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रॉबर्ट कियोसाकी को इस बात का पछतावा है कि उन्होंने शुरुआत में ज्यादा बिटकॉइन नहीं खरीदा Photograph: (Image: FE File)
जाने-माने किताब रिच डैड पुअर डैड (Rich Dad Poor Dad) के लेखक रॉबर्ट कियोसाकी ने एक बार फिर बिटकॉइन की वकालत की. उन्होंने अपने लेटेस्ट सोशल मीडिया के जरिए बताया है कि वो खुद बिटकॉइन में पैसा लगा रहे हैं. हाल ही में X (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट में उन्होंने माना कि वो बिटकॉइन में थोड़े देर से जुड़े, क्योंकि पहले उन्हें "आज के जमाने का पैसा" यानी क्रिप्टोकरेंसी अच्छे से समझ नहीं आती थी. लेकिन अब उन्हें भरोसा है कि बिटकॉइन, चाहे आज इसकी कीमत कितनी भी ज्यादा क्यों न हो, एक जरूरी संपत्ति है. उन्होंने अपने फॉलोअर्स से कहा कि वो भी इसे थोड़ा-थोड़ा करके खरीदना शुरू करें, क्योंकि देर से सही, लेकिन इसमें शामिल होना फायदेमंद हो सकता है.
कियोसाकी ने पहली बार बिटकॉइन तब खरीदा जब इसकी कीमत करीब 6,000 डॉलर (लगभग 5 लाख 15 हजार रुपये) थी. उस वक्त भी उन्हें ये कीमत "महंगी" लगी थी. अब जब वो उस फैसले को याद करते हैं, तो उन्हें लगता है कि काश उन्होंने उस समय और ज्यादा खरीदा होता.
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आज की बात करें, तो बिटकॉइन की कीमत करीब 1 लाख डॉलर (यानी लगभग ₹89 लाख) तक पहुंच गई है. कियोसाकी मानते हैं कि आज भी उनके मन में ये कीमत "बहुत ज्यादा" लगती है. फिर भी, वो अब भी बिटकॉइन खरीद रहे हैं, क्योंकि उन्हें भरोसा है कि भविष्य में इसकी अहमियत और बढ़ेगी.
कियोसाकी कहते हैं कि अगर कभी बिटकॉइन की कीमत 10 लाख डॉलर (करीब 85 लाख 82 हजार रुपये) प्रति कॉइन हो गई, तो मैं फिर से यही कहूंगा - काश मैंने और खरीदा होता." इससे साफ है कि उन्हें बिटकॉइन के लंबे समय में तेजी से बढ़ने का पूरा भरोसा है.
उन्होंने यह सलाह बाकी निवेशकों को भी दी. उनका कहना है कि अगर आज आप सिर्फ एक Satoshi (बिटकॉइन की सबसे छोटी यूनिट) ही खरीद सकते हैं, तो भी खरीदें, क्योंकि आगे चलकर पछताना न पड़े. कियोसाकी ने लिखा, "अगर आप आज सिर्फ एक सतोशी (Satoshi) भी खरीद सकते हैं, तो मेरा मानना है कि 5 साल बाद आप यही कहेंगे कि काश मैंने और खरीदा होता."
हालांकि कियोसाकी ने साफ तौर पर ये नहीं कहा कि बिटकॉइन जरूर 10 लाख डॉलर तक पहुंचेगा, लेकिन उन्होंने अपने भरोसे को मजबूती से दोहराया. उन्होंने लिखा - मैं इतना जरूर जानता हूं... मैं आगे चलकर जरूर कहूंगा - काश मैंने 1,07,000 डॉलर (लगभग 89 लाख रुपये) पर और खरीदा होता. उस वक्त बिटकॉइन की कीमत तो जैसे 'अनमोल' थी."
बिटकॉइन के लिए कियोसाकी का ये लगातार वकालत उनके पूरे वित्तीय सोच से मेल खाता है. उनका मानना है कि निवेशकों को ट्रेडिशनल एसेट्स जैसे शेयर, बॉन्ड से आगे सोचकर 'असल पैसा' यानी गोल्ड, सिल्वर और बिटकॉइन जैसे विकल्पों में भी निवेश करना चाहिए, जो आर्थिक अस्थिरता के समय सुरक्षा दे सकते हैं.
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल में व्यक्त विचार 'रिच डैड पुअर डैड' के लेखक रॉबर्ट कियोसाकी के हैं, फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन के नहीं. बिटकॉइन समेत तमाम क्रिप्टोकरेंसी में निवेश बहुत अधिक जोखिम भरा होता है. इस तरह से एसेट्स में पैसे लगाने से पहले निवेशकों को अपनी रिस्क लेने की क्षमता को ध्यान में रखना चाहिए और कोई भी फैसला एक्सपर्ट्स की सलाह से ही करना चाहिए.)