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SCSS एक सरकारी निवेश योजना है, जो सीनियर सिटिजन और रिटायर लोगों के लिए पसंदीदा विकल्प मानी जाती है. (AI Image)
रिटायरमेंट जीवन का वह अहम पड़ाव है, जब इंसान कामकाजी जिम्मेदारियों से मुक्त होकर आराम और सुकून चाहता है. लेकिन इस दौर में रेगुलर इनकम का होना बेहद जरूरी हो जाता है. यही वजह है कि नौकरी के सालों में समय रहते समझदारी से फाइनेंशियल प्लानिंग करना अनिवार्य है. सुरक्षित और भरोसेमंद विकल्पों में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और सरकारी योजनाएं जैसे सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) शामिल हैं, जो स्थिर रिटर्न और सुरक्षा दोनों का भरोसा देती हैं.
सीनियर सिटिजन बचत योजना (SCSS)
सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम एक सरकार स्कीम है, जो खासतौर पर सीनियर सिटिजन और रिटायर लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय है. इसमें 60 साल से ऊपर के लोग निवेश कर सकते हैं. साथ ही 55–60 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होकर रिटायरमेंट लाभ पाने वाले भी एक महीने के भीतर इसमें निवेश कर सकते हैं.
इसमें मिनिमम निवेश 1,000 रुपये और अधिकतम 30 लाख रुपये तक किया जा सकता है. इसकी अवधि 5 साल होती है, जिसे मैच्यिरिटी पर 3-3 साल के ब्लॉक्स में बढ़ाया जा सकता है.
जुलाई-सितंबर 2025 तिमाही के लिए SCSS पर 8.2% सालाना ब्याज मिल रहा है. ब्याज तिमाही आधार पर मिलता है और पूरी तरह टैक्सेबल है. हालांकि मैच्योरिटी पर अतिरिक्त ब्याज नहीं मिलता. साथ ही आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80C के तहत इसमें टैक्स डिडक्शन का फायदा लिया जा सकता है. जल्दी निकासी पर जुर्माना लग सकता है, इसलिए इसमें निवेश करने से पहले लंबी अवधि की प्रतिबद्धता को ध्यान में रखना जरूरी है.
बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD)
बैंक FD लंबे समय से सबसे भरोसेमंद और कम जोखिम वाले निवेश साधनों में गिनी जाती है. इसमें ब्याज दरें तय होती हैं और ज्यादातर बैंक सीनियर सिटिजन्स को आम निवेशकों की तुलना में 0.50% तक अतिरिक्त ब्याज देते हैं. FD में ब्याज भुगतान मंथली, तिमाही, छमाही या सालाना आधार पर लिया जा सकता है. टैक्स-सेविंग FD (5 साल की लॉक-इन अवधि वाली) में निवेश कर निवेशक धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की आयकर छूट पा सकते हैं. हालांकि ब्याज आय कर योग्य होती है और यदि किसी वित्त वर्ष में सभी FDs से ब्याज आय 50,000 रुपये से अधिक हो जाती है, तो बैंक 10% TDS काटता है.
रिटायरमेंट के बाद, सीनियर सिटिजन अक्सर सुरक्षित निवेश विकल्पों की तलाश करते हैं जो उन्हें रेगुलर इनकम प्रदान कर सकें. इस मामले में, सीनियर सिटिजन एफडी (Senior Citizen FD) और सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (SCSS), दोनों लोकप्रिय विकल्प हैं. हालांकि दोनों ही सुरक्षा और गारंटीड रिटर्न प्रदान करते हैं, लेकिन उनकी ब्याज दरें और विशेषताएं काफी अलग हैं. विशेषताओं पर आधारित फर्क जानने से पहले ब्याज दरें देखें.
ब्याज दर देखकर करें फैसला
जैसा कि हम जानते हैं SCSS पर जुलाई-सितंबर 2025 की तिमाही के लिए सालाना 8.2% की दर से ब्याज मिल रहा है.
इसके उलट सीनियर सिटिजन फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दरें बैंकों के अनुसार काफी अलग हैं. जहां कुछ स्मॉल फाइनेंस बैंक, जैसे सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक और स्लाइस स्मॉल फाइनेंस बैंक, कुछ विशेष अवधियों के लिए क्रमशः 8.2% और 8.5% तक की दरें दे रहे हैं, वहीं अधिकांश सरकारी और प्राइवेट बैंक की दरें काफी कम हैं.
उदाहरण के लिए, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) जैसे प्रमुख बैंक 6.4% से 6.6% के बीच की उच्चतम दरें दे रहे हैं.
Bank Fixed Deposit Rates | |||||
Bank Name | Interest Rates (p.a.) | ||||
Highest slab | 1-year tenure (%) | 3-year tenure (%) | 5-year tenure (%) | ||
% | Tenure | ||||
स्मॉल फाइनेंस बैंक | |||||
AU Small Finance Bank | 7.1 | 2 years 1 day to 3 years | 6.35 | 7.1 | 6.75 |
Equitas Small Finance Bank | 7.6 | 888 days | 7.25 | 7.25 | 7 |
ESAF Small Finance Bank | 7.6 | 444 days | 4.75 | 6 | 5.75 |
Jana Small Finance Bank | 8 | 5 years | 7.25 | 7.5 | 8 |
slice Small Finance Bank | 8.5 | 18 months 1 day to 18 months 2 days | 6.75 | 8.25 | 7.75 |
Suryoday Small Finance Bank | 8.2 | 5 years | 7.5 | 7.75 | 8.2 |
Ujjivan Small Finance Bank | 7.45 | 2 years | 7.25 | 7.2 | 7.2 |
Unity Small Finance Bank | 6.75 | 501 days to 5 years | 6.5 | 6.75 | 6.75 |
Utkarsh Small Finance Bank | 7.65 | 2 years to 3 years | 6 | 7.65 | 7.25 |
प्राइवेट बैंक | |||||
Axis Bank | 6.6 | 18 months to 10 years | 6.25 | 6.6 | 6.6 |
Bandhan Bank | 7.3 | 2 years to less than 3 years | 7.1 | 7 | 5.85 |
City Union Bank | 6.75 | 365 days | 6.75 | 6.65 | 6.25 |
CSB Bank | 6.8 | 13 months | 5 | 5.75 | 5.75 |
DBS Bank | 6.55 | 376 days to 600 days | 6.3 | 6.4 | 6.25 |
DCB Bank | 7.2 | 27 months to less than 28 months; Above 60 months to 61 months | 6.9 | 7 | 7 |
Federal Bank | 6.7 | 999 days | 6.4 | 6.5 | 6.5 |
HDFC Bank | 6.6 | 18 months to less than 21 months | 6.25 | 6.45 | 6.4 |
ICICI Bank | 6.6 | 2 years 1 day to 10 years | 6.25 | 6.6 | 6.6 |
IDFC FIRST Bank | 6.75 | 2 years 1 day to 3 years | 6.3 | 6.75 | 6.6 |
IndusInd Bank | 7 | 1 year 1 month to 2 years | 6.75 | 6.75 | 6.65 |
Jammu & Kashmir Bank | 7.3 | 888 days | 6.75 | 6.75 | 6.5 |
Karur Vysya Bank | 6.85 | 444 days | 6.6 | 6.6 | 6.6 |
Karnataka Bank | 6.65 | 555 days | 6.5 | 6.15 | 6.15 |
Kotak Mahindra Bank | 6.6 | 391 days to 23 months | 6.25 | 6.4 | 6.25 |
RBL Bank | 7.2 | 2 years 1 day to 3 years | 7 | 7.2 | 6.7 |
SBM Bank India | 8 | Above 15 months to less than 2 years 3 days; Above 2 years 3 days to less than 5 years | 7.75 | 8 | 7.5 |
South Indian Bank | 6.6 | 1 year | 6.6 | 6.2 | 5.7 |
Tamilnad Mercantile Bank | 7.05 | 400 days (TMB400) | 6.8 | 6.25 | 6.25 |
YES Bank | 7 | 3 years to less than 5 years | 6.65 | 7 | 6.75 |
सरकारी बैंक | |||||
Bank of Baroda | 6.6 | 444 days – BoB Square Drive Deposit Scheme | 6.5 | 6.5 | 6.4 |
Bank of India | 6.6 | 777 days - Star Utsav | 6.25 | 6.25 | 6 |
Bank of Maharashtra | 6.7 | 366 days | 6.2 | 6.2 | 6.1 |
Canara Bank | 6.5 | 444 days | 6.25 | 6.25 | 6.25 |
Central Bank of India | 7 | 2222 days; 3333 days | 6.5 | 6.5 | 6.5 |
Indian Bank | 6.7 | 444 days | 6.1 | 6.25 | 6 |
Indian Overseas Bank | 6.75 | 444 days | 6.6 | 6.2 | 6.2 |
Punjab National Bank | 6.6 | 390 days | 6.4 | 6.4 | 6.5 |
Punjab & Sind Bank | 6.7 | 444 days | 6 | 6 | 6.1 |
State Bank of India | 6.6 | 444 days - Amrit Vrishti | 6.25 | 6.3 | 6.05 |
Union Bank of India | 6.6 | 3 years | 6.4 | 6.6 | 6.4 |
(नोट : सीनियर सिटिजन ब्याज दर से जुड़ी विभिन्न बैंकों की ये लिस्ट पैसा बाजार डॉट कॉम द्वारा तैयार की गई है, जिसमें दावा है कि ब्याज दर अपडेट 20 अगस्त 2025 तक के हैं. बैंक समय-समय पर अपनी ब्याज दरें बदलते रहते हैं. ऐसे में निवेशकों को सलाह है कि वे उपरोक्त किसी बैंक के स्कीम में पैसा लगाने से पहले संबंधित बैंक की आधिकारिक वेबसाइट या शाखा से इंटरेस्ट रेट की पुष्टि कर लें.)
ध्यान देने वाली बात है कि बैंक एफडी में हायर रेट आमतौर विशिष्ट और कभी-कभी छोटी अवधियों से जुड़ी हो सकती हैं.
अब दोनों निवेश विकल्प एक दूसरे से कितने अलग हैं. नीचे डिटेल देखें.
SCSS और FD के बीच प्रमुख अंतर
सीनियर सिटिजन्स के लिए दो मुख्य निवेश विकल्पों, सीनियर सिटिजन बचत योजना SCSS और सीनियर सिटिजन फिक्स्ड डिपॉजिट FD के बीच कई महत्वपूर्ण अंतर हैं.
इनमें सबसे प्रमुख अंतर ब्याज दरों का है. SCSS की ब्याज दर सरकार द्वारा तिमाही आधार पर तय की जाती है, जो कि निश्चित और आमतौर पर उच्च होती है, फिलहाल 8.2% सालाना है. वहीं, FD की ब्याज दरें बैंक और चुनी गई अवधि के अनुसार बदलती रहती हैं, जो 4% से 8.5% तक हो सकती हैं, और छोटे वित्त बैंक अक्सर उच्च दरें देते हैं.
निवेश की अवधि के मामले में भी दोनों में बड़ा अंतर है. SCSS में निवेश की अवधि 5 साल के लिए निश्चित होती है, जिसे 3 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है. इसके विपरीत, FD में 7 दिनों से लेकर 10 साल तक की लचीली अवधि चुनने का विकल्प मिलता है.
निवेश लिमिट की बात करें तो SCSS में प्रति व्यक्ति अधिकतम 30 लाख रुपये तक का निवेश किया जा सकता है, जबकि FD में निवेश की कोई ऊपरी सीमा नहीं होती.
लिक्विडिटी के मामले में FD बेहतर मानी जाती है, क्योंकि इसमें समय से पहले निकासी और जमा के बदले लोन लेने की सुविधा होती है, जो SCSS में सीमित है और इसमें निकासी पर जुर्माना लगता है.
टैक्स लाभ भी दोनों में अलग-अलग हैं: SCSS में 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर धारा 80C के तहत टैक्स डिडक्शन मिलती है, जबकि FD के ब्याज पर धारा 80TTB के तहत 50,000 रुपये तक की कटौती का दावा किया जा सकता है.
अंत में, SCSS एक सरकारी स्कीम है जो पोस्ट ऑफिस और बैंकों में उपलब्ध है, जबकि FD सिर्फ बैंकों और NBFCs द्वारा पेश की जाती है.
सीनियर सिटिजन के लिए निवेश के दो बड़े विकल्प SCSS और FD हैं. SCSS यानी सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम 5 साल की तय अवधि के लिए आती है और ज्यादातर मामलों में एफडी से ज्यादा ब्याज दर देती है. लेकिन जो लोग लचीलापन चाहते हैं और अलग-अलग अवधियों में पैसा लगाना पसंद करते हैं, उनके लिए एफडी ज्यादा बेहतर मानी जाती है. इसके अलावा, स्मॉल फाइनेंस बैंक अक्सर एफडी पर ऐसी ब्याज दरें देते हैं जो SCSS से भी ज्यादा हो सकती हैं. ऐसे में कौन सा विकल्प चुना जाए, यह पूरी तरह निवेशक की जरूरतों पर निर्भर करता है.