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दो ऐसे स्मॉल कैप स्टॉक्स, जिनमें मल्टीबैगर बनने की क्षमता नजर आ रही है. Photograph: (Image : Pixabay)
By Suhel Khan
स्मार्ट निवेशक अक्सर ऐसी कंपनियों की तलाश करते हैं जिन पर कम या कोई कर्ज न हो और पूंजी निवेश पर रिटर्न (ROCE) हो. जीरो कर्ज का मतलब कम जोखिम है क्योंकि कंपनी को ब्याज भुगतान के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है जो उनके मुनाफे को खा जाता है. दूसरी ओर हाई आरओसीई बताता है कि कंपनी अपने पैसे से लाभ कमाने में अच्छी है यानी बहुत अधिक "कैपिटल एफीशिएंट" है.
यह एक अच्छा कंबिनेशन है, खासकर तब जब बाजार अस्थिर हो, क्योंकि ये कंपनियां अधिक स्थिर हैं और निवेशकों को ठोस रिटर्न देते हुए अभी भी बढ़ सकती हैं.
इन खूबियों वाली छोटी कंपनियां और भी ज़्यादा दिलचस्प होती हैं. कोई क़र्ज़ न होने की वजह से वे ज़्यादा सुरक्षित होती हैं और ऊंचे ROCE का मतलब है कि वे अच्छे रिटर्न देने की संभावना रखती हैं. जो कोई भी संभावित स्थिरता के साथ ग्रोथ की तलाश में है, उसके लिए इस तरह की कंपनियां एक बेहतरीन विकल्प हो सकती हैं. वे अक्सर मज़बूत नींव वाले नए बिजनेस होते हैं.
आइए दो कम चर्चित स्मॉलकैप कंपनियों पर नजर डालें, जिन्होंने हाल ही में अपने कर्ज से छुटकारा पाया है और जिनका ROCE असरदार है.
स्टीलकास्ट लिमिटेड (SCL)
1,658 करोड़ रुपये के मार्केट कैपिटलाइजेशन के साथ स्टीलकास्ट लिमिटेड (Steelcast Ltd) अलग-अलग औद्योगिक क्षेत्रों के लिए कई ओईएम की जरूरतों को पूरा करते हुए स्टील और अलॉय स्टील कास्टिंग्स बनाने के बिजनेस में लगी हुई है.
एससीएल ऐसी कंपनी है जो कार्बन स्टील, लो अलॉय स्टील, हाई अलॉय स्टील, मैंगनीज स्टील, तथा बेक और शेल मोल्डिंग प्रक्रियाओं द्वारा उत्पादित अन्य हाई क्वॉलिटी के घिसाव और घर्षण प्रतिरोधी स्टील कास्टिंग जैसे प्रोडक्ट तैयार करती है.
यह रेत और शैल मोल्डिंग प्रक्रिया के माध्यम से स्टील कास्टिंग का निर्माण करने वाली कुछ कास्टिंग कंपनियों में से एक है, जो 2.5 किलोग्राम से 2,500 किलोग्राम तक के 300 से अधिक पार्ट्स ॉका उत्पादन करती है.
पिछले दशक में एससीएल की डेट ट्रैजेक्ट्री (debt trajectory) कुछ ऐसी रहा...
2014 में कर्ज | 2017 में कर्ज | 2019 में कर्ज | 2022 में कर्ज | पिछले साल में कर्ज | मौजूदा कर्ज |
137.22 | 89.6 | 64.43 | 23.11 | 23.65 | 0 |
*सभी आंकड़े करोड़ रुपये में
ब्याज भुगतान का बोझ अपने कंधों से उतर जाने के कारण, कंपनी पहले की तुलना में बेहतर दर से मुनाफा बढ़ाने की स्थिति में है.
इसमें उनका मौजूदा ROCE भी जोड़ दें, जो 40% है, तो यह कंपनी को हमारी वॉचलिस्ट में जगह पाने के लायक बनाता है. ROCE का मतलब है कंपनी द्वारा लगाई गई पूंजी पर मिलने वाला रिटर्न. उदाहरण के लिए, अगर कंपनी 100 रुपये की पूंजी लगा रही है तो ROCE 40% होने का मतलब ये है कि कंपनी 140 रुपये वापस कमाती है, यानी 40 रुपये का मुनाफ़ा.
कंपनी इस पैसे का उपयोग विस्तार के लिए या निवेशकों को लाभांश के रूप में भुगतान करने के लिए कर सकती है.
अपने समूह की समकक्ष कम्पनियों से तुलना करने पर यह ROCE सबसे अधिक है, जिसका अर्थ है कि पूंजी दक्षता के मामले में यह कम्पनी अपने प्रतिस्पर्धियों से बेहतर है.
एससीएल के लिए 10 साल का आरओसीई औसत लगभग 19% है, जबकि इसी अवधि के लिए इंडस्ट्री का एवरेज लगभग 13% है.
फरवरी 2025 में कंपनी के ताजा इनवेस्टर प्रेजेंटेशन के अनुसार, एससीएल नए भौगोलिक क्षेत्रों में प्रवेश करके, मौजूदा ग्राहकों के साथ संबंधों को मजबूत करके, अपने पोर्टफोलियो में नए क्षेत्रों को जोड़कर और नए उत्पाद विकास के माध्यम से घटक बास्केट को बढ़ाकर संभावित विकास के अवसरों का पता लगाने की योजना बना रही है.
प्रेजेंटेशन में यह भी कहा गया है कि एससीएल रक्षा, ग्राउंड एंगेजिंग टूल्स और रेलवे जैसे क्षेत्रों में प्रवेश करने के अपने प्रयास जारी रखेगी.
वित्तीय स्थिति की बात करें तो कंपनी की बिक्री वित्त वर्ष 19 और वित्त वर्ष 24 के बीच 5% की कंपाउंड रेट से बढ़कर 318 करोड़ रुपये से 410 करोड़ रुपये हो गई.
वित्त वर्ष 19 में ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की आय (EBITDA) 59 करोड़ रुपये थी जो वित्त वर्ष 24 में बढ़कर 117 करोड़ रुपये हो गई. पिछले 5 वर्षों में EBITDA के लिए CAGR वृद्धि लगभग 15% रही है.
इसी अवधि में शुद्ध लाभ भी 25 करोड़ रुपये से बढ़कर 75 करोड़ रुपये हो गया, जो 25% की कंपाउंड रेट है.
स्टीलकास्ट के शेयर की मौजूदा कीमत 819 रुपये है, जो 5 साल पुराने 111 रुपये के मूल्य से लगभग 640% अधिक है.
अब हम मूल्यांकन पर नज़र डालते हैं. कंपनी वर्तमान में 26x के प्राइस-टू-अर्निंग (PE) रेशियो पर कारोबार कर रही है. पिछले 10 वर्षों का औसत पीई 22x है, जो यह दर्शाता है कि मौजूदा वैल्युएशन मल्टीपल अपने लॉन्ग टर्म मीडियन के मुकाबले प्रीमियम पर है.
कुशल पूंजी प्रबंधन के कारण, कंपनी 22% से अधिक का अच्छा डिविडेंड पे-आउट रेशियो बनाए हुए है.
प्रीमियर पॉलीफिल्म लिमिटेड (PPL)
प्रीमियर पॉलीफिल्म लिमिटेड (Premier Polyfilm Ltd), जिसकी स्थापना 1992 में हुई थी, विनाइल फ्लोरिंग, पीवीसी शीटिंग और कृत्रिम चमड़े के कपड़े का निर्माण करती है, जिनका उपयोग विभिन्न औद्योगिक और उपभोक्ता एप्लीकेशन्स के लिए किया जाता है.
पीपीएल एक आईएसओ: 9001-2015 प्रमाणित स्पेशलिटी कैलेंडर्ड फिल्म्स और शीट्स का निर्माता है जिसका उपयोग विभिन्न औद्योगिक और उपभोक्ता एप्लीकेशन्स के लिए किया जाता है. यह कोटिंग, कैलेंडरिंग, प्रिंटिंग, लेमिनेशन, एम्बॉसिंग, अपने स्वयं के फैब्रिक निर्माण के साथ पूर्ण इनहाउस परीक्षण करने में सक्षम है.
727 करोड़ रुपये के मार्केट कैप के साथ, पीपीएल भारतीय रेलवे को पीवीसी मेम्ब्रेन फ्लोरिंग शीट और ऑटोमोटिव ओईएम के टियर-2 और टियर-3 आपूर्तिकर्ताओं को पीवीसी लेदर शीट की आपूर्ति करती है.
पिछले दशक में कंपनी का ऋण इस प्रकार रहा है:
2014 में कर्ज | 2017 में कर्ज | 2019 में कर्ज | 2022 में कर्ज | पिछले साल में कर्ज | मौजूदा कर्ज |
3.72 | 24.53 | 27.78 | 14.15 | 23.3 | 0 |
*सभी आंकड़े करोड़ रुपये में
पीपीएल का वर्तमान आरओसीई 30% है. पिछले 5 वर्षों का औसत 21% था, और पिछले 10 वर्षों का औसत 18% है.
एक बार फिर, पीपीएल, स्टीलकास्ट की तरह, वर्तमान आरओसीई के संदर्भ में अपने समकालीनों को पीछे छोड़ देता है.
वर्तमान इंडस्ट्री एवरेज 15% है और पीपीएल इसका दोगुना है, जिससे कंपनी की पूंजी दक्षता बिल्कुल स्पष्ट हो जाती है.
कंपनी ने पिछले 5 वर्षों में बिक्री में 12% की कंपाउंड ग्रोथ दर्ज की है क्योंकि यह वित्त वर्ष 19 में 150 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 24 में 259 करोड़ रुपये हो गई.
वित्त वर्ष 19 में EBITDA 11 करोड़ रुपये था जो वित्त वर्ष 24 में बढ़कर 33 करोड़ रुपये हो गया, जिससे CAGR 25% हो गया.
प्रॉफिट आफ्ट टैक्स (PAT) वित्त वर्ष 19 में 4 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 24 में 21 करोड़ रुपये हो गया, जिसका अर्थ है कि यह 36% की कंपाउंड दर से बढ़ा.
11 फरवरी 2025 के समापन पर पीपीएल का वर्तमान शेयर मूल्य 69.4 रुपये है , जो पिछले 5 वर्षों में 5 रुपये से लगभग 1,290% की बड़ी छलांग है.
कंपनी का शेयर वर्तमान में 27x के प्राइस-टू-अर्निंग्स (PE) मल्टिपल पर कारोबार कर रहा है. पिछले 10 वर्षों का औसत पीई 16x है, जो एक बार फिर यह संकेत देता है कि मौजूदा वैल्युएशन मल्टिपल अपने लॉन्ग टर्म मीडियन के मुकाबले प्रीमियम पर है. पीपीएल पिछले 5 वर्षों से 11% का डिविडेंड पे-आउट रेशियो बनाए हुए है.
क्या इस कंबिनेशन को लॉक किया जाए?
निष्कर्ष के तौर पर, जिन कंपनियों पर कम या कोई कर्ज नहीं होता और उनके निवेश पर रिटर्न (ROCE) अधिक होता है, वे आमतौर पर अच्छी वित्तीय स्थिति में होती हैं. जब अर्थव्यवस्था संघर्ष करती है तो वे अधिक फ्लेक्सिबल होती हैं और मुनाफे को और अधिक बढ़ने के लिए फिर से निवेश करने की क्षमता रखती हैं. यह उन्हें ट्रैक करने के लिए काफी आकर्षक बनाता है, खासकर जब चीजें अनिश्चित लगती हैं, क्योंकि वे स्थिरता और विकास की क्षमता का एक अच्छा मिक्स उपलब्ध कराती हैं. स्मार्ट निवेशक इन कंपनियों को ऐसे बिजनेस को सपोर्ट करने के अवसर के रूप में देखते हैं, जो वित्तीय रूप से जिम्मेदार हैं और अपने पैसे का इस्तेमाल समझदारी से करने में माहिर हैं.
स्टीलकास्ट और प्रीमियर पॉलीफिल्म दो छोटी कंपनियां हैं जो वर्तमान में इस प्रोफ़ाइल में फिट बैठती हैं. मजबूत रिटर्न देने की उनकी क्षमता, ग्रोथ पर उनके फोकस के साथ मिलकर वे अपने शेयर होल्डर्स के लिए संभावित रूप से महत्वपूर्ण वैल्यू क्रिएट कर सकती हैं. बेशक, पिछला प्रदर्शन भविष्य की सफलता की गारंटी नहीं है, और निवेश करने से पहले हमेशा खुद अपने लिए रिसर्च करना और बड़ी आर्थिक तस्वीर पर विचार करना महत्वपूर्ण है. लेकिन ये दो कंपनियां निश्चित रूप से उन लोगों के लिए करीब से देखने लायक हैं, जिन्हें स्मॉल कैप में अच्छे मौकों की तलाश है.
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इस लेख का उद्देश्य केवल दिलचस्प चार्ट, डेटा पॉइंट और विचारोत्तेजक राय साझा करना है. यह कोई सिफारिश नहीं है. अगर आप निवेश पर विचार करना चाहते हैं, तो आपको अपने सलाहकार से परामर्श करने की सलाह दी जाती है. यह लेख केवल शिक्षाप्रद उद्देश्यों के लिए है.
सुहेल खान एक दशक से भी ज़्यादा समय से मार्केट्स को पैशन की तरह फॉलो कर रहे हैं. इस अवधि के दौरान, वे मुंबई के एक प्रमुख इक्विटी रिसर्च संगठन में सेल्स और मार्केटिंग के प्रमुख के रूप में काम कर चुके हैं. फिलहाल वे अपना ज़्यादातर समय भारत के सुपर इनवेस्टर्स के निवेश और रणनीतियों का विश्लेषण करने में बिता रहे हैं.
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