/financial-express-hindi/media/media_files/Q1YKblCBmceAuKf9ZKKA.jpg)
Mutual Funds : म्यूचुअल फंड मार्केट में ऐसी कुछ स्कीम हैं, जो लॉन्च के बाद से ही रिटर्न मशीन साबित हुई हैं. (Freepik)
Long Term SIP Return : म्यूचुअल फंड मार्केट में ऐसी कुछ स्कीम हैं, जो लॉन्च के बाद से ही रिटर्न मशीन साबित हुई हैं. लंबे समय से ही उनका एनुअलाइज्ड रिटर्न 15 से 18 फीसदी रहा है. इन्हीं में एक स्कीम है आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल मल्टीकैप फंड (ICICI Prudential Multicap Fund). मल्टीकैप कैटेगरी यानी हर तरह के मार्केट कैप के शेयरों में पैसा लगाने वाली यह स्कीम निवेशकों के लिए रिटन मशीन साबित हुई है. इसने बीते 29 साल में एसआईपी करने वालों को करीब 18 फीसदी एनुअलाइज्ड रिटर्न दिया है. सिर्फ 1500 रुपये की मंथली एसआईपी करने वाले अब 2 करोड़ रुपये के मालिक हो गए.
SIP : 18% एनुअलाइज्ड रिटर्न
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल मल्टीकैप फंड के एसआईपी रिटर्न के आंकड़े बीते 29 साल के उपलब्ध हैं. इस स्कीम ने बीते 29 साल में एसआईपी करने वालों को करीब 18 फीसदी एनुअलाइज्ड रिटर्न दिया है. इस स्कीम में अगर 29 साल पहले से किसी ने हर महीने 1500 रुपये जो रोज 50 रुपये की बचत से हो सकता है, एसआईपी किया होगा तो उसके निवेश की वैल्यू बढ़कर अब 2.23 करोड़ रुपये हो गई होगी. अब 50 हजार रुपये अपफ्रंट निवेश के साथ कुल निवेश 5.72 लाख रुपये ही हुआ.
मंथली एसआईपी : 1500 रुपये
ड्यूरेशन : 29 साल
एनुअलाइज्ड रिटर्न : 17.80 फीसदी
अपफ्रेंट इन्वेस्टमेंट : 50 हजार रुपये
29 साल में कुल निवेश : 5,72,000 रुपये
29 साल बाद एसआईपी की कैल्यू : 1.90 करोड़ रुपये
कुल फायदा : करीब 1.84 करोड़ रुपये
स्कीम के बारे में डिटेल
स्कीम लॉन्च डेट : 1 अक्टूबर, 1994
कम से कम एकमुश्त निवेश : 5,000 रुपये
कम से कम SIP : 100 रुपये महीना
बेंचमार्क : Nifty 500 Multicap 50:25:25 TRI
कुल एसेट्स : 13,025 करोड़ (30 जून, 2024)
एक्सपेंस रेश्यो : 1.76% (30 जून, 2024)
(source : value research)
पोर्टफोलियों में टॉप स्टॉक
ICICI Bank
Sun Pharmaceutical
Infosys
Reliance Ind
HDFC Bank
Larsen & Toubro
Cummins India
Syngene International
Bharti Airtel
NTPC
मल्टीकैप म्यूचुअल फंड के बारे में
मल्टी-कैप म्यूचुअल फंड डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड होते हैं, जो अलग अलग मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली कंपनियों के शेयरों में आपका पैसा निवेश करते हैं. यानी निवेशकों का पैसा इन फंड के तहत लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियों के शेयरों में लगाया जाता है.
सेबी के नियम के मुताबिक इस कैटेगरी में फंड का 75 फीसदी हिस्सा इक्विटी में निवेश करना जरूरी होगा. हालांकि म्यूचुअल फंड मल्टीकैप फंड को रीबैलेंस कर सकते हैं. उनके पास समय समय दूसरी स्कीम में स्विच करने का विकल्प भी होता है.
मल्टीकैप में निवेश का फायदा
इसका फायदा यह है कि अगर निवेशकों को यह कंफ्यूजन है कि वे अपना पैसा लार्ज-कैप, मिड-कैप, स्मॉल-कैप आखिर कहां लगाएं तो मल्टी-कैप कैटेगिरी न सिर्फ यह दुविधा दूर करता है, बल्कि इसमें आपका पोर्टफोलियो खुद ही डाइवर्सिफाइड हो जाता है. दूसरा फायदा यह है कि लार्ज-कैप फंड आपके पोर्टफोलियो को स्टेबिलिटी देते हैं, जबकि मिड-कैप और स्मॉल-कैप में आपको हाई रिटर्न मिल सकता है. वहीं अगर किसी एक सेग्मेंट मसलन मिडकैप या स्मालकैप का प्रदर्शन खराब रहा तो उसे लार्जकैप बैलेंस कर सकते हैं. इसी तरह से लार्जकैप में नुकसान को मिडकैप या स्मालकैप रिकवर कर सकते हैं. कुल मिलाकर ये फंड कठिन समय में नुकसान से बचाते हैं.
(नोट : हमने यहां एक म्यूचुअल फंड स्कीम के प्रदर्शन के आधार पर जानकारी दी है. यह निवेश की सलाह नहीं है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें.)