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Mutual Fund New Rules: सेबी की नई पेशकश MF Lite का क्या है मतलब, आम निवेशकों को इससे होगा फायदा?

Mutual Fund New Regulations : 'म्यूचुअल फंड लाइट' को 30 सितंबर को लॉन्च किए जाने की चर्चा. क्या है SEBI की इस नई पहल का मतलब? आम निवेशकों को क्या होगा फायदा?

Mutual Fund New Regulations : 'म्यूचुअल फंड लाइट' को 30 सितंबर को लॉन्च किए जाने की चर्चा. क्या है SEBI की इस नई पहल का मतलब? आम निवेशकों को क्या होगा फायदा?

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Viplav Rahi
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MF Lite का मकसद पैसिव फंड्स को बढ़ावा देना है, जिसकी वकालत SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच भी करती रही हैं. (File Photo : PTI)

Explained : What is MF Lite : मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) जल्द ही "म्यूचुअल फंड लाइट (MF Lite)" की शुरुआत कर सकता है, ऐसी खबरें इस वक्त काफी चर्चा में हैं. सेबी की इस नई पेशकश का मकसद पैसिव म्यूचुअल फंड्स को बढ़ावा देना और बाजार में नए प्लेयर्स की एंट्री को आसान बनाना है. आखिर क्या है MF Lite का मतलब और आम निवेशकों को इससे क्या फायदा होगा? आइए जानते हैं इन सवालों का जवाब. 

म्यूचुअल फंड लाइट क्या है?

म्यूचुअल फंड लाइट (MF Lite) सेबी की एक नई पेशकश है, जिसका प्रस्ताव इसी साल जुलाई में उसके एक कंसल्टेशन पेपर के जरिये सामने आया था. 

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  • इस नई पेशकश के तहत सेबी एक नया सिम्प्लिफाइड रेगुलेटरी फ्रेमवर्क जारी करेगा. 

  • ये एमएफ लाइट रेगुलेशन्स (MF Lite Regulations) उन्हीं फंड हाउस के लिए लागू होंगे, जो केवल इंडेक्स फंड्स और ETFs जैसी पैसिव स्कीम्स को मैनेज करेंगे. 

  • पैसिव स्कीम्स में जोखिम कम होने के कारण MF Lite रेगुलेशन में नियम आसान बनाए गए हैं. मसलन, फाइनेंशियल एक्सपीरियंस की आवश्यकता को हटाना.

  • MF Lite के तहत आने वाले फंड हाउस एक्टिव स्कीम्स से अलग रहेंगे.

  • नए नियमों के अनुसार, पुराने फंड्स को नई सुविधा का लाभ उठाने के लिए अपने पैसिव और एक्टिव ऑपरेशंस को अलग करना होगा, जिससे रिसोर्सेज का बेहतर उपयोग हो सकेगा.

  • MF Lite के तहत म्यूचुअल फंड कंपनियों के लिए नेटवर्थ की रिक्वायरमेंट 50 करोड़ से घटाकर 35 करोड़ रुपये की जा सकती है.

  • SEBI अपनी इस पहल के जरिये नए और छोटे प्लेयर्स को इस मार्केट में एंट्री करने का मौका देना चाहता है. साथ ही कम्प्लायंस संबंधी परेशानियां भी कम होंगी.

  • सेबी की नई पहल से मार्केट की लिक्विडिटी में भी सुधार आने की उम्मीद है, जिससे इन्वेस्टमेंट के नए मौके भी सामने आएंगे.

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निवेशकों के लिए MF Lite के फायदे

माना जा रहा है कि सेबी की इस नई पहल से आम निवेशकों के लिए इनवेस्टमेंट के सस्ते और आसान विकल्प बढ़ जाएंगे. खासकर ऐसे फंड्स में जो केवल इंडेक्स फंड्स और एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETFs) जैसी पैसिव स्कीम्स को मैनेज करेंगे.

  • मौजूदा पैसिव फंड्स का टोटल एक्सपेंस रेशियो (TER) औसतन 20 बेसिस प्वाइंट्स (bps) के आसपास है. 

  • MF Lite के तहत आने वाले फंड हाउस जिन पैसिव स्कीम्स को मैनेज करेंगे, उनकी फंड मैनेजमेंट की लागत यानी टोटल एक्सपेंस रेशियो में और कमी आने की उम्मीद है.

  • बाजार में नए प्लेयर्स के आने से प्रतियोगिता बढ़ेगी और निवेशकों को ज्यादा विकल्प मिलेंगे.

  • छोटे निवेशकों को कम लागत वाले फंड्स तक पहुंच प्राप्त होगी, जो इक्विटी और डेट मार्केट्स दोनों को ट्रैक कर सकते हैं.

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म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में शुरू होगा नया दौर?

ऐसी चर्चा है कि सेबी की 30 सितंबर को होने वाली बोर्ड की बैठक में 'एमएफ लाइट' को लागू करने का एलान किया जा सकता है. हालांकि अब तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन अगर ऐसा हुआ तो मार्केट रेगुलेटर का यह कदम म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के लिए एक नए दौर की शुरुआत साबित हो सकता है.

Sebi Chief Sebi Mutual Fund