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Top Infrastructure Funds ने पिछले 5 साल में दिया हाई रिटर्न, बजट के बाद कैसा रहेगा ट्रेंड? (Image: Pixabay)
Infrastructure Mutual Funds : What will be the trend after budget : भारत सरकार पिछले कई वर्षों के दौरान देश के बुनियादी ढांचे के विकास पर होने वाले खर्च में काफी इजाफा करती रही है. साल-दर साल बजट एलोकेशन के जरिए भी इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाया गया है. हाईवे, एक्सप्रेसवे, एयरपोर्ट और रेलवे जैसी बुनियादी सुविधाओं के विस्तार के लिए होने वाले इस कैपिटल एक्सपेंडीचर से इन सेक्टर्स से सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ी कंपनियों को भी फायदा हुआ है. इतना ही नहीं, ऐसी कंपनियों के शेयरों में निवेश करने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर म्यूचुअल फंड्स ने भी पिछले 5 साल में अपने निवेशकों को जमकर मुनाफा दिया है.
इंफ्रास्ट्रक्चर फंड यानी ग्रोथ स्टोरी में आम निवेशकों की हिस्सेदारी
देश के टॉप 10 इंफ्रास्ट्रक्चर फंड्स के ताजा आंकड़ों को देखें, तो पिछले 5 साल के दौरान इनके सालाना रिटर्न 38-39 फीसदी की ऊंचाई तक पहुंचे हैं. इन म्यूचुअल फंड्स के जरिए देश के आम निवेशकों को भी भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की ग्रोथ स्टोरी में शामिल होने का अवसर मिला है. देश के टॉप इंफ्रास्ट्रक्चर फंड्स के पिछले 5 साल के रिटर्न के शानदार आंकड़े खुद इस बात की गवाही दे रहे हैं.
टॉप 10 इंफ्रास्ट्रक्चर म्यूचुअल फंड के रिटर्न के आंकड़े
1. Quant Infrastructure Fund
5 साल का औसत सालाना रिटर्न (रेगुलर) : 36.74%
5 साल का औसत सालाना रिटर्न (डायरेक्ट) : 38.56%
2. Invesco India Infrastructure Fund
5 साल का औसत सालाना रिटर्न (रेगुलर) : 30.86%
5 साल का औसत सालाना रिटर्न (डायरेक्ट) : 32.68%
3. Nippon India Power & Infra Fund
5 साल का औसत सालाना रिटर्न (रेगुलर) : 29.32%
5 साल का औसत सालाना रिटर्न (डायरेक्ट) : 30.12%
4. Bank of India Manufacturing & Infrastructure Fund
5 साल का औसत सालाना रिटर्न (रेगुलर) : 29.18%
5 साल का औसत सालाना रिटर्न (डायरेक्ट) : 30.84%
5. ICICI Prudential Infrastructure Fund
5 साल का औसत सालाना रिटर्न (रेगुलर) : 28.65%
5 साल का औसत सालाना रिटर्न (डायरेक्ट) : 29.39%
6. Canara Robeco Infrastructure Fund
5 साल का औसत सालाना रिटर्न (रेगुलर) : 28.29%
5 साल का औसत सालाना रिटर्न (डायरेक्ट) : 29.67%
7. Bandhan Infrastructure Fund
5 साल का औसत सालाना रिटर्न (रेगुलर) : 28.16%
5 साल का औसत सालाना रिटर्न (डायरेक्ट) : 29.66%
8. Kotak Infrastructure and Economic Reform Fund
5 साल का औसत सालाना रिटर्न (रेगुलर) : 27.51%
5 साल का औसत सालाना रिटर्न (डायरेक्ट) : 29.22%
9. Tata Infrastructure Fund
5 साल का औसत सालाना रिटर्न (रेगुलर) : 27.32%
5 साल का औसत सालाना रिटर्न (डायरेक्ट) : 28.38%
10. LIC MF Infrastructure Fund
5 साल का औसत सालाना रिटर्न (रेगुलर) : 27.03%
5 साल का औसत सालाना रिटर्न (डायरेक्ट) : 28.37%
5 साल में 200% से ज्यादा एब्सोल्यूट रिटर्न !
ऊपर दिए आंकड़ों के हिसाब से क्वांट इंफ्रास्ट्रक्चर फंड इस कैटेगरी का नंबर वन फंड रहा है. इस फंड में SIP पर 5 साल का एन्युलाइज्ड रिटर्न और भी शानदार, 47.7 फीसदी रहा है. वैल्यू-रिसर्च के कैलकुलेशन के हिसाब से अगर इस स्कीम में किसी ने 5 साल पहले 10 हजार रुपये महीने की SIP शुरू की होगी, तो उसकी मौजूदा फंड वैल्यू 18.83 लाख रुपये होगी, जबकि 5 साल में उसने जमा किए होंगे महज 6 लाख रुपये. यानी एसआईपी के जरिये किए गए कुल निवेश पर इस स्कीम ने 5 साल में 213 फीसदी से ज्यादा एब्सोल्यूट रिटर्न दिया है.
इंफ्रास्ट्रक्चर में तेजी जारी रहने की उम्मीद
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 18वीं लोकसभा के साझा सत्र में दिए अपने भाषण में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर काफी जोर दिया है. इस दौरान उन्होंने न सिर्फ देश में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए किए जा रहे कामकाज का ब्योरा पेश किया, बल्कि आने वाले दिनों में इसे जारी रखने का संकल्प जाहिर करते हुए कहा, “वंदे मेट्रो जैसी कई योजनाओं पर काम चल रहा है. भारत का पब्लिक ट्रांसपोर्ट, दुनिया में बेहतरीन हो, इस लक्ष्य के साथ मेरी सरकार काम कर रही है…इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास इस दिशा में बदलते भारत की नई तस्वीर के रूप में उभरा है…आज भारत में नेशनल हाईवेज और एक्सप्रेसवेज का जाल बिछ रहा है...मेरी सरकार ने उत्तर, दक्षिण और पूर्वी भारत में बुलेट ट्रेन कॉरिडोर्स के लिए फिजिबिलिटी स्टडीज शुरू करने का फैसला किया है…पहली बार देश में अंतर्देशीय जलमार्गों के विकास पर इतने व्यापक रूप से काम शुरू हुआ है” राष्ट्रपति का अभिभाषण दरअसल केंद्र सरकार की तरफ से ही तैयार किया जाता है. इस लिहाज से देखें तो उनके भाषण यही संकेत मिलता है कि न सिर्फ आने वाले बजट में बल्कि अगले 5 साल तक इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर सरकार का फोकस जारी रहने वाला है. जाहिर है, इसका फायदा इस सेक्टर से जुड़ी कंपनियों और उनमें निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड्स को भी मिलेगा.