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RBI MPC Meeting : भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक सोमवार को शुरू हो गई है. (File Photo : PTI)
RBI Motetary Policy Committee Meeting : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की नई वित्त वर्ष की पहली बैठक आज यानी सोमवार 7 अप्रैल को शुरू हो गई है. निवेशकों, बैंकर्स और आम लोगों की नजरें इस पर टिकी हैं कि क्या एक बार फिर ब्याज दरों में कटौती की जाएगी. इससे पहले फरवरी में हुई एमपीसी की बैठक में लंबे अरसे बाद ब्याज दरों में कटौती की गई थी. अब उम्मीद जताई जा रही है कि आरबीआई एक बार फिर रेपो रेट घटा सकता है. बैठक में किए गए फैसलों का एलान 9 अप्रैल को किया जाएगा.
25 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती की उम्मीद : SBI रिसर्च
SBI रिसर्च के अनुसार इस बार अप्रैल 2025 की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक में आरबीआई 25 बेसिस प्वाइंट्स की दर में कटौती कर सकता है. अपने पेपर 'Prelude to MPC Meeting: April 7-9, 2025' में एसबीआई ने यह अनुमान जाहिर किया है. रिपोर्ट में कहा गया है, “हमें उम्मीद है कि अप्रैल 2025 की मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक में ब्याज दर 25 बेसिस प्वाइंट्स (bps) घटाने का फैसला किया जा सकता है. हम इस रेट कट साइकल के दौरान कुल मिलाकर 100 बेसिस प्वाइंट्स (1%) की कटौती की उम्मीद कर रहे हैं, जिसमें फरवरी के बाद अप्रैल में लगातार दूसरी बार ब्याज दरें घटाए जाने के बाद जून 2025 की पॉलिसी में ठहराव आएगा और उसके बाद अगस्त 2025 में रेट कट साइकल का दूसरा दौर शुरू होगा.”
रेपो रेट में 25 से 50 bps तक कटौती के अनुमान
रॉयटर्स के एक पोल में भी अर्थशास्त्रियों ने यही अनुमान जताया है कि आरबीआई एमपीसी की मौजूदा बैठक में रेपो रेट को 6.25% से घटाकर 6% तक लाया जा सकता है. जबकि ANI की रिपोर्ट में अलग-अलग अर्थशास्त्रियों ने रेपो रेट में 25 से 50 बेसिस प्वाइंट्स तक कटौती किए जाने की सलाह दी है.
फरवरी में भी घटी थी ब्याज दर
आरबीआई ने इससे पहले फरवरी 2025 में हुई पिछली बैठक में भी ब्याज दर में 25 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती करते हुए रेपो रेट को 6.5% से घटाकर 6.25% कर दिया था. यह फैसला बैठक में सबकी सहमति से लिया गया था. इसके साथ ही मॉनेटरी पॉलिसी की दिशा भी ‘न्यूट्रल’ कर दी गई थी, जिससे संकेत मिला था कि आगे भी जरूरत के अनुसार कटौती की जा सकती है. इसके साथ-साथ दिसंबर 2024 में कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) में भी 50 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती की गई थी, जिससे बैंकों की लिक्विडिटी बेहतर हो और क्रेडिट डिस्ट्रीब्यूशन को बढ़ावा मिले.
नई डिप्टी गवर्नर भी करेंगी रेट कट का समर्थन?
इस बार मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक में वर्ल्ड बैंक की पूर्व अर्थशास्त्री पूनम गुप्ता की मौजूदगी भी एक नई बात होगी. पूनम गुप्ता आरबीआई की नई डिप्टी गवर्नर बनी हैं. उनके पिछले कुछ अरसे में दिए बयानों और मीडिया में छपे लेखों को देखते हुए उम्मीद जताई जा रही है कि वे ब्याज दरों में और कटौती का समर्थन कर सकती हैं. उन्होंने पिछली एमपीसी में ब्याज दरें घटाए जाने के फैसले का स्वागत करते हुए उससे पहले मौजूद 6.5% की ब्याज दर को “गैर-जरूरी तौर पर ऊंचा” बताया था. अगर वे आरबीआई का हिस्सा बनने के बाद अपने इसी रुख पर कायम रहती हैं तो रेट कट का समर्थन कर सकती हैं.
इंफ्लेशन और विकास दर के क्या हैं संकेत
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आरबीआई ने भारत की वास्तविक जीडीपी ग्रोथ 7.2% रहने का अनुमान लगाया है, जबकि इकोनॉमिक सर्वे और नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस (NSO) का अनुमान 6.4% का है. ऐसे में माना जा रहा है कि अगर महंगाई दर काबू में बनी रहती है, तो आरबीआई विकास को तेज करने की रणनीति के तहत ब्याज दरों में और राहत दे सकता है. आरबीआई साल में कुल 6 बार मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक करता है. मौजूदा बैठक 7 से 9 अप्रैल तक चलेगी. इसके बाद बाकी बैठकें जून, अगस्त, अक्टूबर, दिसंबर और फरवरी में होंगी.