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Govt Scheme: बुढ़ापे में वित्तीय स्थिरता और स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने के लिए रिटायरमेंट प्लानिंग करना जरूरी है.(Image: FE/Representational photo)
Govt Pension Schemes in India: बुढ़ापे में आर्थिक स्थिरता और स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए वक्त पर रिटायरमेंट की प्लानिंग बहुत जरूरी है. इसके लिए सरकार कई सेविंग स्कीम चला रही है जो रिटायरमेंट के बाद फाइनेंशियल सिक्योरिटी और मानसिक शांति देती हैं. ये योजनाएं रेगुलर रिटर्न, टैक्स बेनिफिट और फाइनेंशियल सिक्योरिटी देती हैं, जो विभिन्न इनकम लेवल और रिस्क प्रिफरेंसेज को पूरा करती हैं. इन योजनाओं के जरिए रिटायरमेंट लोग अपनी जीवनशैली और स्वास्थ्य से जुड़ी जरूरतों के लिए एक संतुलित वित्तीय योजना बना सकते हैं.आइए, जानें वो प्रमुख सरकारी स्कीम के बार में जो बुढापे में रेगुलर इनकम बनाने में मददगार साबित हो सकती हैं.
एंप्लाई प्रॉविडेंट फंड (EPF)
ईपीएफ की ईपीएफ स्कीम नौकरी पेशा लोगों यानी सैलरीड एप्लाई के लिए एक रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है. इसमें नौकरी के दौरान एंप्लाई को अपनी बेसिक सैलरी का 12% हिस्सा कॉन्ट्रीव्यूट करना होता हैं और इतनी ही रकम एंप्लायर की ओर से भी जमा की जाती है. फिलहाल ईपीएफ अकाउंट में जमा पर ब्याज दर 8.25% है. यह फंड एंप्लाई के 58 साल की उम्र पूरी कर लेने में पर मैच्योर होता है, जो उसे ईपीएफ में जमा रकम पर हर साल मिले ब्याज और लमसम अमाउंट के रूप में मिलता है. इमरजेंसी जैसी स्थिति में एंप्लाई ईपीएफ खाते से कुल जमा का कुछ हिस्सा निकाल भी सकता है. ईपीएफ खाते में जमा रकम इनकम टैक्स की धारा 80 सी के तहत टैक्स डिडक्शन के लिए योग्य है.
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS)
नेशनल पेंशन सिस्टम एक मार्केट लिंक रिटायरमेंट प्लान है जो लोगों को इक्विटी, सरकारी बॉन्ड और कॉर्पोरेट डेट में विविध निवेश के माध्यम से एक फंड बनाने की अनुमति देती है. बाजार के प्रदर्शन के आधार पर रिटर्न अलग-अलग होता है. सब्सक्राइबर धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक और धारा 80सीसीडी (1बी) के तहत एक्स्ट्रा 50,000 रुपये तक का टैक्स लाभ हासिल कर सकते हैं.
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY)
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना यानी PMVVY 60 साल या उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए बनाई गई एक पेंशन स्कीम है. यह 10 सालों के लिए 7.4% की गारंटीड रिटर्न प्रदान करती है, जो बाजार में उतार-चढ़ाव के खिलाफ फाइनेंशिल सिक्योरिटी प्रदान करती है. अधिकतम निवेश की अनुमति प्रति व्यक्ति 15 लाख रुपये है. यह योजना निवेश राशि के आधार पर एक निश्चित मासिक, त्रैमासिक या वार्षिक पेंशन प्रदान करती है. मैच्योरिटी पर, मूलधन निवेशक को वापस कर दिया जाता है. पॉलिसी अवधि के दौरान निवेशक की मृत्यु होने की स्थिति में, परचेज प्राइस का भुगतान नॉमिनी को किया जाता है. इस योजना के ज़रिए, वरिष्ठ नागरिकों को आय का एक वैकल्पिक जरिया मिलता है. यह योजना जीवन बीमा निगम (LIC) द्वारा मैनेज की जाती है.
सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (SCSS)
सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (SCSS) 60 साल या उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए सबसे अधिक ब्याज देने वाली योजनाओं में से एक है. फिलहाल ब्याज दर 8.2% है, जो इसे जोखिम न लेने वाले निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाती है. इसमें अधिकतम निवेश सीमा 30 लाख रुपये है, जिसकी अवधि 5 वर्ष है, जिसे अतिरिक्त 3 सालों तक बढ़ाया जा सकता है. ब्याज का भुगतान तिमाही आधार पर किया जाता है, जिससे रेगुलर इनकम सुनिश्चित होती है. SCSS में निवेश धारा 80सी के तहत टैक्स डिडक्शन के लिए योग्य है. हालांकि, इसमें मिला ब्याज टैक्स के दायरे में आता है.
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF)
पोस्ट ऑफिस की पीपीएफ स्कीम एक लंबी अवधि वाली सेविंग स्कीम है. इस सरकारी स्कीम में निवेशकों को 7.1% ब्याज दर मिल रही है. इसमें 15 साल की लॉक-इन पीरियड है, जिसे 5-5 साल के लिए एक्सटेंज किया जा सकता है. मिनिमम एन्युअल निवेश 500 रुपये है, जबकि अधिकतम 1.5 लाख रुपये है. पीपीएफ को EEE क्लास (एगजेंम्ट-एगजेंम्ट-एगजेंम्ट) का दर्जा प्राप्त है, जिसका अर्थ है कि निवेश रकम, मिले ब्याज और मैच्योरिची रकम, तीनों पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है. पांच साल के बाद आंशिक निकासी और डेट की अनुमति है. पीपीएफ कम जोखिम वाले, टैक्स-एफिशिेएंट ग्रोथ की तलाश करने वाले लोगों के लिए उपयुक्त है. इसकी लंबी अवधि और टैक्स बेनिफिट इसे रिटायरमेंट प्लान और फंड जुटाने के लिए एक विश्वसनीय निवेश विकल्प बनाते हैं.
अटल पेंशन योजना (APY)
अटल पेंशन योजना (APY) का उद्देश्य अनऑर्गेनाइज्ड सेस्टर के श्रमिकों और निम्न आय वर्ग के लोगों को रिटायरमेंट के बाद गारंटीड पेंशन प्रदान करना है. ग्राहक 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक मंथली 1,000 से 5,000 रुपये तक के निश्चित पेंशन विकल्पों में से चुन सकते हैं. कॉन्ट्रीव्यूशन की राशि उम्र और इच्छित पेंशन राशि पर निर्भर करती है. सरकार 40 वर्ष की आयु से पहले जुड़ने वालों के लिए पांच साल के लिए ग्राहक के योगदान का 50% (1,000 रुपये तक) योगदान देती है. योगदान प्रवेश की आयु और वांछित पेंशन राशि पर निर्भर करता है.
पीएम श्रम योगी मानधन योजना (PMSYMY)
पीएम श्रम योगी मानधन योजना केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों और कमजोर आय वर्ग को आर्थिक सहायता प्रदान करना है. यह योजना उन श्रमिकों को लाभ प्रदान करती है जो असंगठित क्षेत्रों में काम करते हैं और उनकी मासिक आय 15,000 रुपये से कम होती है. 18 से 40 साल की उम्र वाले लोग इस योजना को सब्सक्राइब कर सकते हैं.
इस योजना के तहत मजदूर, घरेलू कामगार, रेहड़ी-पटरी, रिक्शा-ठेला खींचने वाले और सिर-पीठ पर बोझा ढोने वाले जैसे असंगठित क्षेत्र के कामगारों को बुढ़ापे में पेंशन देने का प्रावधान है. ध्यान रहे योजना का लाभ तभी मिलेगा जबपरिवार का कोई व्यक्ति सरकारी कर्मचारी नहीं होगा. पात्र व्यक्ति EPFO, NPS और ESIC के अंतर्गत कवर है तो उसे योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा. इसके लिए अंशदान बेहद मामूली है. अगर आप 18 साल की उम्र में जुड़ते हैं, तो 3000 रुपये पेंशन के लिए आपको हर महीने 55 रुपये यानी सालाना 660 रुपये का योगदान करना होगा. 60 साल की उम्र के बाद, आपको हर महीने 3000 रुपये की पेंशन मिलेगी. अगर आपकी मृत्यु हो जाती है, तो आपके जीवनसाथी को 50% पेंशन मिलेगी. यह योजना एलआईसी के अंतर्गत संचालित होती है.
बैंकबाजार कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी कहते हैं कि लोगों को ध्यान रखना चाहिए कि महंगाई उनका मूक दुश्मन यानी साइलेंट एनिमी (Silent Enemy) है. यह पैसे को चुपचाप खा जाती है. यानी महंगाई मेहनत की कमाई को धीरे-धीरे कम कर देती है, जिससे लोगों की खरीदने की क्षमता कम हो जाती है. ऐसे में रिटायमेंट की प्लानिंग करते समय महंगाई को मात देने और अपने पैसे को सुरक्षित रखने के लिए समझदारी से निवेश और बचत करना जरूरी है.
आदिल शेट्टी कहते हैं कि रिटायरमेंट की प्लानिंग करते समय यह याद रखें कि महंगाई आपके लिए एक हिडेन खतरा है. अपने निवेश को फिक्स्ड डिपॉजिट्स, म्यूचुअल फंड्स, PPF, और NPS जैसी अलग-अलग जगहों पर रखें, ताकि रिस्क और रिटर्न का संतुलन बना रहे. हेल्थ इंश्योरेंस लेना बहुत जरूरी है, ताकि मेडिकल खर्चों के कारण आपकी सेविंग न कम हो. आपको रेगुलर इनकम जैसे कि डिविडेंड्स, किराए की आय, या एन्न्युटी पर ध्यान देना चाहिए. जल्दी शुरुआत करें, नियमित रूप से निवेश करें, और समय-समय पर अपनी निवेश योजना की समीक्षा करें ताकि वह बाजार की बदलती स्थितियों और आपके लक्ष्य के अनुरूप रहे. सुरक्षित रिटायरमेंट के लिए आपको अच्छी फाइनेंशियल प्लानिंग और विभिन्न निवेश विकल्पों की जरूरत होती है.सरकारी स्कीम कम जोखिम और निश्चित रिटर्न देती हैं, जिससे रिटायर हो रहे लोग अपने बाद के जीवन को आरामदायक और वित्तीय रूप से स्वतंत्र बना सकते हैं.
(Credit : Sanjeev Sinha)