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PPF एक सरकारी स्कीम है. इसमें निवेशकों का पैसा पूरी तरह सुरक्षित रहता है. (Image: FE File)
Public Provident Fund, PPF: पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ (PPF) लंबे समय से उन निवेशकों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प है जो लॉन्ग टर्म सेविंग चाहते हैं. पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम पीपीएफ सुरक्षा और स्थिरता के लिए जानी जाती है. इस सरकारी स्कीम में निवेशकों का पैसा पूरी तरह सुरक्षित रहता है. इस पर हर तीन महीने में घोषित ब्याज के मिलने की भी गारंटी रहती है.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) अनुशासित तरीके से निवेश करने की सीख देता है. ये सरकारी स्कीम 15 साल में मैच्योर होती है, यानी यह लॉन्ग टर्म में निवेश को बढ़ावा देती है. इस स्कीम का मकसद रेगुलर बचत के जरिए भविष्य में बड़ा फंड तैयार करना है. फिलहाल पीपीएफ में जमा पर ब्याज 7.1 फीसदी सालाना है. सरकार ने आखिरी बार अप्रैल-जून 2020 तिमाही के लिए ब्याज दर में बदलाव किया था. तब से पीपीएफ पर सालाना ब्याज की दर 7.1 फीसदी पर बनी हुई है. बीते कुछ सालों में भले ही पीपीएफ रेट नहीं बढ़ा, लेकिन ये स्मॉल सेविंग स्कीम निवेशकों को कंपाउंडिंग का फायदा देती है.
कितने अकाउंट खुल सकते हैं
एक एडल्ट इंडिविजुअल सिर्फ एक ही PPF अकाउंट खोल सकता है. वहीं एक गार्जियन अपने माइनर बच्चे के नाम पर भी अकाउंट खोल सकता है. यह अकाउंट पोस्ट ऑफिस या किसी बैंक में खोला जा सकता है.
पीपीएफ में एक वित्त वर्ष में कम से कम 500 रुपये जमा करना जरूरी है. इसमें एक वित्त वर्ष में कितनी भी संख्या में किस्तों में 50 रुपये के गुणक में राशि जमा की जा सकती है यानी निवेशक 50, 100, 150, 200, 250, 300..7,750, 12,500 जैसे रकम एक साल में कई बार जमा किए जा सकते हैं. ध्यान रहे इस स्कीम में हर फाइनेंशियल ईयर में कम से कम 500 रुपये निवेश करना जरूरी है. पीपीएफ खाते में एक फाइनेंशियल ईयर में अधिकतम 1,50,000 रुपये जमा किया जा सकता है. स्कीम की मैच्योरिटी 15 साल की है, जिसके बाद ब्याज व मूलधन जोड़कर पूरी रकम आपको मिल जाती है.
अगर किसी वित्त वर्ष में न्यूनतम 500 रुपये जमा नहीं किया जाता है, तो PPF खाता बंद कर दिया जाता है. बंद खाते को डिपॉजिटर द्वारा मैच्योरिटी से पहले न्यूनतम सब्सक्रिप्शन यानी 500 रुपये और हर डिफाल्ट ईयर के लिए 50 रुपये फी जमा करके फिर शुरू किया जा सकता है.
इस आर्टिकल में हम समझेंगे कि अगर कोई शख्स पूरे 15 साल के दौरान हर साल अधिकतम 1.5 लाख रुपये या हर महीने 12,500 रुपये पीपीएफ स्कीम में निवेश करता है तो ऐसा करके वह 15 साल बाद कितना मैच्योरिटी अमाउंट बना सकता है. यहां पूरे कैलकुलेश देखिए.
कितना जुटा सकते हैं मैच्योरिटी फंड
अधिकतम मंथली जमा: 12,500 रुपये (सालाना 1.50 लाख)
ब्याज दर: 7.1 फीसदी सालाना कंपांउंडिंग
15 साल में कुल निवेश: 22,50,000
15 साल बाद मैच्योरिटी पर रकम: 40,68,209 रुपये
ब्याज का फायदा: 18,18,209 रुपये
मान लिजिए अगर कोई निवेशक पीपीएफ खाते में हर महीने 10 हजार रुपये जमा करता है तो इस हिसाब से वह एक फाइनेंशियल ईयर में 120000 रुपये जमा करता हैं. ऐसा पूरे 15 साल करने पर
एक फाइनेंशियल में जमा: 1,20,000 रुपये (मंथली 10 हजार)
ब्याज दर: 7.1 फीसदी सालाना कंपांउंडिंग
15 साल में कुल निवेश: 18,00,000 रुपये
15 साल बाद मैच्योरिटी पर रकम: 32,54,567 रुपये
ब्याज का फायदा: 14,54,567 रुपये
कुल निवेश का कितना फीसदी मैच्योरिटी पर: 81 फीसदी
वहीं अगर वह पूरे 15 साल तक पीपीएफ खाते में मंंथली सिर्फ 7750 रुपये जमा करता है तो मैच्योरिटी फंड कितना
बनेगा. यहां कैलकुलेशन देख लीजिए.
पीपीएफ में मंथली निवेश : 7750 रुपये
एक फाइनेंशियल ईयर में निवेश: 93,000 रुपये
ब्याज दर : 7.1 फीसदी सालाना कंपाउंडिंग
15 साल में कुल निवेश: 13,95,000 रुपये
15 साल बाद मैच्योरिटी पर फंड: 25,22,290 रुपये
ब्याज का फायदा: 11,27,290 रुपये
(नोट : पब्लिक प्रोविडेंट फंड में अभी 7.1 फीसदी सालाना ब्याज मिल रहा है. हमने अपने कैलकुलेशन में मौजूदा ब्याज दर के ही आगे भी जारी रहने के आधार पर कैलकुलेशन किया है.)
बता दें कि खाता खोलने के वित्त वर्ष को छोड़कर पूरे 15 वित्त वर्ष के बाद पीपीएफ खाता मैच्योर होगा. इसके बाद यह खाताधारक पर निर्भर करता है कि वह अकाउंट को आगे बढ़ाएगी या नहीं.
पीपीएफ ग्राहक चाहे तो संबंधित पोस्ट ऑफिस में आवेदन देकर अपने खाते को आगे 5 साल तक बढ़ाया जा सकता है. हालांकि ऐसा मैच्योरिटी के एक वर्ष के भीतर करना होगा. जमा राशि के साथ विस्तारित खाते में, 5 साल के ब्लॉक में मैच्योरिची के समय बैलेंस क्रेडिट की अधिकतम सीमा 60% तक हर एक वित्त वर्ष में निकासी की सकती है.
अब, अगर आप 15 साल बाद मैच्योरिटी अमाउंट नहीं निकालते हैं और उसे 5-5 साल के दो ब्लॉक में अगले 10 साल के लिए निवेश कर देते हैं, तो आपके पास 1 करोड़ रुपये से अधिक का कॉर्पस होगा.
इस तरीके से समझिए कि 25 साल में आपकी कुल जमा रकम 37.5 लाख रुपये हो जाएगी. और उस पर आपको 65.58 लाख रुपये का ब्याज मिलेगा, जिससे कुल रकम 1.03 करोड़ रुपये हो जाती है. आखिर में, आपके पास कुल कॉर्पस 1.03 करोड़ रुपये का होगा. हालांकि 15 साल पूरे होने के बाद भी पीपीएफ खाते को जारी रखने के लिए निवेशक को खाता मैच्योरिटी के 1 साल के भीतर संबंधित पोस्ट ऑफिस या बैंक में फॉर्म 4 भरकर जमा करना होगा.
ब्याज का कैसे होता है कैलकुलेशन
ब्याज दर सरकार द्वारा तिमाही आधार पर अधिसूचित किया जाता है. ब्याज की गणना कैलेंडर माह के लिए पांचवें दिन की समाप्ति और महीने के अंत के बीच के खाते में सबसे कम शेष रकम पर की जाती है. ब्याज हर वित्त वर्ष के अंत में खाते में जमा किया जाता है. ब्याज हर वित्त वर्ष के अंत में खाते में जमा किया जाएगा.
पीपीएफ स्कीम में निवेश के हैं कई फायदे
पीपीएफ में सालाना 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है. साथ ही इस पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाला पूरा अमाउंट भी पूरी तरह टैक्स-फ्री है. इनकम टैक्स के लिहाज से पीपीएफ एक ‘ट्रिपल ई’ (EEE) स्कीम है. बेहतर सुरक्षा और टैक्स बेनिफिट के लिए पीपीएफ में निवेश करना सही फैसला हो सकता है.
खाता खोलने के वित्त वर्ष के अंत से एक वर्ष की समाप्ति के बाद और 5 वर्ष पूर्ण होने से पहले लोन ले सकता है. यानी अगर कोई शख्त वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान खुले खाते के लिए वर्ष 2026-27 में लोन लिया जा सकता है.
खाता खोलने के वर्ष को छोड़कर 5 वर्ष पूर्ण होने पर ग्राहक वित्तीय वर्ष के दौरान 1 निकासी कर सकता है. यानी अगर 2024-25 -11 के दौरान खाता खुला तो 2030-31 के दौरान या बाद में निकासी की जा सकती है.