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5 Star Rated ELSS Funds ने पिछले 5 साल में जबरदस्त रिटर्न देते हुए निवेशकों के पैसों को 3 से 5 गुना तक कर दिया है. (Image : Pixabay)
Why Invest in 5 Star Rated ELSS Funds: इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) में निवेश करके न केवल टैक्स बचत की जा सकती है, बल्कि लंबी अवधि में बेहतरीन रिटर्न भी मिलते हैं. कई टॉप रेटेड ELSS फंड्स ने पिछले 5 साल में जबरदस्त रिटर्न देते हुए निवेशकों की पूंजी को 3 से 5 गुना तक कर दिया है. इतना ही नहीं, इन फंड्स ने SIP के जरिये किए गए निवेश पर भी 250% तक एब्सोल्यूट रिटर्न दिया है.
5 स्टार रेटिंग वाले टॉप 4 ELSS फंड्स का पिछला प्रदर्शन
5 स्टार रेटिंग वाले टॉप 4 ELSS फंड्स में क्वांट (Quant), एसबीआई (SBI MF), बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India MF) और पराग पारीख (Parag Parikh) की म्यूचुअल फंड स्कीम्स शामिल हैं.
1. Quant ELSS Tax Saver (Direct Plan)
- 5 साल में एकमुश्त निवेश पर सालाना रिटर्न: 37.73%
- 1 लाख रुपये के एकमुश्त निवेश की 5 साल बाद वैल्यू : 4,95,613 रुपये
- 5 साल में SIP पर रिटर्न (एन्युलाइज्ड): 38.27%
- 5000 रुपये की मंथली SIP की 5 साल बाद वैल्यू: 7,60,611 रुपये
यह फंड सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाले ELSS फंड्स में से एक है. पिछले 5 सालों में इसने एकमुश्त और SIP दोनों के जरिए निवेशकों को काफी अच्छा रिटर्न दिया है. इस फंड में एकमुश्त निवेश पर 3 साल का रिटर्न 27.28% और 10 साल का रिटर्न 24.44% रहा है.
2. Bank of India ELSS Tax Saver Fund (Direct Plan)
- 5 साल में एकमुश्त निवेश पर सालाना रिटर्न: 29.02%
- 1 लाख रुपये के एकमुश्त निवेश की 5 साल बाद वैल्यू : 3,57,508 रुपये
- 5 साल में SIP पर रिटर्न (एन्युलाइज्ड): 30.39%
- 5000 रुपये की मंथली SIP की 5 साल बाद वैल्यू: 6,32,970 रुपये
एकमुश्त निवेश पर इस फंड का 3 साल का रिटर्न 20.82% और 10 साल का रिटर्न 18.95% है.
3. SBI Long Term Equity (Direct Plan)
- 5 साल में एकमुश्त निवेश पर सालाना रिटर्न: 27.89%
- 1 लाख रुपये के एकमुश्त निवेश की 5 साल बाद वैल्यू : 3,42,124 रुपये
- 5 साल में SIP पर रिटर्न (एन्युलाइज्ड): 33.84%
- 5000 रुपये की मंथली SIP की 5 साल बाद वैल्यू: 6,86,329 रुपये
SBI के इस ELSS फंड में एकमुश्त निवेश पर 3 साल का रिटर्न 28.63% और 10 साल का रिटर्न 16.68% है.
4. Parag Parikh ELSS Tax Saver (Direct Plan)
- 5 साल में एकमुश्त निवेश पर सालाना रिटर्न: 26.54%
- 1 लाख रुपये के एकमुश्त निवेश की 5 साल बाद वैल्यू : 3,24,444 रुपये
- 5 साल में SIP पर रिटर्न (एन्युलाइज्ड): 28.8%
- 5000 रुपये की मंथली SIP की 5 साल बाद वैल्यू: 6,09,569 रुपये
यह ELSS फंड भी निवेशकों के लिए टैक्स बचत के साथ अच्छा रिटर्न प्रदान करता है. एकमुश्त निवेश पर इसका 3 साल का रिटर्न 21.85% है. 10 साल पहले इस फंड का डायरेक्ट प्लान उपलब्ध नहीं था.
ELSS फंड्स में निवेश पर टैक्स बेनिफिट
ELSS को लॉन्ग टर्म में वेल्थ क्रिएशन के साथ ही साथ टैक्स सेविंग के लिए भी काफी बेहतर स्कीम माना जाता है. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत ELSS में एक वित्त वर्ष के दौरान अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स में छूट मिलती है. ELSS फंड्स का केवल 3 साल का लॉक-इन पीरियड भी बाकी टैक्स सेविंग स्कीम्स की तुलना में सबसे कम है. मिसाल के तौर पर PPF का मैच्योरिटी पीरियड 15 साल का होता है और टैक्स बचत फिक्स्ड डिपॉजिट का लॉक-इन पीरियड 5 साल का होता है. 3 साल के लॉक-इन के बाद ELSS फंड की यूनिट्स बेचने से एक वित्त वर्ष में हुए 1.25 लाख रुपये तक मुनाफे पर कोई इनकम टैक्स नहीं भरना पड़ता. इससे ज्यादा मुनाफा होने पर 12.5% की दर से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (LTCG) देना होता है. यह भी ऊंचे टैक्स स्लैब में आने वाले टैक्स पेयर्स के लिए फायदेमंद है. यही वजह है कि टैक्स में बचत के लिहाज से ELSS फंड्स को काफी बेहतर स्कीम माना जाता है. इसके अलावा मुख्य रूप से इक्विटी में निवेश करने की वजह से ELSS फंड्स में किए गए निवेश पर PPF और टैक्स सेविंग FD की तुलना में काफी अधिक रिटर्न मिलता है.
सावधानी से करें निवेश
ELSS फंड्स की तमाम खूबियों के बावजूद यह बात हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए कि इक्विटी में निवेश करने के कारण इनके साथ मार्केट रिस्क हमेशा जुड़ा रहता है. इनका रिटर्न एफडी या पीपीएफ की तरह फिक्स नहीं होता. साथ ही ELSS फंड्स के पिछले रिटर्न को भविष्य में वैसे ही प्रदर्शन की गारंटी नहीं माना जा सकता. इसलिए ELSS में निवेश का फैसला करते समय अपने रिस्क प्रोफाइल का ध्यान रखें और हमेशा लंबी अवधि के लिए ही निवेश करें.
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का उद्देश्य सिर्फ स्कीम की जानकारी देना है, निवेश की सिफारिश करना नहीं. म्यूचुअल फंड के पिछले रिटर्न को भविष्य में वैसे ही प्रदर्शन की गारंटी नहीं माना जा सकता. निवेश का कोई भी फैसला अपने निवेश सलाहकार की राय लेने के बाद ही करें.)