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How to save income tax: इनकम टैक्स बचाने के कुछ ऐसे तरीके भी हैं, जिनके बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है. इन तरीकों को आजमाकर कानूनी तरीके से टैक्स की बचत की जा सकती है. (Image : Financial Express)
How to save tax, 5 Tax-saving tips: इनकम टैक्स भरने वाले ज्यादातर करदाताओं को टैक्स सेविंग के लोकप्रिय तरीकों के बारे में पता होता है, जिनके जरिए वे टैक्स की बचत कर सकते हैं. इनमें PPF, होमलोन इंटरेस्ट और प्रिंसिपल अमाउंट, ULIP, जीवन बीमा, हेल्थ इंश्योरेंस, बच्चों की स्कूल फीस जैसे इनवेस्टमेंट्स और खर्चे शामिल हैं. उन्हें यह भी पता रहता है कि इनमें किए गए निवेश या खर्च पर उन्हें इनकम टैक्स एक्ट (Income Tax Act) के 80C, 80D, 80 DD और 80G जैसे सेक्शन्स के तहत टैक्स पर छूट मिलेगी. लेकिन टैक्स बचाने के कई ऐसे तरीके भी हैं, जिनके बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं रहती. हम आज आपको ऐसे ही कुछ विकल्पों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनसे आप अपने इनकम टैक्स की भारी बचत कर सकते हैं.
1. स्टैंप ड्यूटी पर भी बचा सकते हैं टैक्स
आपने अगर हाल में घर खरीदा है या खरीदने वाले हैं तो उसके लिए चुकाई गई स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस पर भी टैक्स बचा सकते हैं. यह छूट भी सेक्शन 80C से तहत ही मिलती है. यह जानकारी उन लोगों के लिए खास तौर पर फायदेमंद है, जिन्होंने घर खरीदने के लिए वित्त वर्ष के आखिरी महीनों में होम लोन लिया है और इस वजह से उनका होम लोन प्रिंसिपल री-पेमेंट काफी कम है. ऐसे में अगर उनकी 80C की 1.5 लाख रुपये की सालाना लिमिट पूरी नहीं हो रही है, तो वे स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस को जोड़कर आसानी से 80C का पूरा लाभ ले सकते हैं. ध्यान रखें कि यह लाभ आप उसी वित्त वर्ष के दौरान ले सकते हैं, जब आपने प्रॉपर्टी खरीदी है.
2. माता-पिता के इलाज के खर्च पर टैक्स छूट
सेक्शन 80D के तहत आप अपने और अपने परिवार के हेल्थ इंश्योरेंस के साथ ही साथ अपने पैरेंट्स यानी माता-पिता के मेडिकल खर्च पर भी टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं. 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग पेरेंट्स के लिए यह छूट 50 हजार रुपये तक के खर्च पर क्लेम की जा सकती है. ध्यान रखें कि इलाज पर हुए खर्च पर टैक्स छूट तभी मिलेगी, अगर आपके पेरेंट्स के पास कोई हेल्थ इंश्योरेंस नहीं है. इसके अलावा परिवार के प्रिवेंटिव हेल्थ चेक-अप पर हुए 5 हजार रुपये तक के खर्च पर भी सेक्शन 80D की लिमिट के भीतर टैक्स छूट ली जा सकती है.
3. पेरेंट्स से लिए ‘होम लोन’ पर ब्याज का भुगतान
अगर आपने अपना घर खरीदने के लिए अपने माता-पिता से लोन लिया है और उसके एवज में उन्हें ब्याज अदा करते हैं, तो आप उस पर भी वैसे ही टैक्स छूट ले सकते हैं, जैसे किसी वित्तीय संस्थान से लिए लोन पर क्लेम करते हैं. अगर आपके पेरेंट्स इनकम टैक्स के लिहाज से नीचे के स्लैब में आते हैं, तो यह तरीका ज्यादा फायदेमंद होगा. होम लोन इंटरेस्ट पर टैक्स छूट सेक्शन 24B के तहत एक वित्त वर्ष में अधिकतम 2 लाख रुपये तक के भुगतान पर मिलती है. इस डिडक्शन का लाभ लेने के लिए पेरेंट्स से लिए लोन पर औपचारिक तरीके से ब्याज चुकाना और फिर उनसे इंटरेस्ट पेमेंट का सर्टिफिकेट लेना न भूलें.
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4. पेरेंट्स को किराया देकर बचा सकते हैं टैक्स
अगर आप अपने पेरेंट्स के मालिकाना हक वाले घर में रहते हैं तो उन्हें हर महीने मकान का किराया देकर उस पर HRA (House Rent Allowance) का बेनिफिट हासिल कर सकते हैं. इसके लिए किराया देने का रिकॉर्ड और प्रूफ ठीक से रखना जरूरी है. HRA पर टैक्स छूट सेक्शन 10 (13A) के तहत मिलती है. इसके लिए आपको औपचारिक तौर पर रेंट एग्रीमेंट साइन करके औपचारिक तरीके से रेंट का भुगतान करना चाहिए और किराए के भुगतान की रसीदें भी सबूत के तौर पर सबमिट करनी चाहिए. पूरी प्रक्रिया को कानूनी तौर पर पुख्ता ढंग से करना जरूरी है ताकि आपका क्लेम रिजेक्ट न हो.
5. प्री-नर्सरी की फीस पर डिडक्शन
आप अपने बच्चों की स्कूल फीस पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं, यह बात तो ज्यादातर लोगों को पता होती है, लेकिन यही छूट आप अपने बच्चे के प्लेग्रुप, प्री-नर्सरी और नर्सरी फीस पर भी क्लेम कर सकते हैं. इस टैक्स छूट के बारे में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सर्कुलर नंबर 9/2008 (Dated : 29-9-2008) और सर्कुलर नंबर 8/2007 (Dated : 5-12-2007) में साफ तौर पर स्पष्टीकरण दिया गया है. यह छूट सिर्फ फुल टाइम एजुकेशन के लिए गई एजुकेशन फीस पर ही मिलती है. पार्ट टाइम स्कूल, कोचिंग को दी गई फीस या स्कूल को डेवलपमेंट फीस, ट्रांसपोर्ट या किसी और मद में दी गई फीस पर यह छूट हासिल नहीं है. इसके अलावा यह भी ध्यान में रखें कि यह डिडक्शन अधिकतम दो बच्चों के लिए ही मिलता है.