यानी एंप्लॉई स्टॉक ऑप्शन्स (Employee Stock Options) को बनाए रख पाएंगे. इससे स्टार्ट-अप्स के लिए शेयर बाजार में उतरने का रास्ता थोड़ा आसान हो जाने की उम्मीद है. सेबी ने यह बदलाव मंगलवार को जारी एक नोटिफिकेशन के जरिये किया है.

स्टार्ट-अप्स के लिए राहत भरा फैसला

पहले के नियमों के मुताबिक, अगर किसी फाउंडर या प्रमोटर के पास ESOPs हों, तो IPO लाने से पहले उन्हें उसे बेचना या छोड़ना पड़ता था. इससे कई बार प्रमोटर्स को नुकसान झेलना पड़ता था और स्टार्ट-अप्स (Startups) के लिए लिस्टिंग की प्रॉसेस मुश्किल हो जाती थी. लेकिन अब SEBI ने नियमों में बदलाव करके यह राहत दी है कि अगर कोई ESOP कम से कम एक साल पहले जारी किया गया हो, तो उसे IPO के बाद भी होल्ड किया जा सकता है.

Advertisment

Also read : High Return Mutual Funds : टॉप 5 लार्ज कैप फंड्स ने 5 साल में 1 लाख को बनाया 3 से 4 लाख, 32% तक रहा सालाना रिटर्न

सेबी ने क्या कहा 

सेबी ने अपने नोटिफिकेशन में साफ किया है कि कोई भी कर्मचारी या फाउंडर, जिसे ड्राफ्ट ऑफर डॉक्यूमेंट में प्रमोटर या प्रमोटर ग्रुप का हिस्सा बताया गया है, और जिसे ESOP, SAR यानी  स्टॉक एप्रीसिएशन राइट्स (Stock Appreciation Rights) या किसी भी तरह का बेनिफिट IPO के पेपर्स दाखिल करने से कम से कम एक साल पहले मिला है, वह उसे आगे भी होल्ड या एक्सरसाइज कर सकता है.

Also read : Consumption Fund कैटेगरी की हर स्‍कीम ने 5 साल में डबल या ट्रिपल किया पैसा, GST रिफॉर्म से और बढ़ा आकर्षण

क्यों अहम है यह बदलाव

इससे उन स्टार्ट-अप्स को बड़ा फायदा होगा जो भारत में लिस्टिंग की तैयारी कर रहे हैं. खासकर वे कंपनियां जो रिवर्स फ्लिपिंग कर रही हैं यानी विदेश में रजिस्टर्ड होने के बाद वापस भारत में अपना बेस शिफ्ट कर रही हैं. अब इन कंपनियों के फाउंडर्स को अपने ESOPs बेचने की मजबूरी नहीं रहेगी और वे लिस्टिंग के बाद भी इस लाभ को बनाए रख सकेंगे.

Also read : HDFC vs Parag Parikh: पराग पारीख फ्लेक्सी कैप फंड का AUM कैटेगरी में सबसे ज्यादा, लेकिन रिटर्न में नंबर 1 कौन?

निवेशकों के लिए संकेत

यह कदम निवेशकों के लिए भी भरोसेमंद संकेत है क्योंकि इससे स्टार्ट-अप्स की लिस्टिंग की प्रक्रिया आसान और पारदर्शी बनेगी. स्टार्ट-अप्स को पूंजी जुटाने में सुविधा होगी और बाजार में उनका आकर्षण भी बढ़ेगा.

(इनपुट - पीटीआई)

Start Ups Startups Ipo Sebi