scorecardresearch

SIP या लम्प सम निवेश? वोलेटाइल मार्केट में निवेश का कौन सा तरीका करेगा सही काम

Investment : शेयर बाजार वोलेटाइल बना हुआ है. एक दिन तेजी तो अगले दिन बिकवाली. ऐसे में निवेशकों के मन में कनफ्यूजन हो सकता है कि अभी इक्विटी योजनाओं में निवेश का कौन सा तरीका बेहतर रहेगा.

Investment : शेयर बाजार वोलेटाइल बना हुआ है. एक दिन तेजी तो अगले दिन बिकवाली. ऐसे में निवेशकों के मन में कनफ्यूजन हो सकता है कि अभी इक्विटी योजनाओं में निवेश का कौन सा तरीका बेहतर रहेगा.

author-image
Sushil Tripathi
एडिट
New Update
sip or lump sum, best way to invest, one time investment, systematic investment plan

SIP : आप लम्‍प सम या एसआईपी में से कौन सा तरीका चुनते हैं, यह आपकी कमाई (कैश फ्लो) और मौजूदा हालात पर निर्भर करेगा. (AI Generated)

SIP or One Time Investment : शेयर बाजार वोलेटाइल बना हुआ है. एक दिन तेजी तो अगले दिन बिकवाली. ऐसे में निवेशकों के मन में कनफ्यूजन हो सकता है कि अभी इक्विटी योजनाओं में निवेश का कौन सा तरीका बेहतर रहेगा. क्‍या एक बार में पैसे लगाएं (Lump Sum) या अभी थोड़ी थोड़ी रकम रेगुलर इंटरवल में निवेश (SIP) करें. इनमें से कौन सा तरीका सही काम करेगा.     

सिस्‍टमैटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान (एसआईपी - SIP) एक सुविधा है, जिसके तहत आप हर महीने या हर 3 महीने पर खुद से चुनी गई डेट पर एक तय रकम म्‍यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश करते हैं. आप जो फंड चुनते हैं, आपका पैसा उसी स्‍कीम में निवेश किया जाता है. चाहे आप एकमुश्त (लम्‍प सम) निवेश करें या एसआईपी के जरिए थोड़ी थोड़ी रकम निवेश करें, यह आपकी पसंद पर निर्भर करता है. अगर आप  एक ही फंड में पैसा लगा रहे हैं, तो गौर करने वाली बात यह है कि निवेश का एक तरीका दूसरे से बेहतर कैसे हो सकता है?

Advertisment

Also Read : लार्जकैप का बादशाह, एचडीएफसी लार्जकैप फंड ने 1500 रुपये की SIP को बनाया 1 करोड़, ये रहा रिटर्न चार्ट

पीजीआईएम इंडिया म्‍यूचुअल फंड के चीफ बिजनेस ऑफिसर, अभिषेक तिवारी का कहना है कि आप लम्‍प सम या एसआईपी में से कौन सा तरीका चुनते हैं, यह आपकी कमाई (कैश फ्लो) और मौजूदा हालात पर निर्भर करेगा. जिन लोगों की हर महीने एक तय इनकम होती है, उनके लिए एसआईपी बेहतर विकल्‍प रहता है, क्योंकि यह उनकी मंथली इनकम और खर्च के हिसाब से चलता है.

लेकिन अगर आपकी इनकम आय तय नहीं है (कभी ज्‍यादा, कभी कम), तो ऐसे में लम्‍प सम निवेश का बेहतर तरीका हो सकता है. अगर आपको अचानक बोनस, उपहार या अन्य किसी सोर्स से बड़ी धनराशि मिलती है, तो आप उस राशि को म्‍यूचुअल फंड स्‍कीम में एकमुश्त निवेश कर सकते हैं, भले ही उस फंड में आपकी एसआईपी पहले से चल रही हो.

Also Read : 5 मिडकैप म्यूचुअल फंड जिनका 10 साल से कायम है दबदबा, सभी ने 1 लाख को बनाया 5 लाख

SIP : बाजार के हर साइकिल (तेजी और मंदी) में होता है निवेश 

आप नियमित रूप से निवेश करते हैं, तो आप बाजार के उतार-चढ़ाव (तेजी और मंदी) दोनों स्थितियों में निवेश कर पाते हैं. इससे आप बाजार की छोटी अवधि की अस्थिरता का फायदा उठा पाते हैं. यह एक ऐसी सुविधा है जिसे आप किसी भी तरह के फंड में इस्तेमाल कर सकते हैं. उदाहरण के लिए अगर आप चाहें, तो आप लिक्विड फंड्स में एसआईपी के जरिए निवेश कर अपना इमरजेंसी फंड भी बना सकते हैं. इसके लिए बैंक में एकमुश्त राशि जमा होने की आवश्यकता नहीं होती.

एसआईपी (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) नियमित निवेश की आदत बनाने का बेहतरीन तरीका या माध्यम है. यह आपके बैंक खाते में पड़े पैसों का सही उपयोग करने का एक अच्छा तरीका है, जिसे निवेश न करने की स्थिति में आप खर्च कर सकते थे. एसआईपी एक व्यवहारिक टूल है, जो हमें निवेश के प्रति अधिक अनुशासित और नियमित बनाता है.

Also Read : Highest Return : 10 साल में 1 लाख के बन गए 7 लाख, 19 से 22% सालाना रिटर्न के साथ विनर बने ये 5 स्‍मॉलकैप फंड

SIP : लंबी अवधि में मिलेगा ज्‍यादा फायदा 

अगर आप रेगुलर सैलरी पाने वाले कर्मचारी है, तो एसआईपी के कई फायदे हैं. अगर आप लम्‍प सम (एकमुश्त) और एसआईपी की तुलना रिटर्न के मामले में करें, तो लंबी अवधि में एसआईपी  के साथ ही शुरू किया गया लम्‍प सम निवेश ज्‍यादा बेहतर दिखेगा, क्योंकि भारतीय इक्विटी मार्केट ज्‍यादातर  ऊपर की ओर ही बढ़े हैं.

अंतर यह है कि लम्‍प सम शायद 10 साल पहले सिर्फ 1 लाख रुपये या 10 लाख रुपये का एक बार का निवेश रहा होगा. लेकिन एसआईपी करने से, आपने ज्‍यादा पैसा बचाया होगा और निवेश किया होगा, क्योंकि 10 साल तक हर महीने कुछ न कुछ निवेश हो रहा है. इसलिए, एसआईपी का सबसे बड़ा फायदा वास्तव में अनुशासित और नियमित निवेश का व्यवहार है.

आप अपनी एसआईपी को उतने सालों तक जारी रख सकते हैं, जितना आप चाहें. जिस फंड में आप निवेश कर रहे हैं, अगर वह अच्छा प्रदर्शन करता रहे, तो उसे बदलने या रोकने की कोई आवश्यकता नहीं है.

Also Read : ये मिडकैप फंड 23% की दर से दे रहा है रिटर्न, 3000 रुपये की SIP से मिले 7 करोड़, अपनी कैटेगरी में नंबर 1 

SIP : समय समय पर कर सकते हैं टॉप-अप 

म्यूचुअल फंड में निवेश का एक फायदा यह है कि आप अपनी जरूरत के अनुसार कुछ राशि निकाल सकते हैं और बाकी निवेश को जारी रख सकते हैं. यह सुविधा आपको अपने लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करती है. 

अगर आप हर साल अपनी एसआईपी अमाउंट बढ़ाना चाहते हैं, तो आप अपने मौजूदा फंड में ही एसआईपी टॉप के जरिए अमाउंट बढ़ा सकते हैं. इसके लिए नया फंड जोड़ने की जरूरत नहीं होती.

एक समझदारी भरा तरीका यह है कि अपने हर तय किए गए लक्ष्य के लिए अलग-अलग एसआईपी रखें. इससे आपको यह पता रहेगा कि कौन-सी एसआईपी से पैसे निकालने हैं, जब आपका कोई खास लक्ष्य पूरा होने के करीब हो.

Also Read : ITR 2025 : फॉर्म-16 में इस बार क्या क्या बदला? नए फॉर्म के साथ इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना क्यों होगा असान

SIP : 5 बड़े फायदे 

1. एसआईपी ऑटोमैटिक होता है, इसलिए यह आपके बैंक खाते के पैसों का सही उपयोग करने का एक अच्छा तरीका है, जिसे आप खर्च कर सकते थे.

2. जिन एसेट क्‍लास में ज्‍यादा उतार-चढ़ाव होता है (जैसे शेयर बाजार), उनमें एसआईपी के जरिए रेगुलर अंतराल पर थोड़ी थोड़ी रकम निवेश करना (SIP) बेहतर होता है. वहीं, स्थिर रिटर्न देने वाले एसेट क्‍लास (जैसे डेट फंड) के लिए, अगर आपके पास पैसा है, तो एकमुश्त (लम्‍प सम) निवेश भी अच्छा काम कर सकता है.

3. एसआईपी का इस्तेमाल किसी भी लक्ष्य के लिए किया जा सकता है, चाहे वह शॉर्ट टर्म के लिए हो या लॉन्‍ग टर्म के लिए.

4. हर लक्ष्य के लिए अलग-अलग एसआईपी रखें, ताकि जब कोई लक्ष्य पूरा होने के करीब हो, तो आपको पता हो कि किस एसआईपी से पैसा निकालना है.

5. अगर आप इक्विटी फंड्स में एसआईपी करते हैं और निवेश की अवधि 10 साल या उससे ज्यादा हो, तो निगेटिव रिटर्न मिलने की संभावना बहुत कम होती है.

Sip Lump Sum