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Best tax saving investments: टैक्स बचाने के साथ ही साथ बेहतर रिटर्न भी हासिल करना हो, तो इन विकल्पों पर विचार कर सकते हैं. (Image : Pixabay)
Best ways to save income tax and earn good returns: अगर आपने इनकम टैक्स की बचत के लिए जरूरी निवेश की प्लानिंग अब तक नहीं की है, तो अब कर लीजिए. मौजूदा वित्त वर्ष के लिए आखिरी वक्त में टैक्स सेविंग के लिए कुछ निवेश करना हो या अगले वित्त वर्ष के लिए अभी से प्लानिंग करने का इरादा हो, यहां दी गई जानकारी आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है. इन टॉप 5 टैक्स सेविंग ऑप्शन्स (Tax Saving Investments) में निवेश करके आप न सिर्फ टैक्स बचा सकते हैं, बल्कि बेहतर रिटर्न भी हासिल कर सकते हैं.
1. एनपीएस (NPS)
एनपीएस एक ऐसा विकल्प है, जो टैक्स सेविंग के मामले में काफी बेहतर है. इतना ही नहीं, पिछले 5 साल में इसने औसतन 8 फीसदी से ज्यादा सालाना रिटर्न भी दिया है. इसमें निवेश करने पर आपके पैसे रिटायरमेंट तक के लिए लॉक हो जाते हैं. लेकिन अगर आप 80c की लिमिट समाप्त होने के बाद भी निवेश करके टैक्स बचाना चाहते हैं, तो यह आपके लिए बढ़िया विकल्प है. इसमें 1.5 लाख रुपये तक के सालाना निवेश पर सेक्शन 80C के तहत मिलने वाले टैक्स लाभ के अलावा सेक्शन 80CCD(1b) के तहत 50 हजार रुपये के अतिरिक्त निवेश पर भी टैक्स छूट मिलती है.
2. इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS)
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) भी टैक्स सेविंग के लिहाज से काफी बेहतर विकल्प है. इन स्कीम्स ने पिछले 5 साल के दौरान औसतन 18 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है. अच्छी बात यह है कि इसमें निवेश का लॉक-इन पीरियड सिर्फ 3 साल का है, जो बाकी टैक्स सेविंग ऑप्शन्स से कम है. इतना ही नहीं, इक्विटी फंड की कैटेगरी में आने के कारण साल में 1 लाख रुपये तक के मुनाफे पर टैक्स भी नहीं लगता. इससे ज्यादा मुनाफा होने पर 10 फीसदी की दर से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) टैक्स लगता है, जो ऊंचे टैक्स स्लैब में आने वालों के लिए फायदेमंद है. जानकार इसमें SIP के जरिए निवेश को बेहतर मानते हैं, जिससे एवरेजिंग का लाभ मिलता है और बाजार के उतार-चढ़ाव से निवेश के प्रभावित होने का रिस्क कम हो जाता है. लंबे अरसे में वेल्थ क्रिएशन के लिए यह काफी बेहतर विकल्प है.
3. यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP)
टैक्स की बचत के लिहाज से यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) को भी बेहतर विकल्प माना जा सकता है. पिछले 5 साल में इनका एवरेज सालाना रिटर्न भी 8 फीसदी से ऊपर रहा है. टैक्स सेविंग यूलिप में निवेश पर 5 साल का लॉक-इन होता है. इनकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि ULIP की मैच्योरिटी पर मिलने वाला अमाउंट सेक्शन 10(10d) के तहत पूरी तरह टैक्स फ्री है. लेकिन यह लाभ तभी मिलेगा, जब आपके यूलिप प्लान में लाइफ कवरेज सालाना प्रीमियम का कम से कम 10 गुना हो. एक और खास बात ये है कि यूलिप के मामले में पॉलिसी होल्डर अपनी सुविधा के हिसाब से इक्विटी फंड से डेट फंड या डेट फंड से इक्विटी फंड में स्विच कर सकते हैं और उनकी टैक्स देनदारी पर इसका कोई असर नहीं पड़ता! लेकिन एक बात याद रखें कि यूलिप के जरिए मिलने वाला लाइफ कवर आमतौर पर काफी नहीं होता. उस हिसाब से देखने पर यह काफी महंगा प्लान लगेगा. लेकिन टैक्स सेविंग, खास तौर पर मैच्योरिटी अमांउट के टैक्स फ्री होने के कारण यह एक बेहतर विकल्प माना जा सकता है. साथ ही लंबे अरसे तक निवेश को बनाए रखने पर इसमें अच्छा पोस्ट-टैक्स रिटर्न भी हासिल किया जा सकता है.
4. सीनियर सिटिजन्स सेविंग स्कीम (SCSS)
बुजुर्गों यानी 60 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों के लिए सीनियर सिटिजन्स सेविंग स्कीम (SCSS) टैक्स बचाने का बेहतरीन तरीका है. इसमें फिलहाल रिटर्न की मौजूदा दर 8 फीसदी से अधिक है. इसमें किए गए निवेश पर 5 साल का लॉक-इन लागू होता है. इसके बाद स्कीम को 3-3 साल के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है. हालांकि इसमें मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम टैक्सेबल होती है, लेकिन सीनियर सिटिजन्स को साल में 50 हजार रुपये तक के ब्याज पर टैक्स नहीं देना पड़ता. इसमें एक व्यक्ति अधिकतम 30 लाख रुपये तक निवेश कर सकता है. पहली बार निवेश की गई रकम पर 80सी के तहत टैक्स लाभ मिलता है, लेकिन अकाउंट के रिन्यूअल पर ये लाभ नहीं मिलता.
5. सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)
बेटी के नाम पर निवेश को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई इस स्कीम पर फिलहाल 8.2 फीसदी की सालाना दर से ब्याज मिल रहा है. इसमें निवेश वही लोग कर सकते हैं, जिनकी बेटी की उम्र 10 साल या उससे कम है. इसमें निवेश किए गए पैसे बेटी की उम्र 18 साल होने तक के लिए लॉक हो जाती है. इसमें किए गए निवेश पर 80सी के तहत टैक्स छूट मिलती है और मैच्योरिटी अमाउंट भी टैक्स फ्री होता है. इस स्कीम के तहत खोले गए खाते में एक साल में अधिकतम 1.5 लाख रुपये की रकम ही जमा की जा सकती है. मां-बाप अधिकतम दो बेटियों के लिए यह खाते खोल सकते हैं, लेकिन दोनों खातों को मिलाकर जमा की गई रकम भी साल में 1.5 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. फिलहाल यह स्कीम EEE लाभ देने वाली सभी स्कीम में सबसे ज्यादा फिक्स्ड रिटर्न दे रही है.
सही टैक्स रिजीम का चुनाव जरूर कर लें
एक बात जरूर याद रखें कि अगर आप होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट, इंटरेस्ट पेमेंट से लेकर सेक्शन 80C के तहत आने वाले इनवेस्टमेंट ऑप्शन्स के जरिए टैक्स बचाना चाहते हैं, तो पुरानी टैक्स रिजीम को सेलेक्ट करना न भूलें. अगर ऐसा नहीं किया, तो इस साल से आपको डिफॉल्ट के तौर पर यानी अपने आप न्यू टैक्स रिजीम में डाल दिया जाएगा. और तब आपके पास टैक्स बचाने के ज्यादा मौके नहीं रहेंगे. हां, अगर आपकी सालाना आमदनी 7 लाख रुपये से कम है, तब तो नई टैक्स रिजीम आपके लिए फायदे का सौदा हो सकती है.
(डिस्क्लेमर: इस लेख का मकसद सिर्फ जानकारी मुहैया कराना है. निवेश का कोई भी फैसला अपने निवेश सलाहकार की राय लेकर ही करें.)