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टैक्स प्रैक्टिशनर्स ने ITR समयसीमा न बढ़ाने पर CBDT की निंदा की Photograph: (AI Generated Image)
इनकम टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन (ITPA) ने पोर्टल क्रैश, एक्सेल यूटिलिटी की देरी से उपलब्धता और रिटर्न दाखिल करने में लगातार आने वाली अन्य तकनीकी दिक्कतों की ओर ध्यान दिलाया है। उनके अनुसार, इन समस्याओं के चलते करदाताओं को समय पर रिटर्न दाखिल करने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
आईटीपीए (ITPA) और टैक्स बार एसोसिएशनों का विरोध
इनकम टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन (ITPA) ने कई अन्य बार और टैक्स एसोसिएशनों के साथ मिलकर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) की आलोचना की है। एसोसिएशनों ने एक प्रस्ताव पारित कर इस बात की निंदा की है कि करदाताओं की लगातार शिकायतों और तकनीकी कठिनाइयों के बावजूद आईटीआर दाखिल करने की समयसीमा नहीं बढ़ाई गई।
संयुक्त रिट याचिका की तैयारी
इसके जवाब में एसोसिएशनों ने कानूनी रास्ता अपनाने का निर्णय लिया है। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में एक संयुक्त रिट याचिका दायर की जाएगी। इस बारे में सीए हिमांक सिंगला ने जानकारी एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की, जहाँ उन्होंने बताया कि पंजाब और आसपास के क्षेत्रों की कई टैक्स बार और चार्टर्ड अकाउंटेंट एसोसिएशन इस प्रयास में एकजुट हो रही हैं।
उन्होंने लिखा—“लगातार गड़बड़ियों और कठिनाइयों के बावजूद CBDT ने आईटीआर की समयसीमा बढ़ाने से इनकार कर दिया। इसके विरोध में ITPA और कई बार/टैक्स एसोसिएशनों ने निंदा प्रस्ताव पारित किया है। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में जल्द ही संयुक्त रिट याचिका दायर की जाएगी।”
सिर्फ एक दिन की मोहलत
मूल रूप से वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर थी। कई कर विशेषज्ञों और प्रैक्टिशनर्स की अपीलों के बाद CBDT ने केवल एक दिन की मोहलत दी और तारीख को बढ़ाकर 16 सितंबर कर दिया।
जो करदाता 16 सितंबर की समयसीमा चूक गए, वे 31 दिसंबर 2025 तक विलंबित रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। हालांकि, उन्हें फाइन देना होगा जो 5 लाख रुपये से कम आय पर 1,000 रुपये और उससे अधिक आय पर 5,000 रुपये होगा । इसके अलावा, बकाया टैक्स पर इंटरेस्ट भी लगेगा। साथ ही, देर से दाखिल रिटर्न में कई विकल्प सीमित हो जाते हैं जैसे—पुराने और नए टैक्स सिस्टम के बीच स्विच करना, घाटे को आगे ले जाना और कुछ कटौतियों का दावा करना।
अन्य एसोसिएशनों की चिंताएँ
इस बीच, कई अन्य एसोसिएशनों ने भी अपनी चिंताएँ जताई हैं। कर्नाटक स्टेट चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एसोसिएशन (KSCAA), एडवोकेट्स टैक्स बार एसोसिएशन (ATBA) और इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) की सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल (CIRC) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को ज्ञापन सौंपा है।
उनकी अपील ई-फाइलिंग आईटीआर पोर्टल पर करदाताओं को परेशान करने वाली विभिन्न तकनीकी समस्याओं को दूर करने पर केंद्रित है।
Note: This content has been translated using AI. It has also been reviewed by FE Editors for accuracy.
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