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SBI Focused Equity Fund ने SIP के जरिये निवेश करने वालों को शानदार रिटर्न दिए हैं. (Image : PIxabay)
SBI Mutual Fund Scheme Focused Equity Fund gave more than 6 times return: एसबीआई म्यूचुअल फंड की स्कीम एसबीआई फोकस्ड इक्विटी फंड (SBI Focused Equity Fund) ने पिछले 19 साल के दौरान SIP के जरिए किए गए निवेश पर 16.73% का एन्युलाइज्ड रिटर्न दिया है. अगर किसी इनवेस्टर ने 19 साल पहले इस स्कीम में सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए हर महीने 10 हजार रुपये का निवेश शुरू किया होगा, तो 1 अगस्त 2024 को उसकी फंड वैल्यू 1,39,66,318 रुपये यानी करीब 1.40 करोड़ रुपये हो चुकी होगी. जबकि इतने साल में SIP के जरिए उसने अपनी जेब से करीब 22 लाख 80 हजार रुपये ही निवेश किए होंगे. इस हिसाब से देखें तो SBI Focused Equity Fund ने पिछले 19 साल में SIP के जरिए किए गए निवेश पर 6 गुने से ज्यादा रिटर्न दिया है.
एकमुश्त + SIP से 6.57 गुना हुआ निवेश
एसबीआई की इसी म्यूचुअल फंड स्कीम (SBI Focused Equity Fund) में अगर किसी निवेशक ने पहले साल में 1 लाख रुपये का एकमुश्त निवेश करने के बाद हर महीने 10 हजार रुपये SIP के जरिए निवेश किए होंगे, तो उसके फंड की वैल्यू अब तक और भी ज्यादा होगी. इस ढंग से पैसे लगाने वाले इनवेस्टर के निवेश की वैल्यू 1 अगस्त 2024 को 1,56,45,150 रुपये यानी करीब 1.56 करोड़ रुपये हो चुकी होगी. जबकि 19 साल में उसने अपनी तरफ से कुल 23 लाख 80 हजार रुपये ही निवेश किए होंगे. यह रकम उसके अपने निवेश की तुलना में करीब 6.57 गुना है. SBI Focused Equity Fund के रिटर्न से जुड़े यह सभी कैलकुलेशन इस स्कीम के रेगुलर प्लान के लिए दिए गए हैं.
एसबीआई फोकस्ड इक्विटी फंड का पोर्टफोलियो
जैसा कि इस स्कीम के नाम से ही पता चलता है, SBI Focused Equity Fund एसबीआई म्यूचुअल फंड का एक इक्विटी फंड है. 1 अगस्त 2024 तक अपडेटेड आंकड़ों के मुताबिक इस स्कीम का 93.92% हिस्सा इक्विटी में और 0.57% हिस्सा डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश किया गया है, जबकि 5.51% फंड नकद और कैश जैसे एसेट्स में लगाया गया है. मार्केट कैप के हिसाब से देखें, तो SBI Focused Equity Fund के पोर्टफोलियो में 73.56 फीसदी वेटेज लार्जकैप शेयर्स का है, जबकि मिडकैप का वेटेज 25.24 फीसदी और स्मॉल कैप का महज 1.2 फीसदी है.
निवेश से पहले रिस्क को समझना जरूरी
इक्विटी म्यूचुअल फंड के रिटर्न पर बाजार के उतार-चढ़ाव का सीधा असर पड़ता है. उनके पिछले प्रदर्शन को भविष्य में भी वैसे ही रिटर्न देने की गारंटी नहीं माना जा सकता. इसलिए निवेशकों को किसी भी इक्विटी फंड में निवेश का फैसला करने से पहले अपने रिस्क प्रोफाइल का ध्यान रखना चाहिए है. साथ ही यह भी समझना चाहिए कि म्यूचुअल फंड में किए गए निवेश पर बेहतर रिटर्न लंबी अवधि तक रेगुलर इनवेस्टमेंट करने पर ही मिलते हैं, जिसका सबसे अच्छा तरीका SIP के जरिये निवेश करना है.
(डिस्क्लेमर : इस लेख का मकसद सिर्फ जानकारी मुहैया कराना है, निवेश की सलाह देना नहीं. निवेश का कोई भी फैसला अपने निवेश सलाहकार की राय लेने के बाद ही करें.)