/financial-express-hindi/media/media_files/FeHvjv4RFJsTysGFbM55.jpg)
SBI Long Term Equity Fund ने लंबी अवधि में निवेशकों को शानदार रिटर्न दिए हैं. (Image : Pixabay)
SBI Mutual Fund Scheme : SBI Long Term Equity Fund : अगर आप लंबे समय के लिए निवेश करने की सोच रहे हैं और बेहतर रिटर्न के लिए रिस्क लेने को तैयार हैं, तो एसबीआई म्यूचुअल फंड की स्कीम एसबीआई लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड (SBI Long Term Equity Fund) आपके लिए अच्छा ऑप्शन हो सकती है. SBI की करीब 21 साल पुरानी यह म्यूचुअल फंड स्कीम पहले एसबीआई मैग्नम टैक्सगेन (SBI Magnum Taxgain Scheme) के नाम से मशहूर रही है. इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) की कैटेगरी में आने वाले इस इक्विटी म्यूचुअल फंड के रेगुलर प्लान ने अपने निवेशकों की पूंजी को पिछले 5 साल में ढाई गुना और 20 साल में करीब 40 गुना तक कर दिखाया है.
5 साल में ढाई गुना हुआ एकमुश्त + SIP निवेश
स्कीम : SBI Long Term Equity Fund (Regular Plan)
- एकमुश्त निवेश: 1 लाख रुपये
- मंथली SIP: 5,000 रुपये
- कुल निवेश (5 साल में): 4,00,000 रुपये
- 5 साल में रिटर्न (एन्युलाइज्ड) : 30.57%
- 5 साल बाद मौजूदा फंड वैल्यू: 10,14,996 रुपये (10.15 लाख रुपये)
20 साल में 40 गुना किया एकमुश्त निवेश
स्कीम : SBI Long Term Equity Fund (Regular Plan)
- एकमुश्त निवेश: 1 लाख रुपये
- निवेश की अवधि: 20 साल
- 20 साल में सालाना रिटर्न (CAGR): 20.21%
- 20 साल बाद फंड वैल्यू : 39,70,196 रुपये (39.7 लाख रुपये)
SBI लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड में निवेश पर टैक्स बेनिफिट
SBI लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड की एक बड़ी खासियत यह है कि इसमें एक वित्त वर्ष के दौरान 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट मिलती है. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत मिलने वाली इस छूट के जरिये सबसे ऊंचे टैक्स स्लैब में आने वाले निवेशक साल में अधिकतम 46,800 रुपये तक की टैक्स बचत कर सकते हैं. इस स्कीम में एकमुश्त निवेश और SIP, दोनों ही कम से कम 500 रुपये से शुरू होते हैं. टैक्स सेविंग ELSS की कैटेगरी में आने के कारण इसमें किए गए निवेश पर 3 साल का लॉक-इन लागू होता है.
SBI लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड की बड़ी बातें
- स्कीम का नाम: SBI Long Term Equity Fund - Regular Plan
- स्कीम प्रकार: ओपन-एंडेड इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) जिसमें 3 साल का लॉक-इन पीरियड है.
- रिस्क लेवल: बहुत अधिक (Very High)
- स्कीम का उद्देश्य: लॉन्ग टर्म कैपिटल एप्रीसिएशन और टैक्स सेविंग
- स्कीम शुरु होने की तारीख: 31 मार्च, 1993
- फंड मैनेजर: दिनेश बालाचंद्रन (सितंबर 2016 से)
- एग्जिट लोड: कुछ नहीं
- एक्सपेंस रेशियो: रेगुलर प्लान में 1.59% और डायरेक्ट प्लान में 0.93%
प्रमुख होल्डिंग्स और सेक्टर एलोकेशन
- HDFC Bank: 4.47%
- GE T&D India : 3.7%
- Reliance Industries (RIL): 3.44%
- Mahindra and Mahindra (M&M): 3.42%
- ICICI Bank: 3.26%
- कैश और कैश इक्विवेलेंट्स: 9.78%
सेक्टर एलोकेशन (% निवेश)
- फाइनेंशियल सर्विसेज: 23.86%
- ऑयल, गैस और कंज्यूमेबल फ्यूल्स: 10.99%
- कैपिटल गुड्स: 9.65%
- हेल्थकेयर: 8.06%
- इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी: 7.68%
किनके लिए सही है ये स्कीम
SBI लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड उन निवेशकों के लिए सही विकल्प हो सकता है, जो टैक्स सेविंग और लॉन्ग टर्म कैपिटल ग्रोथ के लिए इनवेस्ट करना चाहते हैं. इस स्कीम में निवेश का पूरा लाभ लेने के लिए लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट की तैयारी होनी चाहिए. हालांकि इस स्कीम में लॉक-इन पीरियड तो 3 साल का ही होता है, लेकिन जिन निवेशकों को 5 साल से कम अवधि के लिए निवेश करना है, उनके लिए यह स्कीम सही नहीं है. ‘वेरी हाई’ रिस्क लेवल वाली स्कीम होने के कारण इसमें निवेश करते समय जोखिम सहने की अपनी क्षमता का आकलन भी जरूर कर लेना चाहिए. यह भी याद रखें कि एसआईपी के जरिये निवेश करने पर रिस्क को कम करने में कुछ मदद मिलती है.
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना है, किसी स्कीम में निवेश की सिफारिश करना नहीं. इक्विटी म्यूचुअल फंड के पिछले रिटर्न को भविष्य में वैसे ही प्रदर्शन की गारंटी नहीं माना जा सकता. निवेश का कोई भी फैसला पूरी जानकारी हासिल करने और अपने निवेश सलाहकार की राय लेने के बाद ही करें.)