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RBI Draft for Gold Loans New Rules : गोल्ड लोन के लिए रिजर्व बैंक की ड्राफ्ट गाइडलाइन्स जारी, क्या हैं इसकी 5 बड़ी बातें

RBI Draft for Gold Loans: रिजर्व बैंक गोल्ड लोन को लेकर नई ड्राफ्ट गाइडलाइन्स जारी की हैं, जिनका मकसद पारदर्शिता बढ़ाना और कर्ज लेने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है.

RBI Draft for Gold Loans: रिजर्व बैंक गोल्ड लोन को लेकर नई ड्राफ्ट गाइडलाइन्स जारी की हैं, जिनका मकसद पारदर्शिता बढ़ाना और कर्ज लेने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है.

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Viplav Rahi
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Gold surging again

RBI ने गोल्ड लोन के लिए ड्राफ्ट गाइडलाइन्स जारी करके उस पर लोगों की राय मांगी है. (Image : Freepik)

RBI Draft Directions 2025 for Gold Loan New Rules : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गोल्ड लोन को लेकर नई ड्राफ्ट गाइडलाइन्स जारी की हैं, जिनका मकसद पारदर्शिता बढ़ाना और कर्ज लेने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. इन प्रस्तावित नियमों में बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए कई दिशानिर्देश शामिल किए गए हैं. खास बात यह है कि इन प्रस्तावित नियमों में गोल्ड लोन लेने के लिए गहनों की मिल्कियत साबित करना अनिवार्य होगा और लोन के उपयोग का सबूत भी देना पड़ेगा. RBI ने गोल्ड लोन के लिए ड्राफ्ट गाइडलाइन्स जारी करके उस पर लोगों की राय मांगी है, जिसके बाद फाइनल गाइडलाइन्स तैयार की जाएंगी. आइए जानते हैं Reserve Bank of India (Lending Against Gold Collateral) Directions, 2025 के नाम से जारी इन ड्राफ्ट गाइडलाइन्स की 5 बड़ी बातें.

1. सोने की ओनरशिप पर संदेह हुआ तो लोन नहीं

आरबीआई ने इन प्रस्तावित गाइडलाइन्स में स्पष्ट किया है कि जिन मामलों में गोल्ड की मिल्कियत को लेकर संदेह है, वहां लोन नहीं दिया जा सकेगा. बैंकों और वित्तीय संस्थानों को गिरवी रखे जा रहे गोल्ड की मिल्कियत की जांच कर उसका रिकॉर्ड रखना होगा. अगर सोने की खरीद से जुड़ी मूल रसीद उपलब्ध नहीं है, तो कर्ज लेने वाले से एक हलफनामा लिया जाएगा, जिसमें यह बताया जाएगा कि उसने गोल्ड कैसे हासिल किया.

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2. दो लोन के लिए इस्तेमाल न हो एक ही गोल्ड 

ड्राफ्ट गाइडलाइन्स के अनुसार एक ही सोने को एक साथ इनकम जनरेटिंग (जैसे व्यापार) और कंजम्प्शन लोन (जैसे निजी खर्चों) दोनों के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा. यानी अब गिरवी रखे गए गोल्ड पर दो अलग-अलग प्रकार के लोन लेना संभव नहीं होगा, भले ही उस गोल्ड का मूल्य ज्यादा ही क्यों न हो.

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3. लोन के इस्तेमाल का सबूत देना होगा

आरबीआई के प्रस्तावित निर्देशों के मुताबिक इनकम जनरेटिंग लोन के मामले में लोन के इस्तेमाल से जुड़े दस्तावेजी सबूत देना अनिवार्य होगा. वहीं कंजम्प्शन लोन के लिए भी, एक निश्चित राशि से ऊपर के लोन पर इसका पालन करना होगा. बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि लोन का इस्तेमाल सही जगह पर हो रहा है और इसका रिकॉर्ड भी रखा जाए.

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4. एक व्यक्ति को दिए जाने वाले लोन की लिमिट

बैंकों और वित्तीय संस्थानों को हर एक कर्जदार को मिलने वाले गोल्ड लोन की अधिकतम सीमा तय करनी होगी. यह सीमा लोन के उद्देश्य — इनकम जनरेटिंग या कंजम्प्शन — के आधार पर अलग-अलग हो सकती है, लेकिन यह नीति समान और भेदभाव रहित होनी चाहिए.

5. रेगुलेशन का उद्देश्य

इन गाइडलाइन्स का उद्देश्य गोल्ड लोन के लिए एक समान और स्पष्ट नियम बनाना है, जो सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों पर लागू हों. इससे गोल्ड लोन से जुड़ी कुछ संदिग्ध प्रैक्टिस पर रोक लगेगी और कर्ज प्रक्रिया को ज्यादा पारदर्शी और उपभोक्ताओं के हित में बनाया जा सकेगा.

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कुल मिलाकर आरबीआई की प्रस्तावित गाइडलाइन्स के लागू होने पर गोल्ड लोन लेने वाले ग्राहकों के लिए यह जरूरी हो जाएगा कि वे गहनों की वैध मिल्कियत साबित करें और यह भी दिखाएं कि उन्होंने लोन का इस्तेमाल किस उद्देश्य के लिए किया है. आरबीआई की इन गाइडलाइन्स से जहां लोन सिस्टम ज्यादा सुरक्षित और पारदर्शी होगा, वहीं बैंकों के लिए भी लोन देने की प्रक्रिया साफ और जिम्मेदार बनेगी.

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