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Smallcap Funds: स्मॉलकैप म्यूचुअल फंडों में मार्च 2024 में 94.2 करोड़ का आउटफ्लो देखा गया. (Pixabay)
Mutual Funds Latest Trend/Amfi : स्मॉलकैप और मिडकैप में बीते कई महीनों से जिस तरह की तेजी देखने को मिली है, उसके बाद से निवेशक सतर्क हो गए हैं. इसका नतीजा यह रहा है कि मार्च 2024 में पिछले 2.5 साल में पहली बार ऐसा हुआ है, जब निवेशकों ने स्मॉलकैप इक्विटी म्यूचुअल फंड (Smallcap Mutual Funds) से पैसा निकाला है. यानी स्मॉलकैप में 2.5 साल में पहली बार आउटफ्लो देखने को मिला है. इसी के चलते इक्विटी म्यूचुअल फंड में फ्लो भी मंथली बेसिस पर 16 फीसदी घट गया है. फाइनेंशियल ईयर 2024 में इक्विटी कैटेगरी में कुल निवेश 1.84 लाख करोड़ रुपये रहा है.
इक्विटी स्कीम में घटा निवेश
एम्फी के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार फरवरी में 26,865.78 करोड़ रुपये के मुकाबले मार्च में इक्विटी योजनाओं में निवेश 22,633.15 करोड़ रुपये (Mutual Funds Investment Trend) रहा. इक्विटी कैटेगरी में, स्मॉलकैप फंडों को छोड़कर अन्य सभी कैटेगरी में निवेश आया है. म्यूचुअल फंड कंपनियों का एसेट अंडर मैनेजमेंट पिछले महीने के अंत तक यानी 31 मार्च 2024 तक 53.4 लाख करोड़ रुपये था, जो फरवरी 2024 के अंत में यह 54.54 लाख करोड़ रुपये था.
स्मॉलकैप ही नहीं मिडकैप पर भी अलर्ट
स्मॉलकैप फंडों में मार्च 2024 में 94.2 करोड़ का आउटफ्लो देखा गया. इसके पहले सितंबर 2021 में स्मॉलकैप में 248.73 करोड़ का आउटफ्लो देखने को मिला था. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के अनुसार, मार्च में मिडकैप फंडों (Midcap Mutual Funds) में इनफ्लो मंथली बेसिस पर 43 फीसदी की गिरावट देखी गई और यह 1017.69 करोड़ रहा. अक्टूबर 2021 में 376.19 करोड़ इनफ्लो के बाद से यह निवेश की सबसे धीमी गति थी. स्मॉलकैप में आउटफ्लो और मिडकैप इनफ्लो में मंदी के कारण मार्च में कुल नेट इक्विटी इनफ्लो 16 फीसदी घटकर 22,633 करोड़ रुपये रह गया.
फरवरी में 11,262.72 करोड़ रुपये की तुलना में सेक्टोरल/थीमेटिक फंडों को मार्च में 7,917.72 करोड़ रुपये का इनफ्लो मिला. FY24 में, सेक्टोरल/थीमेटिक फंडों को सभी इक्विटी कैटेगरीज में सबसे अधिक 46,137.86 करोड़ रुपये का फ्लो हासिल हुआ. लार्ज एंड मिडकैप फंड 3,215.58 करोड़ रुपये के दूसरे सबसे बड़े निवेश के साथ निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ाने में कामयाब रहे. मार्च में 2,738.11 करोड़ रुपये के फ्लो के साथ फ्लेक्सीकैप फंड तीसरे स्थान पर रहे. ईएलएसएस में 1789 करोड़ का इनफ्लो आया.
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डेट म्यूचुअल फंड में भारी निकासी
मार्च में डेट म्यूचुअल फंड से सबसे ज्यादा 1.98 लाख करोड़ रुपये की निकासी हुई. फरवरी में इस कैटेगरी में कुल 63,808.82 करोड़ रुपये का इनफ्लो देखा गया. डेट कैटेगरी में, लंबी अवधि के फंड, बैंकिंग एंड पीएसयू और 10 साल के कांस्टेंट ड्यूरेशन फंड्स वाले गिल्ट फंड को छोड़कर सभी कैटेगरीज में आउटफ्लो देखा गया.
लिक्विड फंडों में बिकवाली
लिक्विड फंडों ने फरवरी में 83,642.33 करोड़ रुपये के प्रवाह के मुकाबले मार्च में लगभग 1.57 लाख करोड़ रुपये का हाइएस्ट आउटफ्लो दर्ज किया. अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन फंडों में लगभग 9,134.95 करोड़ रुपये की निकासी देखी गई.
लॉन्ग ड्यूरेशन फंड, मनी मार्केट में आया पैसा
लंबी अवधि के फंडों में 772.29 करोड़ रुपये का इनफ्लो देखा गया, जबकि बैंकिंग एंड पीएसयू फंडों में 231.68 करोड़ रुपये का इनफ्लो देखा गया. इसके बाद 10 साल के कांस्टेंट ड्यूरेशन फंड्स वाले गिल्ट फंड में 58.04 करोड़ रुपये का इनफ्लो देखा गया. FY24 में, ओवरनाइट फंडों में 41,204.67 करोड़ रुपये का आउटफ्लो देखा गया. जबकि इस दौरान मनी मार्केट फंड में 29,859.01 करोड़ रुपये का इनफ्लो देखा गया.