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EPF Withdrawal: जरूरत पड़ने पर जरूरी कारण का जिक्र करते हुए आप ईपीएफ से फंड निकाल सकते हैं. (PTI)
EPF Withdrawal Rejection Case: ईपीएफओ (EPFO) के आंकड़ों के मुताबिक पीएफ फाइनल सेटलमेंट क्लेम्स के रिजेक्ट होने की दर पिछले 5 साल में तेजी से बढ़ी है. जिसके चलते कई बार इमरजेंसी में अगर आपको अपने ही फंड से पैसा चाहिए तो समय पर नहीं मिल पाता है. असल में कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) भारत सरकार की ओर से चलाई जाने वाली एक पेंशन योजना है. ईपीएफओ के सदस्यों को कर्मचारी पेंशन निधि (EPF) खाते में अपनी सैलरी से एक निश्चित रकम हर महीने जमा करनी होती है. वहीं इसके बदले आपका इम्प्लॉयर की ओर से भी एक तय राशि हर खाते में जमा की जाती है. वहीं जरूरत पड़ने पर जरूरी कारण का जिक्र करते हुए आप इसमें से कभी भी फंड निकाल (EPF Withdrawal Rules) सकते हैं. लेकिन ऐसे कई मामले हो रहे हैं, जब किसी कारण के चलते ईपीएफओ द्वारा क्लेम खारिज कर दिया जा रहा है. आखिर इसकी क्या वजह हो सकती हैं.
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क्यों रिजेक्ट हो जाते हैं क्लेम
अगर क्लेम के साथ दी गई जानकारी ईपीएफ डाटाबेस (EPFO Data) की जानकारी से मेल नहीं खाती है, तो क्लेम रिजेक्ट किया जा सकता है. इसलिए यह क्रॉस-चेक करना और सुनिश्चित करना जरूरी है कि क्लेम दायर करते समय आपके द्वारा दी गई हर डिटेल ईपीएफओ रिकॉर्ड में उपलब्ध जानकारी से मेल खाते हों. आमतौर पर, नाम, आर्गेनाइजेशन में शामिल होने और छोड़ने की तारीख, ईपीएफ खाताधारक के बैंक खाते, अधूरे केवाईसी रिकॉर्ड और अधूरी बैंक डिटेल और उम्र या जन्म तिथि में से कुछ न कुछ मिसमैच होता है. रिजेक्शन से कैसे बचें.....
KYC अधूरी न छोड़ें
EPF क्लेम खारिज होने की सबसे बड़ी वजह गलत KYC डॉक्यूमेंट सबमिट करना है. अगर आपकी KYC डीटेल अधूरी है, तो ईपीएफओ आपके विदड्रॉल क्लेम को रिजेक्ट कर सकता है. इसलिए, क्लेम से पहले KYC दुरुस्त रखें.
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कहीं नाम बेमेल तो नहीं
अगर आपके नाम में कहीं भी बेमेल डाटा मिला तो क्लेम रिजेक्ट हो सकता है. ईपीएफ रिकॉर्ड में दिए गए नाम में कहीं भी विसंगति हो सकती है. हो सकता है कि आपके पैन या बैंक या ईपीएफओ में दिए गए नाम बेमेल हों. इसलिए पहले सभी जगह एक ही नाम दर्ज कराएं.
इसमें एक और बात पर ध्यान देना चाहिए कि आपने पैन और बैंक में नाम ठीक करा लिया है तो पुराने चेक को क्लेम करते समय न लगाएं. पुराने चेक में आपका पुराना नाम ही होगा. इसलिए नए नाम के हिसाब से नया चेक जारी करवाएं.
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जन्मतिथि में कुछ बेमेल तो नहीं
जन्मतिथि में भी बेमेल हो सकता है, ऐसे में क्लेम खारिज हो सकता है. इसलिए, किसी को या तो ईपीएफओ रिकॉर्ड में या आधार रिकॉर्ड में जन्मतिथि को सही करना जरूरी होगा, ताकि दोनों दस्तावेजों में जन्मतिथि मेल खाती है.
UAN को आधार से लिंक करें
अगर आपका आधार, UAN से लिंक नहीं होगा तो आपका क्लेम EPFO की ओर से खारिज कर दिया जाएगा. ऐसे में आपको आधार से अपने UAN को लिंक कर देना चाहिए.
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कंबाइंड बैंक अकाउंट
अगर आपने कंबाइंड बैंक अकाउंट दिया है, जो किसी ऐसे व्यक्ति के पास है जो जीवनसाथी नहीं है तो ईपीएफ दावा खारिज किया जा सकता है. ईपीएफओ दावे का पैसा या तो व्यक्तिगत बैंक अकाउंट में या जीवनसाथी के साथ रखे गए कंबाइंड बैंक अकाउंट में जमा करेगा.
बैंक अकाउंट की सही डिटेल
बैंक अकाउंट डिटेल में गलती मसलन बैंक अकाउंट नंबर, आईएफएससी कोड, बैंक का नाम, बैंक शाखा की डिटेल जरूर चेक कर लें.