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इनकम पर बचाना चाहते हैं टैक्स, NPS में पैसे लगाकर उठा सकते हैं फायदा

NPS में पैसे लगाकर निवेशक धारा 80CCD (1) के तहत 1.5 लाख तक टैक्स डिडक्शन का लाभ पा सकते हैं. इसमें IT धारा 80CCD (1B) के तहत भी लाभ मिलता है.

NPS में पैसे लगाकर निवेशक धारा 80CCD (1) के तहत 1.5 लाख तक टैक्स डिडक्शन का लाभ पा सकते हैं. इसमें IT धारा 80CCD (1B) के तहत भी लाभ मिलता है.

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FE Hindi Desk
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NPS for Tax Saving

नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) एक टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट भी है.

Tax benefits of investing in NPS: कड़ाके की ठंड के बीच टैक्स सेविंग सीजन भी दस्तक दे चुका है. हर बार नए साल की शुरूआत के साथ यह सीजन भी आ जाता है. इस सीजन के आते हीं दफ्तरों में एचआर डिपार्टमेंट की ओर से इनवेस्टमेंट प्रूफ से जुड़े डाक्युमेंट्स की मांग की जाती है और एप्लाई भी अपनी टैक्स लायबिलिटी को कस्टमाइज करने और इनकम टैक्स बचाने के लिए उन तमाम इंस्टूमेंट पर ध्यान देना शुरू करते हैं जिससे फायदा हो. उन्हीं टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट में से एक नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) भी है.

एनपीएस के बारे में टाटा पेंशन मैनेजमेंट के सीईओ कुरियन बोस (Kurian Jose) कहते हैं कि यह एक बहुत ही प्रभावी रिटायरमेंट प्रोडक्ट है. एनपीएस में इक्विटी, कॉरपोरेट बॉन्ड, जैसी तमाम फीचर शामिल होते हैं. इसमें पैसे लगाने पर निवेशक को अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट मिलती है. आज भले ही इसके बारे में कम लोग जानते हैं लेकिन टैक्स सेविंग के लिए यह एक बेहद अहम इंस्ट्रूमेंट है. आइए विस्तार से समझते हैं.

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NPS में निवेश पर मिलते हैं टैक्स बेनिफिट

NPSमें पैसे लगाकर कोई भी निवेशक इनकम टैक्स की धारा 80CCD (1) के तहत 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन का लाभ उठा सकता है.

एनपीएस इंस्ट्रूमेंट में विशेष निवेशकों को इनकम टैक्स की धारा 80CCD (1B) के तहत अतिरिक्त 50,000 रुपये टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है. ऐसे निवेशक 2 लाख रुपये तक टैक्स डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं. यह धारा 80C के तहत निवेश पर मिलने वाले 1.5 लाख रुपये तक के टैक्स डिडक्शन से अलग है.

टाटा पेंशन मैनेजमेंट के सीईओ कुरियन बताते है कि ऐसे निवेशक जो कॉर्पोरेट एनपीएस मॉडल के तहत आते हैं वे धारा 80CCD (2) के तहत अपनी बेसिक सैलरी के 10 फीसदी हिस्से पर अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट हासिल कर सकते हैं. यह लाभ 7.5 लाख रुपये (पीएफ, सेवानिवृत्ति निधि और एनपीएस सहित) तक सीमित है.

उपरोक्त सभी टैक्स-रिलेटेड एक्जेंप्शन ( tax-related exemptions) यानी टैक्स बेनिफिट उन लोगों के लिए है जो ओल्ड इनकम टैक्स रिजीम के तहत लाभ लेते हैं, जबकि कॉर्पोरेट एनपीएस मॉडल उन लोगों पर लागू होता है जो न्यू इनकम टैक्स रिजीम के तहत लाभ लेते हैं.

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EEE इंस्ट्रूमेंट है एनपीएस, जानिए इसकी खासियत

पहले बताया जा चुका है कि सब्सक्राइबर एनपीएस में निवेश कर टैक्स डिडक्शन का दावा कर सकते हैं.

बिना किसी टैक्स डिडक्शन के दूसरी एक्जेम्प्ट यानी एक तरह से टैक्स में छूट (Exempt) रिटर्न अर्जित करने वाले निवेश पर लागू होती है.

कुरियन बताते हैं कि 60 फीसदी तक निकासी टैक्स फ्री है. बाकी 40 फीसदी निवेश एन्‍युटी प्लान पर भी टैक्स में छूट का लाभ मिलता है.

बता दें कि EEE इंस्ट्रूमेंट में निवेशक को निवेश रकम, रिटर्न (ब्याज) और मेच्योरिटी, तीनों पर टैक्स में छूट का लाभ मिलता है.

निवेशकों को NPS के बारे में समझना जरूरी है और ऐसा करके वे भी इसके द्वारा दिए जाने वाले विशेष टैक्स बेनिफिट का फायदा उठा सकते हैं.

(Article : Sanjeev Sinha)

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