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Small Cap Funds Return: बीते 1 साल में कम से कम 15 स्कीम ऐसी नजर आ रही हैं, जिनमें 40 से 60 फीसदी रिटर्न मिला है. (Pixabay)
Small Cap Funds Top Return: इन दिनों बाजार में बुलबुले की चर्चा लगातार चल रही है. माना जा रहा है कि बाजार में स्मॉलकैप का बुलबुला (Small Cap Bubble) बन गया था जो फूटना शुरू हुआ है. सेबी की ओर से इस बीते दिनों स्मॉलकैप और मिडकैप में आई लगातार तेजी पर चिंता जताई गई और कहा गया है कि यह बुलबुला फूट सकता है, जिससे निवेशकों को नुकसान हो सकता है. इसलिए इन सेगमेंट में फिलहाल सतर्क रहने की जरूरत है. फिलहाल अगर आप अपने पोर्टफोलियो में मिडकैप और स्मॉलकैप चाहते हैं तो इसका एक तुलना में सुरक्षित तरीका म्यूचुअल फंड है. मिडकैप फंड और स्मॉलकैप फंडों में निवेश कर हाई रिटर्न हासिल किया जा सकता है.
म्यूचुअल फंड है सुरक्षित
म्यूचुअल फंड के जरिए स्मॉलकैप सेगमेंट में निवेश करना सीधे स्मॉलकैप स्टॉक में पैसा लगाने की बजाए सुरक्षित विकल्प है. एक म्यूचुअल फंड स्कीम में सिर्फ एक स्टॉक नहीं, बल्कि अलग अलग कंपनियों के स्टॉक शामिल होते हैं. वहीं इसमें दूसरे सेगमेंट में भी एक तय फीसदी रकम फंड मैनेजर लगा सकते हैं. इसलिए सिर्फ एक या दो कंपनी के उतार चढ़ाव से पूरा पोर्टफोलियो प्रभावित नहीं होता है. फंड मैनेजर आमतौर पर रिसर्च के बाद निवेश के लिए सही कंपनियों का चुनाव करते हैं. वहीं म्यूचुअल फंड में इक्विटी की तरह तेज गिरावट नहीं आती है. लेकिन बाजार मजबूत होने पर इनमें ग्रोथ तेजी से होती है.
1 साल में टॉप रिटर्न वाली 15 स्कीम (Top Small Cap Funds)
1. बंधन स्मॉलकैप फंड: 60%
2. एक्सिस निफ्टी स्मॉलकैप 50 इंडेक्स फंड: 60%
3. ABSL निफ्टी स्मॉलकैप 50 इंडेक्स फंड: 60%
4. महिंद्रा मैन्युलाइफ स्मॉलकैप फंड: 57%
5. क्वांट स्मॉलकैप फंड: 57%
6. ITI स्मॉलकैप फंड: 53%
7. HDFC निफ्टी स्मॉलकैप 250 ETF: 51%
8. मोतीलाल ओसवाल निफ्टी स्मॉलकैप 250 इंडेक्स: 51%
9. SBI निफ्टी स्मॉलकैप 250 इंडेक्स: 51%
10. इडेलवाइस निफ्टी स्मॉलकैप 250 इंडेक्स: 51%
11. निप्पॉन इंडिया स्मॉलकैप फंड: 47%
12. इन्वेस्को इंडिया स्मॉलकैप फंड: 44%
13. सुंदरम स्मॉलकैप फंड: 44%
14. HDFC स्मॉलकैप फंड: 41%
15. बैंक आफ इंडिया स्मॉलकैप फंड: 41%
(source: value research)
क्या होते हैं स्मॉलकैप फंड
स्मॉलकैप फंड की बात करें तो ये मार्केट कैप के लिहाज से स्मॉल कैप कंपनियों के स्टॉक और इक्विटी-रिलेटेड विकल्पों में निवेश करते हैं. सेबी के अनुसार, मिड कैप कंपनियां, मार्केट कैपिटलाइजेशन में 250 से 500 के बीच रैंक की जाती हैं. ये फंड आमतौर पर लार्ज-कैप और मिडकैप फंडों की तुलना में बेहतर रिटर्न देते हैं लेकिन उनकी तुलना में इसमें अस्थिरता ज्यादा होती है. बाजार में गिरावट आने पर स्मॉलकैप में गिरावट दूसरे सेगमेंट की तुलना में ज्यादा हो सकती है. उसी तरह तेजी आने पर ये लार्जकैप या मिडकैप की तुलना में ज्यादा रिटर्न भी देते हैं. फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह ली जाए तो ये रिस्क और रिटर्न का सही संयोजन हो सकते हैं.
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किसे करना चाहिए मिडकैप फंड में निवेश
अगर आप बाजार का रिस्क लेने को तैयार हैं और आपके निवेश का लक्ष्य कम से कम 7 साल से 10 साल का है तो स्मॉलकैप फंड हाई रिटर्न पाने के लिए बेहतर विकल्प माने जाते हैं. लंबी अवधि तक निवेश बनाए रहने से बाजार का जोखिम कम हो जाता है. इनका एवरेज रिटर्न बेहतर हो जाता है. ऐसे में अगर युवा हैं और रिस्क लेने को तैयार हैं, तो आप फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह लेकर इन स्कीम में निवेश कर सकते हैं. फाइनेंशियल एडवाइजर अपनी रिसर्च के आधार पर सही स्कीम चुनने में मदद करते हैं.
टैक्स के नियम
मिड-कैप फंड पर अन्य इक्विटी फंडों की तरह टैक्स लगाया जाता है. अगर इक्विटी फंड्स का होल्डिंग पीरियड 12 महीने से कम का है तो इस पर मिलने वाला प्रॉफिट शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स होगा और इस पर फ्लैट 15 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा. 12 महीने से अधिक तक की होल्डिंग पर लांग टर्म कैपिटल गेन्स होगा और 1 लाख रुपये तक का गेन्स टैक्स-फ्री है. 1 लाख रुपये से अधिक का लांग टर्म कैपिटल गेन्स 10 फीसदी की दर से टैक्सेबल होता है और इस पर इंडेक्सेशन बेनिफिट भी नहीं मिलता है.
(Disclaimer: यहां हमने बेस्ट प्रदर्शन के आधार पर स्मॉलकैप फंड की लिस्ट दी है और स्मॉलकैप फंड के बारे में जानकारी दी है. यह निवेश की सलाह नहीं है. बाजार में मौजूद जोखिम को देखते हुए फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लेकर ही निवेश करें.)