/financial-express-hindi/media/media_files/2024/11/29/oVPf7UzRlmgr25xwKZpU.jpg)
Stock Market News : सेबी का नया फ्रेमवर्क 1 अक्टूबर से प्रभावी होगा और सभी ट्रेडिंग डे में बाजार की गतिविधि को आसान बनाएगा. (Pixabay)
SEBI New Rules for Stock Market IntradayTrading : मार्केट रेगुलेटर सेबी ने इंट्राडे डेरिवेटिव ट्रेडिंग (F&O) पर नई पोजीशन लिमिट लागू करने का ऐलान किया है. नया नियम 1 अक्टूबर से लागू हो जाएगा. इस नए नियम के तहत, सेबी ने इंडेक्स ऑप्शंस के लिए इंट्राडे नेट पोजीशन की लिमिट को पहले के 1,500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5,000 करोड़ प्रति इकाई कर दिया है. इसका उद्देश्य बाजार की गहराई और स्थिरता के बीच संतुलन बनाना है.
सकल इंट्राडे पोजीशन को मौजूद समय के अनुसार 10,000 करोड़ रुपये ही रखा गया है. मार्केट रेगुलेटर ने बताया है कि यह नियम यह लॉन्ग और शॉर्ट पोजीशन पर अलग-अलग लागू होगा.
नया फ्रेमवर्क 1 अक्टूबर से
सेबी का नया फ्रेमवर्क 1 अक्टूबर से प्रभावी होगा और सभी ट्रेडिंग डे में बाजार की गतिविधि को आसान बनाएगा. इससे एक्सपायरी के दिन बड़े पैमाने पर इंट्राडे पोजिशन लेने पर रोक लग सकेगी. सेबी के अनुसार नया नियम बाजार के बारे में पूर्वानुमान लगाने, परिचालन को स्पष्ट करने में मददगार होगा. सेबी के अनुसार नया ढांचा ट्रेडिंग को आसान बनाने और जोखिम प्रबंधन के बीच उचित संतुलन बनाएगा.
क्या होगा फायदा?
सेबी का कहना है कि कुछ निवेशक जरूरत से ज्यादा लीवरेज लेकर बड़ी पोजीशन बना लेते हैं. इससे बाजार में जोखिम के साथ-साथ अस्थिरता भी बढ़ती है. अब नए नियम के साथ ट्रेडर्स को अपने पास वास्तविक रूप में उपलब्ध पूंजी और मार्जिन के हिसाब से पोजीशन बनानी होगी.
इससे मार्केट में पारदर्शिता और स्थिरता बढ़ेगी. साथ ही रिटेल निवेशकों को नुकसान से बचाया जा सकेगा. जरूरत से ज्यादा लिमिट पर पांबदी लगाए जाने से निवेशकों को अब तय लिमिट के अंदर ही इंट्राडे ट्रेड करना होगा. यानी कि अब ट्रेडर्स ज्यादा लीवरेज लेकर बड़ा ट्रेड नहीं कर पाएंगे, जिससे छोटे रिटेल निवेशकों के लिए नुकसान की संभावना काफी हद तक कम हो जाएगी.
क्यों उठाया ये कदम
यह कदम सेबी की ओर से अमेरिकी हेज फंड जेन स्ट्रीट पर भारतीय प्रतिभूति बाजार से अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगाने के बाद उठाया गया है. सेबी ने पाया कि जेन स्ट्रीट नकदी और वायदा व विकल्प बाजारों में एक साथ दांव लगाकर अच्छा मुनाफा कमाकर सूचकांकों में हेरफेर कर रही थी.
रेगुलेटर ने कहा कि स्टॉक एक्सचेंज कम से कम 4 इंट्राडे स्नैपशॉट के माध्यम से स्थिति की निगरानी करेंगे. इसमें 2:45 बजे से 3:30 बजे के बीच का स्नैपशॉट भी शामिल होगा. यह वह अवधि है जब आम तौर पर अत्यधिक गतिविधि देखी जाती है.
लिमिट का उल्लंघन करने वाली संस्थाओं के लिए, स्टॉक एक्सचेंज ट्रेडिंग पैटर्न की जांच करेंगे और ग्राहकों से ऐसी स्थिति के लिए तर्क मांगेंगे. सेबी ने कहा कि नए नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना के साथ-साथ अतिरिक्त निगरानी जमा राशि भी जमा करानी होगी. इसका निर्धारण स्टॉक एक्सचेंजों की ओर से संयुक्त रूप से किया जाएगा.