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ELSS vs Tax Saving FD: दोनों में क्या है बेहतर, किसमें कितना मिल रहा रिटर्न, कहां करें निवेश?

ELSS vs Tax Saving FD: टैक्स बचाने के लिए टैक्स सेविंग एफडी और ईएलएसएस, दोनों में निवेश किया जा सकता है. लेकिन आपके लिए कौन सी स्कीम बेहतर है, इसका फैसला करने के लिए दोनों के बारे में जानना जरूरी है.

ELSS vs Tax Saving FD: टैक्स बचाने के लिए टैक्स सेविंग एफडी और ईएलएसएस, दोनों में निवेश किया जा सकता है. लेकिन आपके लिए कौन सी स्कीम बेहतर है, इसका फैसला करने के लिए दोनों के बारे में जानना जरूरी है.

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Viplav Rahi
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ELSS vs Tax Saving FD: आपके लिए कौन सी स्कीम बेहतर है, यह जानने के लिए दोनों की तुलना करना जरूरी है. (Image : Pixabay)

ELSS vs Tax Saving FD: Which is Better For You: टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) दोनों ही विकल्प निवेशकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं. रिस्क से दूर रहने वाले इनवेस्टर, जिन्हें फिक्स्ड रिटर्न चाहिए बैंक एफडी को ज्यादा पसंद करते हैं, जबकि ऊंचा रिटर्न पाने के लिए थोड़ा रिस्क लेने की तैयारी रखने वालों को ELSS अधिक पसंद आता है. हालांकि दोनों स्कीम अलग-अलग एसेट क्लास में आती हैं, लेकिन इनमें कुछ बातें मिलती-जुलती भी हैं. आपके लिए दोनों में से कौन सी स्कीम बेहतर है, ये फैसला करने के लिए इन समानताओं और अंतर को जानने के साथ ही साथ दोनों के रिटर्न की तुलना भी करनी होगी. 

ELSS और टैक्स सेविंग FD में एक जैसा क्या है

- आयकर में छूट: दोनों ही विकल्पों में आयकर कानून की धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर छूट मिलती है.

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- लॉक-इन पीरियड: ELSS का लॉक-इन पीरियड 3 साल है, जबकि टैक्स सेविंग FD में 5 साल का लॉक-इन होता है.

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ELSS और टैक्स सेविंग FD में अंतर क्या है

  • ELSS पर मार्केट-लिंक्ड रिटर्न मिलता है, जो कि शेयर बाजार पर निर्भर करता है और इसलिए इसमें जोखिम भी अधिक होता है. 
  • टैक्स सेविंग FD पर फिक्स्ड रिटर्न मिलता है, जो बैंक द्वारा तय किया जाता है और इसमें कोई मार्केट रिस्क नहीं होता.
  • ELSS पर 3 साल के बाद एक वित्त वर्ष में 1.25 लाख रुपये तक के मुनाफे पर कोई टैक्स नहीं लगता; 1.25 लाख रुपये से अधिक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 12.5% LTCG टैक्स देना पड़ता है.
  • टैक्स सेविंग FD से होने वाले इंटरेस्ट इनकम पूरी तरह टैक्सेबल होती है, जिस पर निवेशक के टैक्स स्लैब के हिसाब से इनकम टैक्स लगता है.
  • ELSS में हाई रिटर्न की संभावना के साथ ऊंचा जोखिम भी जुड़ा है. हालांकि SIP के जरिए निवेश करके जोखिम को थोड़ा कम किया जा सकता है.
  • टैक्स सेविंग FD एक सुरक्षित विकल्प है और निवेशकों को फिक्स्ड रिटर्न की गारंटी मिलती है.

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टैक्स सेविंग FD और ELSS के रिटर्न की तुलना

आइए अब देखते हैं कि दोनों स्कीम का औसत सालाना रिटर्न कितना है. इसके लिए टैक्स सेविंग ELSS स्कीम के डायरेक्ट प्लान के पिछले 5 साल के औसत सालाना रिटर्न की तुलना, 5 साल के लॉक-इन वाले टैक्स सेविंग एफडी की ब्याज दरों से करेंगे. सबसे पहले एक नजर डालते हैं देश की टॉप 10 टैक्स सेविंग ईएलएसएस स्कीम के पिछले रिटर्न पर:

टॉप 10 टैक्स सेविंग ELSS फंड्स का रिटर्न 

(5 साल का औसत सालाना रिटर्न - CAGR):

1. Quant ELSS Tax Saver Fund (Direct): 37.61%

2. Bank of India ELSS Tax Saver Fund (Direct): 28.63%

3. SBI Long Term Equity Fund (Direct): 27.87%

4. Motilal Oswal ELSS Tax Saver Fund (Direct): 26.69%

5. Parag Parikh ELSS Tax Saver Fund (Direct): 26.47%

6. Bandhan ELSS Tax Saver Fund (Direct): 25.95%

7. DSP ELSS Tax Saver Fund (Direct): 25.03%

8. JM ELSS Tax Saver Fund (Direct): 25.03%

9. Canara Robeco ELSS Tax Saver (Direct): 24.53%

10. Mirae Asset ELSS Tax Saver Fund (Direct): 24.41%

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और अब देखते हैं कि देश के कई प्रमुख बैंक 5 साल के लॉक इन वाले टैक्स सेविंग एफडी पर कितना ब्याज दे रहे हैं. 

टॉप 10 बैंकों के टैक्स सेविंग FD की ब्याज दरें

1. SBM Bank India: 7.75% (सीनियर सिटिजन्स के लिए 8.25%)

2. YES Bank: 7.25% (सीनियर सिटिजन्स के लिए 8.00%)

3. DCB Bank: 7.40% (सीनियर सिटिजन्स के लिए 7.90%)

4. IndusInd Bank: 7.25% (सीनियर सिटिजन्स के लिए 7.75%)

5. RBL Bank: 7.10% ( सीनियर सिटिजन्स के लिए 7.60%)

6. Axis Bank: 7.0% (सीनियर सिटिजन्स के लिए 7.75%)

7. HDFC Bank: 7.0% (सीनियर सिटिजन्स के लिए 7.50%)

8. ICICI Bank: 7.0% (सीनियर सिटिजन्स के लिए 7.50%)

9. Karnataka Bank: 6.50% (सीनियर सिटिजन्स के लिए7.00%)

10. Bank of Baroda: 6.50% (सीनियर सिटिजन्स के लिए7.15%)

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कौन सा विकल्प चुनें?

अगर आप मार्केट के रिस्क को सहने की क्षमता रखते हैं और लंबे समय के लिए बेहतर रिटर्न की उम्मीद रखते हैं, तो ELSS एक बेहतर विकल्प है. लेकिन अगर आप मार्केट रिस्क से दूर रहते हुए सुरक्षित निवेश करके फिक्स्ड रिटर्न पाना चाहते हैं, तो FD में निवेश करना आपके लिए बेहतर रहेगा. यह बात हमेशा ध्यान रखें कि टैक्स सेविंग FD और ELSS काफी अलग तरह के इनवेस्ट ऑप्शन हैं. अपने लिए सही स्कीम का चुनाव आपको अपनी खास जरूरत और आर्थिक हालात को ध्यान में रखते हुए करना होगा.

(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना है, निवेश की सिफारिश करना नहीं. म्यूचुअल फंड के पिछले रिटर्न को भविष्य में वैसे ही प्रदर्शन की गारंटी नहीं माना जा सकता. निवेश का कोई भी फैसला अपने निवेश सलाहकार की राय लेने के बाद ही करें.)

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